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लोहिया विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों की मांग पूरी, 7 साल बाद मिला प्रमोशन

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Published : Apr 18, 2023, 9:14 AM IST

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में सोमवार को 16 शिक्षकों के प्रमोशन को मंजूरी मिली. कई साल बाद इन शिक्षकों को प्रमोशन मिला है. शिक्षकों ने प्रमोशन और अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था.

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय
डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय

लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में सोमवार को कार्य परिषद ने 16 शिक्षकों के प्रमोशन को मंजूरी प्रदान कर दी. इस तरह करीब सात साल बाद कई शिक्षक प्रोफेसर बने हैं. इसके अलावा दो शिक्षकों को एसोसिएट और नौ असिस्टेंट प्रोफेसरों को अगले स्टेज पर प्रमोशन मिला है. हालांकि, इस मामले पर वित्त अधिकारी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई. लेकिन, कुलपति ने खारिज कर दी. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की ओर से अपने प्रमोशन और दूसरी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद कुलपति प्रो. सुबीर कुमार भटनागर शिक्षकों के प्रमोशन के मामले को पूरा करने को तैयार हुए.

सोमवार को विश्वविद्यालय में हुई कार्य परिषद की बैठक में मुहर लगाए जाने के बाद वर्षों से शिक्षकों का रुका हुआ प्रमोशन शिक्षकों को मिल गया. कार्य परिषद ने डॉ. विशालाक्षी, डॉ. एपी सिंह, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. वंदना सिंह और डॉ. केऐ पांडे को चयन समिति की संस्तुतियों के आधार पर प्रोफेसर पद पर कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन किए जाने पर अपनी मुहर लगाई. साथ ही डॉ. रजनीश यादव और डॉ. प्रेम गौतम को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत एसोशिएट प्रफेसर पद पर पदोन्नत की स्वीकृत दी.

इसी प्रकार से असिस्टेंट प्रफेसर के पदों पर कार्यरत नौ प्रवक्ताओं अमनदीप सिंह, अपर्णा सिंह, मनोज कुमार, शशांक शेखर, विकास भाटी, विपुल विनोद, शकुंतला संगम, मिताली तिवारी (अर्थशास्त्र) और अलका सिंह (अंग्रेजी) को स्टेज तीन और पे स्केल पर प्रमोशन करने की अपनी सहमति प्रदान दी. ये सभी पदोन्नतियां एलिजिबिलिटी की तिथि से लागू मानी जाएंगी. हालांकि, वित्त अधिकारी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब तक इनके पदों का स्थायीकरण नहीं हो जाता, तब तक वित्तीय दृष्टिकोण से ऐसे सततीकरण वाले पदों पर पदोन्नति नहीं की जा सकती है. लेकिन, कुलपति ने इस वित्तीय आपत्ति को ख़ारिज करते हुए कहा कि उनकी सलाह को कार्यवृत्त में रिकॉर्ड करते हुए पदोन्नति पत्र निर्गत कर दिए जाएंगे.

कार्यपरिषद ने जिन पांच प्रोफेसरों को प्रमोशन दिया गया है, उसमें डॉ. केए पांडे भी शामिल हैं. उनके प्रमोशन पर कार्य परिषद ने शर्त लगा दी. इसमें कहा गया कि उनका प्रमोशन पीएचडी डिग्री पूर्णकालिक मानी जाए या नहीं वाले बिंदु पर अंतिम निर्णय हो जाने के बाद ही मिलेगा. वहीं, कार्य परिषद ने इसके अलावा कुलपति द्वारा डॉ. एपी सिंह को 16 जून 2022 से विभागाध्यक्ष बनाए जाने के आदेश पर अपनी सहमति प्रदान की. साथ ही डॉ. केए पांडे को चीफ प्रॉक्टर व चीफ वार्डन बनाने, डॉ. प्रसेनजित कुंडू और डॉ. मनोज कुमार को ब्वॉयज हॉस्टल का वार्डन बनाने सहित डॉ. मलय पांडे एवं डॉ. अब्दुल्लाह नासिर को एसोशिएट वार्डन नियुक्त करने पर सहमति दे दी.

मुख्य सुरक्षा अधिकारी और चिकित्साधिकारी के पदों को आउटसोर्सिंग के आधार पर भरे जाने पर प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी. इसके अलावा बैठक में विश्वविद्यालय में 10 वर्षों से अधिक सेवा प्रदान कर चुके चालकों को प्रोन्नति वेतन का लाभ दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि गैर शैक्षणिक कर्मचारियों, कनिष्ठ सहायकों की पदोन्नति राज्य के शासनादेशों के क्रम में किए जाने पर सहमति दी.

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