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यूपी में Halal Certification पर योगी सरकार सख्त, ऐसे प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी बैन

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 12:32 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 10:43 PM IST

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यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की बिक्री को लेकर योगी सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है. हलाल सर्टिफिकेट (Halal certificate) इस्लामिक कानून के तहत बनाए जाने वाले उत्पादों के संबंध में जारी किया जाता है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर कड़े प्रतिबंध लगा सकती है. इसी कड़ी में सरकार की सख्ती के बाद राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शनिवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम से बिक रहे उत्पादों के मामले में सीएम ने संज्ञान लिया है. कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इसी क्रम में एफआईआर भी दर्ज की गई है.


सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े उत्पादों को उत्तर प्रदेश में बैन किए जाने की भी पूरी तैयारी की गई है. उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर गोरखधंधा चलाया जा रहा है और तमाम उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेट लगाकर बेचा जा रहा है. तमाम उत्पादों में डेयरी प्रोडक्ट चीनी, नमकीन, मसाले, साबुन, कपड़ा को भी हलाल सर्टिफाइड किया जा रहा है. इस पूरे मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में संज्ञान लिया है और इस पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.

हलाल उत्पादों को लेकर एफआईआर में गम्भीर आरोप

  • एफआईआर में सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ कम्पनियों द्वारा जैसे हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई, आदि ने एक मजहब विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर छल करते हुए हलाल प्रमाण पत्र विभिन्न उत्पादन के लिए निर्गत किए जा रहे हैं.
  • प्रदेश भर में इस प्रकार के उत्पाद बाजार देखे जा सकते हैं जो जन आस्था के साथ खिलवाड़ है. बिना किसी अधिकार के कूट रचित दस्तावेज के द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र के माध्यम से उपरोक्त कंपनियों द्वारा हलाल प्रमाण पत्र निर्गत कर अनुचित लाभ अर्जित किया जा रहा है. साथ ही जन आस्था के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है. इन कंपनियों द्वारा एक वर्ग विशेष को प्रभावित करने के लिए कूट रचित प्रपत्रों का प्रयोग कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है तथा निर्धारित मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा है. इन कंपनियों द्वारा विभिन्न अन्य उत्पादन कंपनियों को अनुचित रूप से प्रभावित कर सरकार के नाम का भी अनुचित रूप से प्रयोग करते हुए कूट रचित प्रपत्रों में उक्त तथ्य का उल्लेख कर प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है.
  • कम्पनियों द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कम्पनियों को बिना मानक पूरा किए हलाल प्रमाण पत्र निर्गत कर उनके उत्पादन को आम जन मानस से छल करते हुए एक धार्मिक समुदाय को उस उत्पादन के लिए अनुचित रूप से प्रभावित करने के लिए तथा जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने के अनुचित अपराधिक कृत्य कारित किया जा रहा है.
  • यह एक आपराधिक कृत्य है तथा मुझे आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है. इस प्रकार एक समाज विरोधी आपराधिक षड़यंत्र एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध किया जा रहा है. यहां तक की शाकाहारी उत्पादों जैसे सौदर्य प्रसाधन तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री हेतु हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है तथा एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो. परिणाम स्वरुप दूसरे समुदाय विशेष के व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है.
  • इस प्रकार आम नागरिकों के लिये प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर अनुचित आर्थिक लाभ कमाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है. उपरोक्त कम्पनियों द्वारा ऐसा न केवल आर्थिक, भौतिक, दुनियावी लाभ के लिए बल्कि समाज में वर्ग विद्वेष फैलाने, आम जन मानस मे विभेद कराकर देश को कमजोर करने के लिए पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार किया जा रहा है. जिसमें उक्त कम्पनियों के मालिक प्रबन्धक के अलावा अन्य तमाम लोगो की भी एक आपराधिक षड़यंत्र के तहत सहभागिता है तथा इसमें राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र करने वाले व देश को कमजोर करने वाले अन्य तमाम लोग भी शामिल हैं.
  • उक्त लोगों द्वारा उक्त आपराधिक कृत्य कारित करके करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ भी कमा कर उससे अधिसूचित आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों/संगठनों की फन्डिंग किए जाने की आशंका है. साथ जन आस्था के साथ खिलवाड़ करते हेतु की भी आशंका है. अतः निवेदन है कि इस छल प्रपंच एवं आपराधिक कृत्य में संलिप्त उपरोक्त कम्पनियों एवं उनके मालिकों/प्रबंधकों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुए वैधानिक कार्रवाई करने की कृपा करें. इससे साथ ही ऐसी अवैधानिक गतिविधियों पर तत्काल अंकुश लगाया जाए.


दरअसल हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों में फूड कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के लिए किया जाता है और यह एक तरह से यह गारंटी देता है कि इस प्रोडक्ट को इस्लामी कानून के नियमों के अंतर्गत बनाया गया है. इसका उपयोग ग्राहक को यह बताने के लिए किया जाता है इसमें कोई भी निषिद्ध पदार्थ (मांस आदि) शामिल नहीं है. उत्पादन में किसी भी तरह से अशुद्ध माने जाने वाले किसी भी पदार्थ या वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया है. सवाल यह है कि जिन प्रोडक्ट में मांस आदि शामिल ही नहीं किया जा सकता है तो फिर हलाल सर्टिफिकेट की आवश्यकता क्या है. वहीं सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में हलाल शब्द लिखे हुए उत्पादों को बैन किया जाएगा.

एफआईआर दर्ज : हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर FIR दर्ज की गई है. सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है. हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई जैसी हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कंपनियों पर आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज किया गया है.

हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य पदार्थों के निर्माण, बिक्री पर प्रतिबंध : राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा की तरफ से शिकायत दर्ज कराई थी. इस पूरे मामले में तमाम शिकायतों के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री का संज्ञान लिया. इसके बाद अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ऐसे खाद्य उत्पादों की बिक्री, निर्माण, भंडारण आदि पर तत्काल प्रभाव से संपूर्ण यूपी और प्रदेश की सीमा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

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Last Updated :Nov 18, 2023, 10:43 PM IST
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