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रफ्तार पर ब्रेक लगाएगा सेंसर कैमरा, सीधे घर पहुंचेगा चालान

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Published : Jul 4, 2021, 8:48 AM IST

राजधानी लखनऊ में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख मार्गों, चौराहों पर सेंसर कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरे की मदद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान ऑटोमेटिक हो जाएगा.

रफ्तार पर ब्रेक लगाएगा सेंसर कैमरा
रफ्तार पर ब्रेक लगाएगा सेंसर कैमरा

लखनऊ: राजधानी में सड़क दुर्घटना थमने का नाम नहीं ले रही. आए दिन ना जाने कितनों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती हैं, जिसका मुख्य कारण यातायात नियमों का उल्लंघन है. ऐसे में लोगो से यातायात नियमों का पालन कराने के लिए राजधानी के प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरा लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही परिवहन विभाग की रोड सेफ्टी टीम ने संबंधित विभागों को सड़कें दुरुस्त करने के लिए चिट्ठी भी लिखी है. यातायात विभाग ने परिवहन विभाग की तरफ से मिली चिट्ठी के बाद 10 स्थानों को चिन्हित किया है. जहां कैमरे लगाकर गाड़ियों की स्पीड तय की जाएगी. अगर गाड़ी स्पीड से तेज चलती पाई जाती है तो उस गाड़ी का ऑटोमेटिक चालान हो जाएगा.



तय की गई गाड़ियों की स्पीड
डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तर की माने तो प्रमुख मार्गों पर स्पीड सेंसर कैमरे लगाए गए हैं. इससे जरिए वाहनों की गति पर अंकुश लगेगा. साथ ही स्टंट करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. नगर निगम व एलडीए सीमा में 40 किलोमीटर प्रति घंटा, तेलीबाग से मोहनलालगंज 40 किलोमीटर प्रति घंटा, लोहिया पथ पर 40 किलोमीटर प्रति घंटा, आईआईएम से दुबग्गा 60 किलोमीटर प्रति घंटा, लोहिया पथ पर 40 किलोमीटर प्रति घंटा, तेलीबाग से मोहनलालगंज 40 किलोमीटर प्रति घंटा लोगों की स्पीड रहेगी. स्पीड सेंसर कैमरा देखेगा कि अगर इससे ऊपर स्पीड जाती है तो इन पर भी ऑटोमेटिक चालान किया जाएगा.

इन स्थानों पर लगे हैं सेंसर कैमरे

खुर्रम नगर, अवध चौराहा, कुकरेल, लोहिया पथ, तेलीबाग, अहिमामऊ से सुल्तानपुर रोड, गला बाजार से कैंट रोड, अंबेडकर पार्क, शहीद पथ, रिंग रोड पर कैमरे लगे हैं. डीसीपी ट्रैफीक रईस अख्तर ने बताया कि अभी तक जानकारी में यह प्राप्त हुआ है कि इन 8 स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं बेहद खतरनाक होती है.

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डीसीपी ट्रैफिक का कहना है परिवहन विभाग की ओर से सड़क हादसे रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी और एनएचआई को पत्र लिखकर बहुल क्षेत्र का बोर्ड रेम्बल, स्ट्रिप रंबल, स्ट्रिप रेम्बल लाइन, डिवाइडर का कट बंद करना, 100 मीटर की दूरी पर यू-टर्न या अंडरपास बनाने का सुझाव दिया गया है. डीसीपी ने बताया कि जिन आठ जगहों पर कैमरे और स्पीड सेंसर लगाए गए हैं. उन जगहों पर 200 से अधिक लोगों का पैर फ्रैक्टर हो चुका है. जबकि, 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. कितने लोग इन मार्गों पर घायल हुए हैं. इसका ब्यौरा परिवहन विभाग की तरफ से अभी तक उनको नहीं मिल पाया है.

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