ETV Bharat / state

सहारनपुर, कानपुर, अयोध्या और आगरा में मिले हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद, सीएम ने एसटीएफ को सौंपी जांच

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 4:44 PM IST

Updated : Nov 21, 2023, 8:32 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सोमवार से हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की जांच पड़ताल और कार्रवाई शुरू कर दी गई है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेशभर में छापेमारी की गई. वहीं अब एसटीएफ मामले की जांच करेगी. यूपी में हलाल सर्टिफिकेट पर बैन (Banning Halal Certificate) लगाने के बाबत लखनऊ के मौलानाओं की राय काफी जुदा है. मौलानाओं का कहना है कि शरीयत के अनुसार यह मुसलमानों की आस्था और शरई मामला है. इसके अलावा ऐसे प्रतिबंध से देश की आर्थिक व्यवस्था भी प्रभावित होगी.

Etv Bharat
Etv Bharat

हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों पर लखनऊ में कार्रवाई.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certificate) से संबंधित उत्पादों को प्रतिबंधित किए जाने के बाद प्रदेश भर में छापेमारी शुरू कर दी गई है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से जारी शासनादेश के बाद सोमवार को राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के तमाम जिलों में शॉपिंग मॉल्स व अन्य बाजारों में छापेमारी करके हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की जांच पड़ताल की जा रही है. राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित सहारा मॉल में भी खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन की टीम ने जांच पड़ताल की. विभाग के अधिकारियों ने हलाल सर्टिफिकेट वाले खाद्य पदार्थ कोल्ड ड्रिंक, मीट पैकेट ड्राई फ्रूट व अन्य उत्पादों की जांच की. टीम को लखनऊ में कुछ नहीं मिला, जबकि दूसरे शहरों में काफी उत्पाद मिले हैं. मामले पर सीएम ने सख्ती दिखाई है. उन्होंने मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है.

लखनऊ में नहीं मिले हलाल उत्पाद : खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व जिला प्रशासन के स्तर पर संयुक्त रूप से प्रदेश भर में अभियान चलाकर छापेमारी की. राजधानी लखनऊ में सहारागंज शॉपिंग मॉल, फन शॉपिंग मॉल, पतंजलि, पप्पू स्टोर, बंसल स्टोर जैसे अन्य शॉपिंग मॉल व प्रमुख बाजारों में अभियान चलाकर छापेमारी की गई. लखनऊ के अधिकारियों के मुताबिक राजधानी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद जांच पड़ताल में नहीं मिले हैं.

इन जिलों में मिले उत्पाद : लखनऊ के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि लखनऊ में 12 प्रमुख जगहों पर जांच पड़ताल की गई, लेकिन दुकानदारों की जागरूकता की वजह से हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद नहीं मिले. वहीं डिप्टी फूड कमिश्नर हरिशंकर ने बताया कि सहारनपुर, कानपुर, अयोध्या, आगरा जैसे जगहों पर काफी संख्या में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद मिले हैं, जिन्हें सीज किया गया है.

18 को दर्ज किया गया था मुकदमा : सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है. अब इस पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ करेगी. हजरतगंज थाने में 18 नवंबर को शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाला काउंसिल आफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

जानिए हलाल सर्टिफिकेट का मतलब.
जानिए हलाल सर्टिफिकेट का मतलब.


बता दें, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों को उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित किया है. सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा की तरफ से हलाल सर्टिफिकेशन जारी करने वाली कई कंपनियों के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर भी का दर्ज कराई गई है.

मौलानाओं ने कहा- Halal Certificate पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार के हलाल प्रमाण पत्र वाले उत्पादों, औषधियों, चिकित्सा व प्रसाधन सामग्रियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एतराज जताया है. धर्म गुरुओं का कहना है कि हलाल उत्पादों पर बिक्री पर प्रतिबंध लगाना सही नही है, क्योंकि ये मुसलमानों की आस्था और शरई मामला है. मौलाना के अनुसार हलाल प्रमाणन प्रक्रिया भारत में निर्यात के उद्देश्यों और घरेलू वितरण दोनों के लिए निर्माताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप है. हलाल प्रमाणित उत्पादों की वैश्विक मांग मजबूत है और भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है. यह तथ्य हमारे वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भी निर्दिष्ट है.

जानिए हलाल सर्टिफिकेट का मतलब.
जानिए हलाल सर्टिफिकेट का मतलब.


दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सुफियान निजामी का कहना है कि इस्लाम में अपने मानने वालों को उनकी जिंदगी के हर मामले में रहनुमाई की गई है. जो गोश्त (मीट) हम खाते हैं हराम है या हलाल है या जो चीज हम इस्तेमाल कर रहे हैं वह हलाल है या हराम है. यह सब बातें हमें इस्लाम की जानकारी होनी चाहिए जो उलेमा है वह हलाल सर्टिफिकेट देते हैं कि मुसलमान को क्या चीज खानी है और क्या इस्तेमाल करना है. यही वजह है हिंदुस्तान के अंदर जो एक्सपोर्ट के एतबार से गोश्त ( मीट) है बाहर जो एक्सपोर्ट किया जाता है. जैसे सऊदी या खाड़ी देश हों वहां उसके लिए हिंदुस्तान से जो मार्केटिंग की चीज जा रही है वह सब चीज हलाल हो, तभी कबूल किया जाता है अब यह बात सामने आई है जहां पर हलाल सर्टिफिकेशन में या किसी भी चीज में हलाल हो हराम को बताने में पाबंदी लगाई जा रही है. ऐसे में बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट में और इकोनामी में नुकसान होगा. यह हमारे मुल्क की इकोनामी के लिए और मुसलमान के लिए बेहतर नहीं है.

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी व दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सुफियान निजामी.
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी व दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सुफियान निजामी.


ऐसी कार्रवाई गैरजरूरी : मौलाना नूरी
मौलाना कल्बे सादिक के बेटे शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि हम मुसलमानों के लिए हलाल का खाना वाजिब है. मोटे तौर पर तो यही कहा जा सकता है कि शरई तरीके से काटे गए जानवर का मांस या उस मांस के किसी तत्व से बने कोई अन्य उत्पाद को हलाल प्रमाणन की जरूरत होती है. हलाल प्रमाणन पर सवाल उठाने जैसी बातें की जा रही हैं. इससे मुसलमानों की भावनाएं आहत होती हैं. अब हमारे खाने पीने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, ये गलत है.

यह भी पढ़ें : यूपी में Halal Certification पर योगी सरकार सख्त, ऐसे प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी बैन

New Rules From 1st Oct 2023: अक्टूबर से होंगे ये 7 बदलाव, आपके जीवन पर डालेंगे प्रभाव

Last Updated :Nov 21, 2023, 8:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.