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जाली नोट की तस्करी करने वाले दो गिरफ्तार, चार लाख से अधिक की Fake Currency बरामद

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2023, 8:59 AM IST

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यूपी एसटीएफ ने जाली नोटों (Indian Counterfeit Currency) का गोरखधंधा करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों रायबरेली में छापी गई नकली करेंसी की सप्लाई करने लखनऊ के स्कूटर इंडिया चौराहे पर पहुंचे थे. जहां एसटीएफ ने घेराबंदी कर दबोच लिया.

लखनऊ : यूपी एसटीएफ की टीम ने नकली व जाली नोट की तस्करी करने वाली दो तस्करों को मुखबिर की सूचना पर बुधवार देर शाम सरोजनीनगर इलाके से धर दबोचा. इस मामले में शामिल उनका एक साथी अभी फरार है. एसटीएफ के निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने दोनों के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा कर उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार को दोनों को जेल भेज दिया.


एसटीएफ मुख्यालय के निरीक्षक राघवेंद्र सिंह के मुताबिक बीते कई दिनों से एसटीएफ मुख्यालय को भारतीय जाली मुद्रा की संगठित तौर पर तस्करी करने वाले गिरोह के बारे में सूचनाएं मिल रही थीं. इसी के तहत एसटीएफ उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही द्वारा टीम गठित करने के बाद यह टीम ऐसे गिरोह के संबंध में जानकारी जुटा रही थी. बुधवार को सूचना मिली कि भारतीय जाली मुद्रा की तस्करी करने वाला रायबरेली जिले के खीरों थानान्तर्गत रौला निवासी अनुराग सिंह गुरुवार को अपने गिरोह के सदस्यों के साथ बड़ी मात्रा में जाली नोट लेकर सरोजनीनगर में स्कूटर इंडिया चौराहे के पास किसी को जाली नोटों की सप्लाई देने आ रहा है. इस सूचना पर स्कूटर इंडिया चौराहे पर पहुंच कर देर शाम एक सीडी डीलक्स मोटरसाइकिल पर सवार दो संदिग्ध व्यक्ति उन्नाव की तरफ से आते हुए दिखाई दिए. एसटीएफ टीम ने दोनों को पकड़ने की कोशिश की तो वह बाइक सहित भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्हें घेर कर पकड़ लिया गया.

पूछताछ में एक ने अपना नाम रायबरेली के खीरों थानान्तर्गत रौला गांव निवासी अनुराग सिंह और दूसरे ने बंथरा के औरावां निवासी आयुष बाजपेई बताया. तलाशी में दोनों के पास से 100-100 रुपये की नोटों के तीन बंडलों में कुल चार लाख 96 हजार एक सौ रुपये के नकली व जाली नोट बरामद हुए. आरोपियों ने बताया कि यह नोट जाली और फर्जी हैं. जिन्हें वह अमेठी जिले के फुरसतगंज स्थित पडरई मकदूमपुर निवासी रामकृपाल के यहां से लाए हैं. रामकृपाल के घर पर स्केनर, लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से यह नोट बनाए गए हैं. इन नोटों को वह रामकृपाल के बताए हुए आदमी को सप्लाई करने स्कूटर इंडिया के पास आए थे. पूछताछ में अनुराग सिंह ने बताया कि वह रामकृपाल के साथ नकली नोट के मामले में एक बार रायबरेली से जेल भी जा चुका है. दोनों ने बताया कि वह रामकृपाल के साथ मिलकर भारतीय जाली मुद्रा छाप कर इन्हें असली भारतीय मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तस्करी का कार्य संगठित रूप से करते हैं.

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