ETV Bharat / state

204  सीटों पर मायावती की खास नजर,  'भाईचारा' की गणित से नंबर दो से 'एक' बनने की कवायद...

author img

By

Published : Feb 2, 2022, 5:24 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 7:22 PM IST

UP Assembly Election 2022, Uttar Pradesh Assembly Election 2022, UP Election 2022 Prediction, UP Election Results 2022, UP Election 2022 Opinion Poll, UP 2022 Election Campaign highlights, UP Election 2022 live, Akhilesh Yadav vs Yogi Adityanath, up chunav 2022, UP Election 2022, up election news in hindi, up election 2022 district wise, UP Election 2022 Public Opinion, यूपी चुनाव न्यूज, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, यूपी विधानसभा चुनाव 2022
204  सीटों पर मायावती की खास नजर,  'भाईचारा' की गणित से नंबर दो से 'एक' बनने की कवायद

बसपा यूपी विधानसभा चुनाव में 204 सीटों पर खास फोकस कर रही है. इसमें पिछले चुनाव में नम्बर दो पर रहीं सीटों के अलावा आरक्षित सीटें हैं. चलिए, इन हारी सीटों को जीतने के लिए बसपा कौन सा फार्मूला अपना रही है जानते हैं इसके बारे में.

लखनऊ : बसपा यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सधी रणनीति पर काम कर रही है. वह यूपी की 204 सीटों पर खास फोकस कर रही है. इसमें पिछले चुनाव में नम्बर दो पर रहीं सीटों के अलावा आरक्षित सीटें शामिल हैं. ऐसे में हारी सीटों को जीत में तब्दील करने के लिए 'भाईचारा' कमेटी को एक्टिव कर दिया गया है. साथ बसपा प्रमुख मायावती ने भी परंपरागत वोटों को एकजुट करने के लिए आगरा से चुनावी हुंकार भर दी है.


यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से वर्ष 2017 के चुनाव में 118 पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी. इन सीटों में वोट का अंतर 5000 से कम रहा था. वहीं. कई सीटें 500 से 200 वोट के अंतर से बसपा हार गई थी. वहीं, 86 आरक्षित वर्ग की सीटें हैं, जिसमें 84 एससी-दो एसटी की हैं.
ऐसे में इन सीटों पर बसपा प्रमुख ने जीत के लिए खास फोकस कर रही हैं. उन्हें लगता है कि इन सीटों पर जीत दर्ज कर यूपी की सत्ता में पहुंचना आसान हो सकता है. इसके लिए 'भाईचारा' वाला फार्मूला तय किया गया है. इसमें परंपरागत दलित वोट के अलावा ब्राह्मण, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज का समर्थन जुटाया जा रहा है. साथ ही बसपा प्रमुख ने अपने कॉडर को भी फील्ड पर उतार दिया है. वह घर-घर फोल्डर बांटकर मायावती का संदेश पहुंचा रहे हैं.


ब्राह्मणों को साधने के लिए सतीश चंद्र मिश्रा को कमान
बसपा से ब्राह्मणों को जोड़ने की खास कवायद चल रही है. इसके लिए पार्टी प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय सचिव सतीश चंद्र मिश्रा को जिम्मेदारी सौंपी हैं. ब्राह्मणों को पाले में लाने के लिए 23 जुलाई 2021 से सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी अयोध्या से शुरू की. सितम्बर 2021 में लखनऊ में गोष्ठी का मायावती ने समापन किया. ऐसे में 2007 की तर्ज पर दलित-ब्राह्मण कार्ड भी बसपा खेलने जा रही है.

यह बोले बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान.
2007 में 62 आरक्षित सीटों पर जमाया था कब्जा बसपा ने 2007 में सोशल इंजीनियरिंग के जरिए राज्य में बहुमत की सरकार बनाई थी. इस दरम्यान सुरक्षित सीटों पर दलित मतदाताओं के अलावा दूसरे समाज के वोटरों का भी बड़ा समर्थन मिला था. इसमें ब्राह्मणों का बसपा के पाले में आना प्रमुख रहा. अगर पिछले तीन विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो सुरक्षित सीटों (84 एससी-2 एसटी) पर बसपा का प्रदर्शन मनमुताबिक नहीं रहा.2017 के विधानसभा चुनाव में 86 सुरक्षित सीटों में से बसपा सीतापुर की सिधौली और आजमगढ़ की लालगंज सीट ही फतह कर सकी. इसमें से 70 सीटों पर अकेले बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इससे पहले 2012 के चुनाव में केवल 85 सीटें आरक्षित रहीं. यह केवल एसटी के लिए थीं. इनमें से बसपा केवल 15 सीटें ही जीत सकी थी. ये सीटें रामपुर, मनिहारान, पुरकाजी , नागौर, हाथरस, आगरा कैंट, आगरा ग्रामीण, टूंडला हरगांव, मोहान, महरौनी, नारायणी, मंझनपुर ,कोराओं ,बांसगांव और अजगरा सीट जीती थी. वहीं मायावती ने वर्ष 2007 में सुरक्षित सीटों में से 62 सीटों पर कब्जा जमाया था. यह सीटें बसपा को सत्ता में लाने के लिए मददगार साबित हुईं.

ये भी पढ़ेंः टिकट कटने के बाद बोलीं स्वाति सिंह, भाजपा में हूं और भाजपा में ही रहूंगी

सुरक्षित सीटों पर सवर्णों का वोट निर्णायक
यूपी की विधानसभा की रिजर्व सीटों पर सवर्ण वोट निर्णायक साबित होते हैं, कारण दलितों का वोट अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों में बंट जाते हैं. इस वजह से चुनाव में बसपा प्रमुख गैर दलित और सवर्ण वोटों पर फोकस कर रहीं हैं. इसमें भी उनका मुख्य निशाना ब्राह्मण वोटों पर है, जिसके जरिए उन्होंने 2007 में विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखा था.



यूपी में जातिगत गणित
यूपी में सबसे ज्यादा ओबीसी मतदाता हैं. इसमें करीब 79 जातियां हैं. इनके मतदाताओं की संख्या 52 फीसद है. वही पिछड़ा वर्ग में 11 फीसद मतदाता यादव समाज के हैं. वहीं गैर यादव 45 फीसद मतदाता हैं. वही दलित मतदाताओं की संख्या 20.5 फीसदी है. यूपी में जनसंख्या के लिहाज से मुस्लिमों की आबादी लगभग 20 फीसद है. इसके अलावा सवर्ण मतदाताओं की आबादी 23 फीसद है. इनमें सबसे ज्यादा 11 फीसद ब्राह्मण, 8 फ़ीसदी राजपूत और 2 फीसद कायस्थ व अन्य अगड़ी जाति हैं.

ये भी पढ़ेंः स्वाति सिंह ऐसे बनीं फायर ब्रांड नेता, इन वजहों से कटा टिकट...

  • इन सीटों पर बसपा रही नंबर दो पर
    सहारनपुर , देवबंद, रामपुर मनिहारान, थाना भवन, चांदपुर, चमरआ, अमरोहा, हस्तिनापुर, मेरठ कैंट ,मेरठ दक्षिण ,बागपत ,लोनी ,मुरादनगर, गाजियाबाद, मोदीनगर, गढ़मुक्तेश्वर, दादरी ,जेवर ,सिकंदराबाद, बुलंदशहर, अनूप शहर ,शिकारपुर ,खुर्जा ,खैर, बरौली ,इगलास, हाथरस ,गोवर्धन, आगरा कैंट, आगरा दक्षिण ,आगरा उत्तर, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, टूंडला बिल्सी, दातागंज , बहेड़ी, मीरागंज, हरगांव, लहरपुर, मिश्रिख, शाहाबाद, बालामऊ, सफीपुर, मोहान, भगवंतनगर, बख्शी का तालाब ,मोहनलालगंज ,तिलोई, रायबरेली, सरैनी,सुल्तानपुर, लंभुआ, कादीपुर ,फर्रुखाबाद ,छिबरामऊ ,औरैया, सिकंदरा, भोगनीपुर, बिल्लौर ,महाराजपुर, घाटमपुर, माधवगढ़, कालपी ,झांसी नगर ,महरौनी ,तिंदवारी, बबेरू ,बांदा, रानीगंज, मंझनपुर, बाराबंकी ,बलहा, कैसरगंज गैसड़ी , मेहरौनी, गोंडा मनकापुर, सोहरतगढ़, इटवा डुमरियागंज, कप्तानगंज, रुधौली , मेहदावल, खलीलाबाद ,महाराजगंज, पिपराइच ,खजनी ,बांसगांव, खड्डा ,पडरौना ,कुशीनगर, निजामाबाद, फूलपुर, पवई ,घोसी, मोहम्मदाबाद, गोहाना ,फेफना ,बदलापुर, जहुराबाद ,मोहम्मदाबाद ,जमानिया ,चकिया ,पिंडरा मिर्जापुर - छानबे, मिर्जापुर मझवां व मिर्जापुर सोनभद्र दुद्धी आदि.



    बसपा की सोशल इंजीनियरिंग
  • कुल 293 उम्मीदवार घोषित.
  • सवर्ण-81
  • ओबोसी-80
  • मुस्लिम-69
  • एससी-63


    ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
Last Updated :Feb 2, 2022, 7:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.