ETV Bharat / state

Adani Group को बड़ा झटका, बिजली विभाग ने निरस्त किया स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर

author img

By

Published : Feb 5, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Feb 6, 2023, 2:53 PM IST

निरस्त किया स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर
निरस्त किया स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर

अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है.मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अडानी जीएमआर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर को निरस्त कर दिया है. चलिए जानते हैं इसकी वजह.

लखनऊ: देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी के सितारे इन दिनों गर्दिश में है. उन्हें झटके पर झटके लग रहे हैं. परिवहन निगम के पीपीपी बस स्टेशन के टेंडर से हाथ खींच लेने के बाद अब उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर अपने नाम करने में जुटे इस ग्रुप को बड़ा झटका लगा है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अडानी जीएमआर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर को निरस्त कर दिया है. यानी अब उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में अडानी ग्रुप के हाथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर नहीं लगेगा. बता दें कि अडानी ग्रुप में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए जो न्यूनतम धनराशि रखी थी, वह भी वर्तमान में आ रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तुलना में लगभग 4000 रुपए ज्यादा थी.

उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर जिसकी लागत लगभग 25000 करोड है. देश के बडे निजी घराने मेसर्स अडानी जीएमआर व इन टेलीस्मार्ट जिनकी दरें ऐस्टीमेटेड कॉस्ट 6000 रुपए से करीब 48 से 65 प्रतिशत अधिक आई थीं, इस टेंडर को कैंसिल कर दिया है. मध्यांचल प्रबंधन के स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर में मेसर्स अडानी न्यूनतम निविदादाता थे. जिनकी दर लगभग 10 हजार रुपए के करीब थी. उपभोक्ता परिषद ने पिछले दिनों विदेशी कोयले की तरह इस उच्च दर वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की थी.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद लगातार यह मुद्दा उठा रहा था कि केंद्र सरकार के इशारे पर उच्च दर पर इस टेंडर को अंतिम रूप देने के लिए दबाव डाला जा रहा था. केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से भी बात कर हस्तक्षेप की मांग उठाई थी. कहा था कि जब भारत सरकार के अधीन रूरल(Rural) इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड ने स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन में प्रति मीटर रुपया 6000 की एस्टिमटेड कॉस्ट तय कर दी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में प्रति मीटर जो 10,000 रुपए से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें आई हैं, उसे अविलंब निरस्त किया जाए.

यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार को चार कलक्टर की जगह आठ क्लस्टर में टेंडर निकाल कर अपनी निविदा नियमों पर टेंडर को आगे निकालना चाहिए. इससे देश की मीटर निर्माता कंपनियां भी टेंडर में भाग ले पाएं और सही मायने में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों में प्रतिस्पर्धा कायम हो सके. अभी देश के निजी घरानों ने बडे कलस्टर में टेंडर को इसलिए बनवाया था. जिससे चाहकर भी देश की मीटर निर्माता कंपनियां टेंडर में भाग न ले पाएं और देश के बडे निजी घरने बिचैलिया के रूप में टेंडर को हथिया कर बडा लाभ कमाएं.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने बताया कि बीते दिनों मैंने यह खुलासा किया था कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें गुजरात में 15 से 20 प्रतिशत तक कम आई हैं. यह कैसा खेल है? उत्तर प्रदेश को सतर्क हो जाना चाहिए और टेंडर को निरस्त कर देना चाहिए. ऊर्जा विभाग के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया और अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड हटाने ग्रुप का टेंडर निरस्त कर दिया है. अब उम्मीद ये भी है कि अन्य डिस्कॉम भी अपने यहां से इस बड़े घराने के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए डाले गए टेंडर निरस्त करेंगे.

यह भी पढे़ं:स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर में बड़े खेल की तैयारी, पीएम से सीबीआई जांच की मांग

Last Updated :Feb 6, 2023, 2:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.