ETV Bharat / state

लखनऊ: दुर्घटना के बाद भी नहीं सुधर रहे स्कूली वैन ड्राइवर, देंखे सच

author img

By

Published : Jul 16, 2019, 12:53 PM IST

लखनऊ सड़क दुर्घटना में तीन बच्चे घायल.

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को सड़क दुर्घटना में तीन बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए थे. बावजूद इसके अभी भी स्कूली वैन ड्राइवर वैन में ठूंस-ठूंसकर बच्चे बिठा रहे हैं. परिवहन विभाग और प्रशासन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ईटीवी भारत ने स्थिति की पड़ताल की तो लापरवाही का सच सामने आ गया.

लखनऊ: स्कूली वैन से आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के बावजूद ड्राइवर सुधर नहीं रहे हैं और परिवहन विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं. सोमवार को गोमती नगर के समतामूलक चौराहे पर रॉन्ग साइड से आ रहे स्कूली वैन ने रोडवेज बस से टकरा गई. हादसे में तीन बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए. बावजूद इसके अभी भी स्कूली वैन ड्राइवर बच्चों को वैन में ठूंस-ठूंसकर बिठा रहे हैं.

लखनऊ सड़क दुर्घटना में तीन बच्चे घायल.

यहीं नहीं समतामूलक चौराहे पर जो वैन बस से टकराई उसके ड्राइवर के पास एक साल पुराना लाइसेंस था. ऐसे में अब परिवहन विभाग उसका लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी कर रहा है.

क्या था मामला

  • राजधानी के समतामूलक चौराहे पर सोमवार को दुर्घटना में तीन बच्चे जख्मी हो गए थे.
  • दुर्घटना के बाद 'ईटीवी भारत' ने ला मार्टिनियर स्कूल के बाहर स्कूली वैन में बच्चों के बैठने की व्यवस्था की पड़ताल की.
  • पड़ताल में सामने आया कि ड्राइवर बच्चों को परिवहन विभाग के मानकों के मुताबिक न बैठाकर अपने बनाए नियमों से ही बिठाते हैं.
  • इसके अलावा राजधानी में अनफिट स्कूली वाहन धड़ल्ले से बच्चों को बिठाकर दौड़ रहे हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है.

ये है स्कूली वाहनों का रिकॉर्ड

  • आरटीओ ऑफिस में कांट्रैक्ट कैरिज पर 2471 वाहन पंजीकृत हैं जिसमें 220 बस और 2251अन्य वाहन हैं.
  • स्कूलों के नाम लगभग 1550 के ऊपर वाहन पंजीकृत हैं,1114 बस और 447 अन्य वाहन पंजीकृत हैं.
  • राजधानी में 6000 से अधिक गाड़ियां बिना स्कूली वाहन होते हुए भी स्कूली बच्चों को ढो रही हैं.

प्रदेश में कब-कब हुए स्कूली वाहन से हादसे

  • 25 अप्रैल 2009 गाजीपुर में स्कूल रोडवेज बस भिड़ी, लामार्ट के तीसरी कक्षा के छात्र की मौत.
  • 15 जुलाई 2009 मोहनलालगंज में स्कूली बच्चों से भरा टेंपो ट्रक से भिड़ा, छात्रा की मौत,13 घायल.
  • 5 मार्च 2010 मोहनलाल गंज में 40 बच्चों से भरी स्कूली बस पलटी, 13 घायल.
  • 23 अप्रैल 2010 सिटी बस ने स्कूली बच्चों से भरे रिक्शे पर टक्कर मारी, दो जख्मी.
  • 27 अप्रैल 2010 स्कूली बस और मारुति कार में भिड़ंत 6 बच्चे पहुंचे हॉस्पिटल, दो गंभीर रूप से घायल.
  • 18 फरवरी 2012 मलिहाबाद में स्कूली बस ट्रक से जा भिड़ी एक बच्चे की मौत.
  • 21 सितंबर 2013 मशकगंज इलाके में एक स्कूली वैन में अपने आप लगी आग, कोई हताहत नहीं.
  • 26 अप्रैल 2014 आशियाना के पास स्कूली वाहन खड़े डंपर से जा भिड़ी, छात्रों को मामूली चोट.
  • 3 सितंबर 2015 चौक में स्कूली वैन में अपने आप लगी आग, बच्चों को वैन से निकाला गया.
  • 15 अप्रैल 2017 गोमती नगर में स्कूली वैन पलटी, 4 छात्र गंभीर रूप से चोटिल.

यह है सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन

  • 14 साल से ऊपर के बच्चे सीटिंग क्षमता के अनुसार ही बिठाए जाएं.
  • 12 साल तक के बच्चे सीटिंग क्षमता से दोगुना ज्यादा बिठा सकते हैं.
  • वाहन का शैक्षणिक संस्था के नाम से ही पंजीकरण होना चाहिए.
  • वाहन पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर होना चाहिए.
  • प्रत्येक स्कूली वाहन में बच्चों की सूची, नाम, पता, कक्षा, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट होना चाहिए.
  • स्कूली वाहन चालकों को निर्धारित ड्रेस पहनना अनिवार्य

समतामूलक चौराहे पर रॉन्ग साइड से स्कूल वैन जा रही थी. जिसकी बस से टक्कर हो गई है दुर्घटना दुखद है. पता चला है कि ड्राइवर का लाइसेंस 1 साल पुराना था. वह स्कूली बच्चे ढो रहा था, ऐसे में लाइसेंस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गंगाफल, एडीशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर

Intro:दुर्घटना के बाद भी सुधर नहीं रहे स्कूली ड्राइवर, वैन में ठूंसकर भर रहे हैं बच्चे

लखनऊ। स्कूली वैन से आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के बावजूद ड्राइवर सुधर नहीं रहे हैं और परिवहन विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। आज गोमती नगर के समतामूलक चौराहे पर रॉन्ग साइड से स्कूली वैन के रोडवेज बस से दुर्घटनाग्रस्त होने में तीन बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए, बावजूद इसके अभी भी स्कूली वैन ड्राइवर वैन में ठूंस-ठूंसकर बच्चे बिठा रहे हैं और परिवहन विभाग के अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। समतामूलक पर जो वैन बस से टकराई उसके ड्राइवर के पास एक ही साल पुराना लाइसेंस था, ऐसे में अब परिवहन विभाग उसका लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी कर रहा है।


Body:भदोही और कुशीनगर में पिछले साल स्कूल वाहनों के बड़े हादसे के बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं, वही ड्राइवर सुधर नहीं रहे हैं। लिहाजा, दोनों तरफ से बच्चों की जान पर ही बनी हुई है। ड्राइवरों की लापरवाही का ही नतीजा है कि बच्चों की जान खतरे में है। आज समतामूलक चौराहे पर दुर्घटना में तीन बच्चों के जख्मी होने के बाद जब 'ईटीवी भारत' ने ला मार्टिनियर स्कूल के बाहर स्कूली वैन में बच्चों के बैठने की व्यवस्था की पड़ताल की तो सामने आया कि ड्राइवर बच्चों को परिवहन विभाग के मानकों के मुताबिक न बिठाकर अपने बनाए नियमों से ही बिठा रहे हैं। इसके अलावा राजधानी में अनफिट स्कूली वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं, लेकिन इन वैन से स्कूल जा रहे मासूमों का सफर कितना सुरक्षित है इस पर ध्यान देने का समय न तो अभिभावकों के पास है और न ही अधिकारियों के पास।

ये है स्कूली वाहनों का रिकॉर्ड
आरटीओ ऑफिस में कांट्रैक्ट कैरिज पर 2471 वाहन पंजीकृत हैं जिसमें 220 बस और 2251 और अन्य वाहन हैं। स्कूलों के नाम लगभग 1550 के ऊपर वाहन पंजीकृत हैं। 1114 बस और 447 अन्य वाहन पंजीकृत हैं। अन्य गाड़ियां बिना फिटनेस के ही रोड पर दौड़ रही हैं। राजधानी में 6000 से अधिक बिना स्कूली वाहन होते हुए भी स्कूली बच्चों को ढो रही हैं।

कब-कब हुए स्कूली हादसे

-25 अप्रैल 2009 गाजीपुर में स्कूल रोडवेज बस भिड़ी, लामार्ट के तीसरी कक्षा के छात्र की मौत
- 15 जुलाई 2009 मोहनलालगंज में स्कूली बच्चों से भरा टेंपो ट्रक से भिड़ा, छात्रा की मौत,13 घायल
-5 मार्च 2010 मोहनलाल गंज में 40 बच्चों से भरी स्कूली बस पलटी, 13 घायल
-23 अप्रैल 2010 सिटी बस ने स्कूली बच्चों से भरे रिक्शे पर टक्कर मारी, दो जख्मी
-27 अप्रैल 2010 स्कूली बस और मारुति कार में भिड़ंत 6 बच्चे पहुंचे हॉस्पिटल, दो गंभीर रूप से घायल
- 18 फरवरी 2012 मलिहाबाद में स्कूली बस ट्रक से जा भिड़ी एक बच्चे की मौत
- 21 सितंबर 2013 मशकगंज इलाके में एक स्कूली वैन में अपने आप लगी आग, कोई हताहत नहीं
- 26 अप्रैल 2014 आशियाना के पास स्कूली वाहन खड़े डंपर से जा भिड़ी, छात्रों को मामूली चोट
- 3 सितंबर 2015 चौक में स्कूली वैन में अपने आप लगी आग, बच्चों को वैन से निकाला गया
- 15 अप्रैल 2017 गोमती नगर में स्कूली वैन पलटी, 4 छात्र गंभीर रूप से चोटिल।

यह है सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन

-14 साल से ऊपर के बच्चे सीटिंग क्षमता के अनुसार ही बिठाए जाएं
- 12 साल तक के बच्चे सीटिंग क्षमता से दोगुना ज्यादा बिठा सकते हैं
- वाहन का शैक्षणिक संस्था के नाम से ही पंजीकरण होना चाहिए
- वाहन पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर होना चाहिए
- वाहन पर लिखे नंबर की समय-समय पर जांच जरूरी
-प्रत्येक स्कूली वाहन में बच्चों की सूची, नाम, पता, कक्षा, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट होना चाहिए
- स्कूली वाहन चालकों को ड्रेस पहनना अनिवार्य
- 15 जुलाई 2019 समतामूलक चौराहे पर रॉन्ग साइड से आ रही स्कूली वैन की बस से टक्कर, तीन बच्चे जख्मी

बाइट: गंगाफल, एडीशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर


समतामूलक चौराहे पर रॉन्ग साइड से स्कूल वैन जा रही थी। जिसकी बस से टक्कर हो गई है दुर्घटना दुखद है। पता चला है कि ड्राइवर का लाइसेंस 1 साल पुराना था और वह स्कूली बच्चे ढो रहा था, ऐसे में लाइसेंस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।






Conclusion:इतने हादसों के बावजूद अभी तक परिवहन विभाग की तरफ से स्कूली वाहन चालकों पर किसी तरह की कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते ही बिना लाइसेंस के ही स्कूली वाहन बच्चों को ढो रहे हैं। इतना ही नहीं जो स्कूली वाहन के रूप में आरटीओ में पंजीकृत नहीं हैं वे भी मासूमों को ढोकर उनकी जान से खेल रही हैं। अब सवाल यह है कि कब परिवहन विभाग के अधिकारी जागेंगे और मासूमों के साथ हो रहे खिलवाड़ पर रोक लगाएंगे।

अखिल पांडेय, 9336864096
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.