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एसडीआरएफ का मनाया गया तीसरा स्थापना दिवस, जवानों के साथ डॉग स्क्वायड ने दिखाए करतब

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Published : Nov 28, 2021, 7:46 PM IST

एसडीआरएफ मुख्यालय लखनऊ में एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) का तीसरा स्थापना दिवस मनाया गया. जवानों व डॉग स्क्वायड ने अपने करतब दिखाए, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ. कार्यक्रम में आईपीएस डॉ. सतीश कुमार के साथ वरिष्ठ एएसपी शुएब इकबाल व डीएसपी सोभनाथ यादव मौजूद रहे.

एसडीआरएफ का मनाया गया तीसरा स्थापना दिवस
एसडीआरएफ का मनाया गया तीसरा स्थापना दिवस

लखनऊ: सरोजनीनगर के नूरनगर भदरसा स्थित एसडीआरएफ मुख्यालय में रविवार को एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) का तीसरा स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान एसडीआरएफ के जवानों और डॉग स्क्वायड ने अपने करतब दिखाए. कार्यक्रम की शुरुआत हवन पूजन के साथ हुई. कार्यक्रम में आईपीएस डॉ. सतीश कुमार के साथ वरिष्ठ एएसपी शुएब इकबाल व डीएसपी सोभनाथ यादव मौजूद रहे.

कार्यक्रम में खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया. इस दौरान वॉलीबॉल और क्रिकेट में मुख्यालय टीम ने ट्राफी पर कब्जा कर लिया. कार्यक्रम में जवानों और डॉग स्क्वायड दस्ते ने कई करतब दिखाए. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जवानों की शानदार प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया.

डॉग स्क्वायड ने दिखाए अपने करतब
डॉग स्क्वायड ने दिखाए अपने करतब

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईजी (पीएसी) आशुतोष कुमार ने लगाई गई प्रदर्शनी में उपकरणों का अवलोकन किया. एसडीआरएफ के सेनानायक डॉ. सतीश कुमार ने उन्हें आधुनिक उपकरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. रेडियो निरीक्षक मो. शाकिर खान, सूबेदार सैन्य सहायक राज शेखर श्रीवास्तव व अन्य कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

एसडीआरएफ के प्रवक्ता शिवकिशोर पांडेय ने बताया कि एसडीआरएफ के पास वर्तमान में कई तरह के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं. इसमें रिमोट संचालित बोट, जल में चलने वाले हल्के व भारी रबरयुक्त मोटर बोट, अंडर वाटर कम्युनिकेशन सेट, केमिकल लाइट स्ट्रिक फॉर अंडर वाटर, अंडर वाटर हेडलैंप, विक्टिम लोकेटिंग कैमरों के साथ अन्य कई आधुनिक उपकरण शामिल हैं.

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इनकी सहायता से किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्रभावी व सफल रेस्क्यू किया जा सकता है. इसके अलावा कुशल गोताखोर व ट्रेंड प्रशिक्षक हैं जो रेस्क्यू के अलावा प्रदेश भर में स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों, ग्रामीणों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लोगों, पुलिस के जवानों व अन्य लोगों को आपदा मित्र के रूप में तैयार करते हैं ताकि वह किसी भी आपदा के समय फर्स्ट रिस्पांडर का काम कर सकें.

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