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UP Politics : अखिलेश से दूर होने की तैयारी में जयंत, जानिए सियासी फायदे के लिए क्या कर रहे प्लानिंग

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Published : Jul 13, 2023, 7:29 PM IST

लोक सभा चुनाव 2024 की आहट से उत्तर प्रदेश के राजनीति दलों ने अपने अपने समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं. सुभासपा के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल के एनडीए में शामिल होने की सुगबुगाहट है. हालांकि सपा ने रालोद के साथ को लेकर आस नहीं छोड़ी है.

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अखिलेश से दूर होने की तैयारी में जयंत. देखें खबर

लखनऊ : वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी लोकसभा चुनाव 2014 से पहले सपा से दूर हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से दूरी बनाने का फैसला कर लिया है और एनडीए के साथ वह शामिल होंगे. बीजेपी भी जयंत चौधरी के सारे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी लड़ाई को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में लगी हुई है. जयंत चौधरी भी बीजेपी के साथ चुनाव लड़कर केंद्र में मंत्री बनना चाहते हैं. फिलहाल जयंत चौधरी बीजेपी के साथ रहने में ही फायदा देख रहे हैं. ऐसे में आने वाले कुछ समय में जयंत भाजपा के साथ आ सकते हैं.

यूपी की राजनीति.
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दरअसल पिछले कुछ समय से सपा और रालोद के बीच बातचीत बंद बताई जा रही है. निकाय चुनाव के दौरान कई सीटों पर सपा और रालोद के बीच न सिर्फ खींचतान देखने को मिली थी. इस दौरान कई प्रत्याशी आमने सामने होकर चुनाव मैदान में उतरे थे. ऐसे में इन सब वजहों औऱ 2024 के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरने में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी कोई फायदा नहीं देख रहे हैं. इन्हीं वजहों के चलते वह सपा से दूर हो रहे हैं.

यूपी की राजनीति.
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सूत्रों का दावा है कि जयंत चौधरी ने अपने कुछ करीबी नेताओं से 2024 में भाजपा के साथ जाने पर विचार विमर्श भी किया है और सबकी यह सहमति बनी है. फिलहाल 2024 के लोक सभा चुनाव में एनडीए ही भारी नजर आ रही है और केंद्र में सरकार बनने की पूरी स्थिति है. ऐसे में रालोद के साथ आने से पश्चिम यूपी में भाजपा मजबूत होकर चुनाव लड़ेगी तो केंद्र में जयंत चौधरी मंत्री बन सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ जयंत चौधरी ने जो नेताओं के साथ चर्चा की है कि सपा के साथ रहकर फिलहाल कोई फायदा नहीं है. उसकी अपनी कई सियासी वजह हैं.

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सपा प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच गठबंधन बरकरार है. वह पिछली महागठबंधन की बैठक में नहीं आ पाए थे. अगली बैठक में वह रहने वाले हैं. अखिलेश यादव के संपर्क में भी जयंत चौधरी हैं. भारतीय जनता पार्टी अफवाह फैलाने का काम कर रही है. वर्ष 2024 में जब केंद्र में गैर भाजपाई सरकार बनेगी, उसमें जयंत चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. केंद्र में विपक्षी दलों की सरकार बनने जा रही है. वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में तो कोई भी दल अलग नहीं होने वाला है. पूरे देश के 15 विपक्षी दल हैं, सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे. जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी गठबंधन बरकरार है.

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