एंबुलेंस प्रकरणः मुख्तार अंसारी के फरार सहयोगी हाजिर न हुए तो कुर्क होगी संपत्ति

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Published : Sep 25, 2021, 1:21 PM IST

मुख्तार अंसारी के फरार दो सहयोगी की तलाश तेज.

चर्चित एंबुलेंस मामले (ambulance case) में मुख्तार अंसारी के फरार सहयोगियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने सख्ती करनी शुरू कर दी है. 25-25 हजार रुपये के इनामिया इन दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट से धारा 82 के तहत आदेश लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. दोनों के कोर्ट में हाजिर न होने की दशा में इनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है.

बाराबंकी (barabanki): पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) से जुड़े एंबुलेंस मामले (ambulance case) में आरोपी अफरोज खां उर्फ चुन्नू निवासी महरूपुर थाना मोहम्मदाबाद जिला गाजीपुर और जफर उर्फ चंदा निवासी सदर रोड मोहम्मदाबाद जिला गाजीपुर फरार हैं. इन दोनों पर पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. ये दोनों अभी पुलिस गिरफ्त में नहीं आ सके हैं. ऐसे में पुलिस ने कोर्ट से सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्रवाई का आदेश मांगा था. इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.


इस मामले में निरुद्ध आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने के लिए जिला कारागार अधीक्षक बांदा, प्रतिसार निरीक्षक बांदा, जिला कारागार अधीक्षक लखनऊ, जिला कारागार अधीक्षक रोपड़, पंजाब और प्रतिसार निरीक्षक रूपनगर, रोपड़ से अभियुक्त मुख्तार अंसारी को पेशी पर ले जाने वाले वाहन और ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों का विवरण मांगा गया है.

फर्जी दस्तावेज के आधार पर पंजीकृत कराई गई एंबुलेंस मामले में बीती दो अप्रैल को नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419/420/467/468/471/120बी/177/506 आईपीसी और 07 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट के तहत दर्ज इस मुकदमे में अलका राय, शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, आनंद यादव, मोहम्मद शुएब मुजाहिद, सलीम, अली मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, फिरोज कुरैशी, शाहिद और सुरेंद्र शर्मा को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, जबकि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में निरुद्ध है.

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यह है एंबुलेंस प्रकरण

फर्जी दस्तावेजों की मदद से वर्ष 2013 में एक एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. इस एंबुलेंस का इस्तेमाल पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के लिए किया जा रहा था. पंजाब की रोपण जेल में बंद मुख्तार को पेशी पर इसी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट ले जाने की वजह से यह एंबुलेंस चर्चा में आई थी. बाराबंकी जिले की UP41 AT 7171 नंबर वाली इस एंबुलेंस को लेकर हड़कंप मच गया था. जब बाराबंकी एआरटीओ ने इसकी जांच की तो पता चला कि ये एंबुलेंस डॉ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत कराई गई है. इसके बाद इसका रिनिवल भी नहीं कराया गया. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.

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