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अब प्रदेश की कानून व्यवस्था होगी बेहतर, हर जिले में तैनात हुए नोडल अधिकारी!

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Published : Oct 16, 2019, 7:27 PM IST

सीएम योगी (फाइल फोटो).

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए योगी सरकार लगातार सक्रिय नजर आ रही है. इसी बीच पुलिसिंग को और बेहतर करने के लिए नया पुलिस पैटर्न लागू किया है.

लखनऊ: सूबे में हो रही आपराधिक घटनाएं प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं. लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह से प्रदेश में आपराधिक घटनाएं सामने आईं, उसके बाद योगी आदित्यनाथ ने कड़े लहजे में उत्तर प्रदेश पुलिस के आलाधिकारियों को कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए निर्देश दिए. साथ ही बड़े पदों पर बैठे आलाधिकारियों में फेरबदल भी किया गया. इसके बाद से लगातार आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर का सिलसिला जारी है.

ट्रांसफर के साथ-साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई और कदम उठाए गए. कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जहां एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी पीवी रामाशास्त्री को सौंपी गई वहीं कई जिलों के कप्तानों में भी फेरबदल किया गया. अब उत्तर प्रदेश पुलिस को बेहतर बनाने के लिए एक नया एक्सपेरिमेंट किया गया है.

प्रदेश की कानून व्यवस्था होगी बेहतर.

पुलिसिंग में लागू किया नया फार्मूला
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर योगी सरकार बेहद गंभीर है. कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिसिंग में नया फार्मूला लागू किया गया है. नए पुलिस पैटर्न के तहत डीजी, आईजी स्तर के अधिकारियों को जिले की कमान देते हुए नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्ति की गई है.

अब जिले में अपराध पर लगाम लगाने और आपराधिक घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. जिन वरिष्ठ अधिकारियों को जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है इन अधिकारियों की जिम्मेदारी जिले की पुलिस की कार्रवाई पर नजर रखना और कमियों को दूर करते हुए अपराध पर लगाम लगाना होगा.

इसे भी पढ़ें- पुलिस के हत्थे चढ़े 4 शातिर लुटेरे, दर्ज हैं 24 से ज्यादा आपराधिक मामले

नोडल अधिकारी की हुई तैनाती
पुलिस विभाग के इस फैसले के तहत प्रदेश के 75 जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जिले का नोडल बनाया गया है. जारी की गई सूची के अनुसार डीजी इंटेलिजेंस भावेश कुमार को लखनऊ का नोडल अधिकारी, आदित्य मिश्रा को मेरठ का नोडल अधिकारी, आईजी रेंज आगरा सतीश गणेश को मैनपुरी का नोडल अधिकारी, डीआईजी आजमगढ़ रेंज मनोज तिवारी को मऊ का नोडल अधिकारी, डीजी जेल आनंद कुमार को आगरा का नोडल अधिकारी, डीजी सीबीसीआईडी वीरेंद्र कुमार को कानपुर का नोडल अधिकारी, एडीजी बीके सिंह को गाजियाबाद का नोडल अधिकारी, एडीजी एटीएस डीके ठाकुर को गोरखपुर का नोडल अधिकारी, एडीजी रेलवे संजय सिंघल को नोएडा जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है. वहीं हर जिले में वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर तैनाती दी गई है.

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अपराध पर लगेगी लगाम
लोकसभा चुनाव के बाद कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए योगी सरकार लगातार सक्रिय नजर आ रही है. जहां एक ओर पुलिस विभाग में लगातार ट्रांसफर और पोस्टिंग का सिलसिला जारी है, इसी बीच पुलिसिंग को और बेहतर करने के लिए नया पुलिस पैटर्न लागू किया गया है.

पहले ही जहां योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को बेहतर करने और अपराध पर लगाम लगाने के लिए तमाम निर्देश दिए थे, वहीं अब एक नया एक्सपेरिमेंट किया गया है. अब वरिष्ठ अधिकारियों को जिले में नोडल अधिकारी के तौर पर तैनाती दी गई है, जिससे कि मनमानी करने वाले अधिकारियों पर लगाम लगे और बेहतर पुलिसिंग का माहौल बनाया जा सके.

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हो रही आपराधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह से उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाएं सामने आई योगी आदित्यनाथ ने कड़े लहजे में उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों को कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए निर्देश दिए। लोकसभा चुनाव के बाद बड़े पदों पर बैठे आला अधिकारियों में फेरबदल किया गया जिसके बाद से लगातार आईपीएस व पीपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर का सिलसिला जारी है। ट्रांसफर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई और कदम उठाए गए। प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जहां एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी पीवी रामाशास्त्री को सौंपी गई तो वहीं कई जिलों के कप्तानों में भी फेरबदल किया गया वहीं अब उत्तर प्रदेश पुलिस को बेहतर बनाने के लिए एक नया एक्सपेरिमेंट किया गया है।





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पोलिसिंग में लागू किया गया नया फार्मूला

प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से आ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिसिंग में नया फार्मूला लागू किया गया है। नए पुलिस पैटर्न के तहत डीजी, आईजी स्तर के अधिकारियों को जिले की कमान देते हुए नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्ति की गई है। अब जिले में अपराध पर लगाम लगाने व आपराधिक घटनाओं के बाद त्वरित कार्यवाही करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जिन वरिष्ठ अधिकारियों को जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है इन अधिकारियो की जिम्मेदारी जिले की पुलिस की कार्यवाही पर नजर रखना और कमियों को दूर करते हुए अपराध पर लगाम लगाना होगा।


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पुलिस विभाग के इस फैसले के तहत प्रदेश के 75 जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जिले का नोडल बनाया गया है जारी की गई सूची के अनुसार डीजी इंटेलिजेंस भावेश कुमार को लखनऊ का नोडल अधिकारी, आदित्य मिश्रा को मेरठ का नोडल अधिकारी, आईजी रेंज आगरा सतीश गणेश को मैनपुरी का नोडल अधिकारी, डीआईजी आजमगढ़ रेंज मनोज तिवारी को माऊ का नोडल अधिकारी, डीजी जेल आनंद कुमार को आगरा का नोडल अधिकारी, डीजी सीबीसीआईडी वीरेंद्र कुमार को कानपुर का नोडल अधिकारी, एडीजी बीके सिंह को गाजियाबाद का नोडल अधिकारी, एडीजी एटीएस डीके ठाकुर को गोरखपुर का नोडल अधिकारी, एडीजी रेलवे संजय सिंघल को नोएडा जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है वहीं हर जिले में वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर तैनाती दी गई है।


पिछले लोकसभा चुनाव के बाद कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए योगी सरकार लगातार सक्रिय नजर आ रही है जहां एक ओर पुलिस विभाग में लगातार ट्रांसफर वह पोस्टिंग का सिलसिला जारी है इसी बीच पुलिसिंग को और बेहतर करने के लिए नया पुलिस पैटर्न लागू किया गया है पहले ही जहां योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को बेहतर करने और अपराध पर लगाम लगाने के लिए तमाम निर्देश दिए थे वहीं अब एक नया एक्सपेरिमेंट किया गया है वरिष्ठ अधिकारियों को जिले में नोडल अधिकारी के तौर पर तैनाती दी गई है जिससे कि मनमानी करने वाले अधिकारियों पर लगाम लगे तो वही बेहतर पुलिसिंग का माहौल बनाया जा सके जिससे अपराधियों पर लगाम लगे।





Conclusion:संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
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