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देश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक !,1.50 लाख किशोरों समेत 11 लाख को लगी वैक्सीन

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Published : Jan 3, 2022, 10:30 PM IST

18 वर्ष से ऊपर की 88 फीसद आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है, साथ ही 50 फीसद को दूसरी डोज भी लग गई है. यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है.

11 लाख को लगी वैक्सीन
11 लाख को लगी वैक्सीन

लखनऊ: यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जारी है. सोमवार यानी आज से 15 साल से ऊपर के और 18 साल की उम्र वाले बच्चों को भी वैक्सीन की डोज देना शिरू कर दिया गया है. पहले दिन 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को डेढ़ लाख से ज्यादा डोज लगीं. वहीं 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग समेत कुल 11 लाख टीके लगाए गए.

88 फीसद को लगी पहली डोज

18 वर्ष से ऊपर की 88 फीसद आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है, साथ ही 50 फीसद को दूसरी डोज भी लग गई है. यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.

ऑन द स्पॉट पंजीकरण
यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प और घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई थी, उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज़ भी लगाई जा रही है. मौके पर ही पंजीकरण भी किया जा रहा है.


पहली डोज का आंकड़ा 12.82 करोड़ के पार
सोमवार को 16,755 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,685 सरकारी और 70 निजी केंद्र बनाए गए हैं. यूपी में कुल डोज अब 20 करोड़ 36 लाख से ज्यादा लग गई है. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 7 करोड़ 46 लाख पार कर गई है. पहली डोज 12 करोड़ 89 लाख से ज्यादा को लगी है. वहीं बच्चों के लिए 2 हजार से ज्यादा बूथ बनाये गए. इस पर डेढ़ लाख से ज्यादा टीके लगाए गए.

10 जनवरी से बूस्टर डोज
राज्य में 10 जनवरी से बूस्टर डोज दी जाएगी. पहले चरण में हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को तीसरी डोज लगाई जाएगी. इसमें पुलिस कर्मी भी शामिल होंगे. उन्हें भी तीसरी डोज लगाई जाएगी.

कोरोना वायरस फिर से तेजी पकड़ने लगा है. कोरोना पर नियंत्रण के लिये स्वास्थ्य विभाग ने पुरानी रणनीति अपनानी शुरू कर दी है. ट्रेसिंग, टेस्टिंग के साथ-साथ माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की नीति फिर से लागू हो गई है. प्रदेश में लखनऊ समेत दूसरे जिलों में 800 के करीब माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं.

लखनऊ में 79 मरीज, 27 यात्रियों में मिला वायरस


राज्य में यात्री कोरोना वायरस के वाहक बनते जा रहे हैं. सोमवार को लखनऊ में बाहर से घूमकर लौटे 27 यात्री समेत 79 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. बाहर से आने वालों की जीनोम सिक्वेसिंग के लिए नमूने भेजे गए हैं. गोमतीनगर विस्तार स्थित निजी अस्पताल के चार कर्मचारियों में भी संक्रमण का पता चला है.


ऑपरेशन से पहले चार पॉजिटिव

लखनऊ में ऑपरेशन से पहले कोरोना जांच में चार मरीज संक्रमित पाए गए हैं, उनके ऑपरेशन टाल दिया गया है. वहीं, 14 लोगों ने सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे लक्षण नजर आने पर कोरोना की जांच कराई. जांच में संक्रमण का पता चला है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक, संक्रमितों की लगातार निगरानी की जा रही है. अधिकतर संक्रमित होम आईसोलेशन में है. इस समय राजधानी में 229 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये गये हैं.

मेडिकल किट तैयार करने के निर्देश

शासन ने कोरोना के बढ़ते ही जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश हैं. घर-घर मेडिकल किट वितरण के लिए पैकेट तैयार कर लिए जाएं. साथ ही कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सलाहकार से सुझाव को कहा गया है. इसके साथ ही सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट, संस्थाओं, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, औद्योगिक इकाइयों में हेल्प डेस्क व डे केयर सेंटर बनाने निर्देश जारी किए गए हैं.

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