ETV Bharat / state

Court News : विधानसभा व विधानपरिषद में भर्तियों का मामला, सीबीआई जांच कराने के आदेश के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका खारिज

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 3, 2023, 9:36 PM IST

विधानपरिषद सचिवालय में नेताओं, अधिकारियों के परिजनों और करीबियों को (Matter of recruitment in Assembly and Legislative Council) नौकरी देने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने (Court News) आया था. जिसके बाद मंगलवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रारम्भिक जांच सीबीआई से कराने के 18 सितंबर के अपने आदेश को वापस लेने से इंकार कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाल ही में हुई विधान परिषद व विधानसभा की भर्तियों की प्रारम्भिक जांच सीबीआई से कराने के 18 सितंबर के अपने आदेश को वापस लेने से इंकार कर दिया है. न्यायालय ने विधान परिषद की ओर से दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को भी खारिज (Matter of recruitment in Assembly and Legislative Council) कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि 'याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है जिसके कारण आदेश वापस लिया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने विधान परिषद की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका पर पारित किया.

विधान परिषद की ओर से उक्त याचिका के जरिए 18 सितम्बर के उस आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसमें न्यायालय ने प्रथम दृष्टया यह पाते हुए कि विधान सभा और विधान परिषद में तमाम स्टाफ की हुई पिछली नियुक्तियों में भारी अनियमितता बरती गई थीं और 2019 में भर्ती की प्रकिया के नियम बदले गए और यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन व यूपी सबॉर्डिनेट सर्विसेज सलेक्शन कमीशन के होते हुए भी नई एजेंसी की पहचान कर उससे भर्ती प्रकिया कराई गई. न्यायालय ने कहा था कि जिस प्रकार एक बाहरी एजेंसी को चुना गया और उससे भर्ती प्रकिया कराई गई वह संदेह पैदा करता है और इस वजह से सीबीआई से प्रारम्भिक जांच कराना आवश्यक है.


विधान परिषद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने दलील दी कि यदि विधान परिषद को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया होता तो वह कोर्ट के समक्ष सभी दस्तावेज रख सकते थे जिससे मामले में सीबीआई को न लाना पड़ता. उन्होंने दलील दी कि इस मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यदि भर्तियों में कोई अवैधानिकता या अनियमितता हुई है तो उसके विषय में न्यायालय स्वयं ही बेहतर सुनवाई कर सकता है. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दीक्षित का कहना था कि बेहतर हो इस मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया जाए. न्यायालय ने विस्तृत सुनवाई के पश्चात कहा कि विधान परिषद ने ऐसा कोई आधार नहीं पेश किया है जिससे कहा जा सके कि 18 सितम्बर के आदेश में प्रक्ष्यक्षतः कोई गलती हो.'

यह भी पढ़ें : Court News : विधानसभा व विधान परिषद में भर्तियों का मामला, सीबीआई जांच कराने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग

यह भी पढ़ें : सीबीआई करेगी विधान परिषद भर्ती घोटाले की जांच, जानिए किस तरह परिजनों और करीबियों को दी गई नौकरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.