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Illegal Construction in Lucknow : 5 साल में गई 15 लोगों की जान, अवैध निर्माण के मामले में नहीं फंसा एक भी अफसर

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Published : Feb 2, 2023, 1:50 PM IST

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राजधानी लखनऊ के अवैध निर्माणों (Illegal Construction in Lucknow) में शुमार कई बिल्डिंगों, होटलों, कांप्लेक्स में हुईं जानलेवा दुर्घटनाओं के बावजूद एलडीए और आवास विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई न होने से प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लाजमी हैं. वर्ष 2018 से 2023 तक हुईं दुर्घटनाओं में 15 लोगों की जान जा चुकी है.

लखनऊ : वर्ष 2018 से 2023 की शुरूआत तक लखनऊ में अवैध निर्माण की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में 15 लोगों की जान जा चुकी है. 2018 जून में चारबाग में हुए होटल अग्निकांड में सात लोगों की जान गई. इसके बाद में लेवाना होटल अग्निकांड में 4 लोगों की जान गई. अब बादशाहनगर में कांप्लेक्स अग्निकांड में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई. इन 15 मौतों के लिए जिम्मेदार किसी भी अधिकारी को अब तक जेल नहीं जाना पड़ा है. जेल जाना तो दूर की बात, निलंबन से ज्यादा कड़ी कार्रवाई तक नहीं हुई. दूसरी ओर एलडीए का इलाका हो या आवास विकास का क्षेत्र चारों ओर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी हैं. अनजान लोग अवैध निर्माण करके बनाई गई इमारतों में बस रहे हैं. ऐसे कॉन्प्लेक्सों में लोग दुकानें खरीद रहे हैं. जिससे वे दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं.

नाका चारबाग के जिस विराट इंटरनेशनल होटल में हुई आग लगने की घटना में 7 लोगों की मौत हुई थी. वर्ष 2021 के बाद उस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई थी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास ने नाका चारबाग के अवैध होटल को ध्वस्त करने के लिए 12 जनवरी 2021 की तारीख निर्धारित की थी. वहीं दूसरी तरफ भले ही अभी इस अवैध होटल को बनाने और कई वर्षों तक अवैध रूप से संचालित होने में संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अभियंता और अधिकारियों पर कुछ खास सख्त कार्रवाई नहीं हुई.

जून 2018 में हुई थी सात लोगों की मौत : 19 जून 2018 को नाका चारबाग के होटल विराट में आग लगने के कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी. बावजूद इसके लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगातार इस पूरे मामले में लीपापोती करते रहे और जिम्मेदार अभियंताओं और अधिकारियों को बचाने का काम करते रहे. तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण व एलडीए उपाध्यक्ष रहे प्रभु नारायण सिंह ने अभियंताओं और अधिकारियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजी. बावजूद इसके अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है. सितंबर 2022 में हजरतगंज के लेवाना सुइट्स होटल में आग लग गई. यहां 4 लोगों की मौत हुई थी. यह होटल भी अवैध निर्माण करके बनाया गया था, लेकिन जिम्मेदारों के खिलाफ अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी है.

ताजा घटना राजधानी के महानगर थाना अंतर्गत बादशाहनगर की है. इलाके में मंगलवार उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक नामचीन जिम में अचानक आग लग गई. देखते देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. आनन फानन मौके पर दमकल की आधा दर्जन गाड़ियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया. जानकारी के मुताबिक अग्निकांड में मैनेजर की मौत हो गई है. वहीं आग लगने के वक्त जिम में मौजूद करीब 25 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि बादशाह नगर में ओलंपिया जिम के आग लगने की सूचना मिली थी. जिस पर तत्काल इंदिरानगर और हजरतगंज फायर स्टेशन से 6 गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया था. आग इतनी भीषण लगी थी कि धुएं का गुबार फैल रहा था. हालांकि दमकलकर्मियों ने जिम में फंसे करीब 25 लोगों को बाहर निकाल लिया. एक व्यक्ति काफी झुलस गया था, जिसकी अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई.
दूसरी और लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी लगातार कड़ी कार्रवाई करने की बात करते रहे हैं. उनका कहना है कि अवैध निर्माण में सहयोग करने वाला कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा.

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