ETV Bharat / state

अब SGPGI में होगा लिवर ट्रांसप्लांट, OPD शुरू

author img

By

Published : Jul 22, 2021, 10:04 PM IST

एसजीपीजीआई में होगा लिवर ट्रांसप्लांट.
एसजीपीजीआई में होगा लिवर ट्रांसप्लांट.

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित एसजीपीजीआई (SGPGI) में बहुत जल्द मरीजों का लिवर ट्रांसप्लांट होगा. इसके लिए गुरुवार से ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है. अब ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहीं भटकना नहीं होगा.

लखनऊ: लिवर के मरीजों को अब राहत मिलेगी. जिन मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट कराना है, उन्हें भी नहीं भटकना होगा. इसके लिए एसजीपीजीआई (SGPGI) ने ओपीडी सेवा गुरुवार से शुरू कर दी है. इसमें मरीजों की स्क्रीनिंग करने के बाद ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया जाएगा.

एसजीपीजीआई (SGPGI) के निदेशक डॉ. आरके धीमान के मुताबिक, कोरोना संक्रमण कम हो गया है. ऐसे में संस्थान ने लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने का फैसला किया है. लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली के आईएलबीएस इंस्टिट्यूट में डॉक्टरों की ट्रेनिंग पूरी हो गई है. इसमें चार सर्जन, हेपेटोलॉजिस्टि, 1 रेडियोलॉजिस्ट, 3 एनेस्थेटिस्ट, एक पैथोलॉजिस्ट ट्रेनिंग पूरी करके वापस आ चुके हैं. हिपेटोलॉजी व लिवर ट्रांसप्लांट की ओपीडी सोमवार से शुक्रवार चलेगी. ये ओपीडी में आ रहे लिवर फेल्योर के मरीज की ट्रांसप्लांट के लिए स्क्रीनिंग करेंगे. मरीजों का सस्ती दर पर लिवर ट्रांसप्लांट होगा. इसके अलावा लीवर की दूसरी बीमारी का भी इलाज करेंगे.

एसजीपीजीआई (SGPGI) के कैंपस में 550 बेडों वाला नया भवन बनकर तैयार हो रहा है. ऐसे में मरीजों को अब बेडों की समस्‍या से जूझना नहीं होगा. इसमें 220 बेड इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के होंगे. इसके अलावा 165 बेड नेफ्रोलॉजी विभाग के होंगे. साथ ही 115 बेड डायलिसिस के होंगे. शेष बेड यूरोलॉजी विभाग के लिए होंगे. वर्तमान में पीजीआई में 1610 बेड हैं. बेड बढ़ने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

लोकबन्धु अस्पताल में क्रेच बनेगा. इसमें डॉक्टर-कर्मी अपने बच्चों को रख सकेंगे. इसके लिए शासन से मंजूरी मिल गई है. प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग का यह पहला अस्पताल होगा, जिसमें क्रेच की सुविधा होगी. ऐसे में स्टॉफ को ड्यूटी के वक्त बच्चों को लेकर टेंशन नहीं रहेगी.

पढ़ें-कोरोना काल में OPD सेवाओं पर बंदिशें, RTPCR टेस्ट के बाद देखे जा रहे मरीज

केजीएमयू में साइंटिस्ट डॉ. सीएल का देहदान किया गया. वह 83 वर्ष के थे. एल्डिको निवासी डॉ. सीएल ने देहदान का संकल्प लिया था. ऐसे में उनका शरीर अब चिकित्सा छात्रों को पढ़ने के काम आएगा. उनका शव एनॉटमी विभाग को परिवारजनों ने सौंप दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.