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लखनऊ: त्योहारों को लेकर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन, जानिए कितने लोग शामिल हो सकते हैं पूजा पंडाल में

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Published : Oct 9, 2020, 6:28 PM IST

अक्टूबर माह से दिसंबर माह तक मनाए जाने वाले त्योहारों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एक गाइडलाइन जारी की गई है. सरकार के निर्देश के अनुसार सार्वजनिक रूप से आरती पूजा पंडाल में 200 लोगों से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे.

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त्योहारों को लेकर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर माह से दिसंबर माह तक मनाए जाने वाले त्योहारों के लिए आज गाइडलाइन जारी की है. अक्टूबर माह में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा वारावफात, नवंबर में दीपावली, छठ पूजा और दिसंबर माह में कार्तिक पूर्णिमा, क्रिसमस का त्योहार मनाया जाना है. जिसमें जगह-जगह प्रतिमा स्थापना धार्मिक पूजा,मेला,प्रदर्शनी, जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. जिसमें भारी जनसमूह जुटने की संभावना है.

कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एक गाइडलाइन जारी की गई है. मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजेंद्र कुमार तिवारी ने तत्काल प्रभाव से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है. सरकार के निर्देश के अनुसार सार्वजनिक रूप से आरती पूजा पंडाल में 200 लोगों से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे. सरकार की नई गाइडलाइन में बुजुर्गों बच्चों और बीमार लोगों को आयोजन से दूर रखने सलाह दी गई है. वही त्यौहार में सम्मिलित स्टाफ और आगंतुकों को मास्क और सेनीटाइजर के साथ ही प्रवेश की अनुमति होगी.



कार्यक्रम स्थल के विषय में गाइडलाइन

-कार्यक्रम स्थल के लिए विस्तृत साइट प्लान तैयार किया जाए जिसमें शारीरिक दूरी बनाए रखने थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के मानक की सुविधा हो

-कार्यक्रम स्थल पर दर्शकों और आगंतुकों के प्रवेश एवं विकास के अलग-अलग रास्ते सुनिश्चित किए जाएंगे.


-केवल वही स्टाफ तथा दर्शक प्रवेश के लिए अनुमन्य होंगे जिनमें किसी भी प्रकार की कोई भी के लक्षण नहीं होंगे. यदि किसी में लक्षण पाया जाता है तो उसे प्रवेश के लिए मना किया जाएगा.


-सभी स्टाफ तथा दर्शकों को फेस मास्क का उपयोग तथा कार्यक्रम स्थल के अंदर तथा बाहर शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.


-सामूहिक खानपान कार्यक्रम में भोजन बनाने वितरण एवं और शेष वस्तुओं के डिस्पोजल आदि में शारीरिक दूरी के नियमों तथा स्वच्छता एवं हाइजीन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.


-कार्यक्रम स्थल विशेषकर बारंबार प्रयोग में आने वाले स्थलों जैसे दरवाजे के हैंडल ,लिफ्ट के बटन, लगने वाले बैरिकेट्स, सीट बेंच ,बाथरूम की टोटी आदि की नियमित रूप से सफाई एवं सैनिटाइजेशन का काम बार-बार किया जाएगा.


-शारीरिक दूरी तथा मास्क पहनने के मानकों के अनुपालन के निगरानी हेतु क्लोज सर्किट कैमरा लगवाने पर भी विचार कर लिया जाए.

कार्यक्रम आयोजन के विषय में

*कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार के विषय में गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी.


*कार्यक्रम आयोजक द्वारा अपने स्टाफ हेतु आवश्यकता अनुसार सुरक्षात्मक संसाधन, फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर, सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.


*थर्मल स्क्रीनिंग, शारीरिक दूरी तथा मास्क को सुनिश्चित करने हेतु वालंटियर की तैनाती की जाए.


*आयोजकों द्वारा स्पर्श रहित भुगतान की व्यवस्था की जाए तथा कार्यक्रम स्थलों पर क्या किया जाए, क्या न किया जाए, कम मार्ग निर्देश भी प्रदर्शित किया जाए


कार्यक्रम आयोजक एवं कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों के विषय में-
*65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर सुरक्षित रहने की सलाह दी जाए. यह कार्यक्रम के आयोजकों एवं प्रबंधकों व उनके कर्मियों पर भी लागू होगा.


*ऑर्गेनिक स्थलों पर सभी व्यक्ति यथासंभव 6 फीट की दूरी बनाए रखें. फेस कवर मास्क का प्रयोग अनिवार्य करें. साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक नियमित रूप से हाथ धो लें तथा अल्कोहल युक्त हैंड सेनीटाइजर का प्रयोग करें.


*किसी भी बीमार व्यक्ति की सूचना तथा स्वयं के स्वास्थ्य की निगरानी के विषय में सूचना राज्य, जिला हेल्पलाइन पर दी जाए.
*आरोग्य सेतु एप का प्रयोग सभी को करने की सलाह दी जाए.

कार्यक्रम के दौरान संदिग्ध पॉजिटिव व्यक्ति पाए जाने की स्थिति में-

*कार्यक्रम प्रदर्शन रैली आदि के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 पाए जाने पर जब तक उसे चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो जाती है तब तक के लिए आइसोलेट करने हेतु स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.


*आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति फेस कवर को नियमित धारण किए रहेगा, जब तक कि उसे चिकित्सक के द्वारा परीक्षण कर लिया ना जाए

रैली-जुलूस-मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के संबंध में-

*मूर्तियों की स्थापना, पारंपरिक परंतु खाली स्थान पर ही की जाए .उसका आकार छोटा रखा जाए तथा मैदान की क्षमता से अधिक लोग न हो.


* सड़क पर कोई मूर्ति, ताजिया न रखी जाए. आवश्यकतानुसार वैकल्पिक व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन आयोजन समितियों से विचार विमर्श कर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करें.


*मूर्ति विसर्जन में यथासंभव छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाए. मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम में न्यूनतम व्यक्ति ही सम्मिलित रहे.


*रैली तथा विसर्जन के लिए रूट प्लान विसर्जन स्थलों का चयन कर अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण, शारीरिक दूरी का पालन जैसे बिंदुओं की पूर्व में ही योजना बना ली जाए. इसे जनता के साथ लागू किया जाए.


*ऐसी रैली का विसर्जन जिसमें लंबी दूरी निहित हो उसमें एंबुलेंस की सेवाएं भी प्राप्त की जाए

रामलीला और दशहरा को किसी भी बंद स्थान हाल या कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग किया जाए, फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग ,थर्मल स्क्रीनिंग, सेनीटाइजर एवं हैंड वॉश की उपलब्धता अनिवार्यता के साथ हो.




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