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केशव मौर्या के विरोध से लेकर किसानों की मौत, आगजगी और बवाल तक, पढ़िए लखीमपुर खीरी हिंसा की पूरी कहानी

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Published : Oct 4, 2021, 7:42 AM IST

लखीमपुर खीरी हिंसा
लखीमपुर खीरी हिंसा

केशव मौर्य के हेलीकॉप्टर उतरने से पहले ही किसानों ने हेलीपैड कर कब्जा कर लिया था, उपमुख्यमंत्री का पोस्टर फाड़ दिया, किसान तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे. उधर केशव मौर्या अपना कार्यक्रम पूरा करके केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के घर के लिए निकले थे. फिर यही से जो खबर सामने आई उसने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया.

लखीमपुर खीरीः रविवार को दोपहर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या के लखीमपुर खीरी अगामन और किसानों के विरोध प्रदर्शन ने शाम होते-होते जिले को सुर्खियों में ला दिया. किसानों का विरोध प्रदर्शन और बीजेपी कार्यकर्ताओं की उस पर प्रतिक्रिया हिंसक हुई तो कईयों को अपनी जान गंवानी पड़ गई.

केशव मौर्य के हेलीकॉप्टर उतरने से पहले ही किसानों ने हेलीपैड कर कब्जा कर लिया था, उपमुख्यमंत्री का पोस्टर फाड़ दिया, किसान तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे. उधर केशव मौर्या अपना कार्यक्रम पूरा करके केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के घर के लिए निकले थे. फिर यही से जो खबर सामने आई उसने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया.

जानकारी के अनुसार, केशव मौर्य के गृह राज्य मंत्री के घर जाने की सूचना पाकर मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा जल्दी से घर की तरफ बढ़े. कहा जा रहा है कि आशीष उपमुख्यमंत्री के पहले ही घर पहुंचना चाहते थे, लिहाजा वह अपने तीन से चार गाड़ियों के काफिले को लेकर घर की तरफ तेजी से बढ़ें.

लखीमपुर खीरी हिंसा
बवाल के बाद कार में लगाई गई आग

काफिला तिकोनियां के बनबीरपुर चौराहे के पास पहुंचा था. तभी विरोध कर रहे किसान काले झंडे लेकर गाड़ी के आगे आ गए. इसी दौरान कई किसान तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में आ गए. आरोप है कि आशीष मिश्रा ने जानबूझकर किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी. किसानों के घायल होने की सूचना से बाकी के किसानों में आक्रोश व्याप्त हो गया.

किसानों ने गाड़ियों पर पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी. साथ ही गाड़ी में सवार बीजेपी कार्यकर्ता और आशीष मिश्रा को घेर लिया. खुद को घिरा देश आशीष मिश्रा ने लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली चला दी. आरोप है कि गोली एक किसान को लगी जिससे उसकी मौत हो गई. बवाल और बढ़ा और इस दौरान दो किसानों की मौत की सूचना से प्रदेश हिल उठा. आशीष मिश्रा तो किसी तरह मौके निकलने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कुछ साथियों की किसानों ने पिटाई कर दी गाड़ियों में आग लगा दी. एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह ने 8 लोगों की मौत की पुष्टी की है.

गोरखपुर दौरा छोड़कर वापस लौटे मुख्यमंत्री

गोरखपुर दौरे पर पहुंचे सीएम योगी ने घटना को देखते हुए गोरखपुर दौरा बीच में ही छोड़कर लखनऊ के लिए वापस लौट लिए. साथ ही उन्होंने एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार को लखीमपुर खीरी पहुंचने का आदेश दे दिया.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने बताया कि किसानों के वेश में घुसे अराजक तत्वों ने वारदात को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या की गई है. मेरे बेटे का घटना में कोई रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि ड्राइवर को भी पीट-पीटकर मार डाला गया है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रियंका-राहुल ऐसी ओछी राजनीति पहले से करते आ रहे हैं.

सीएम ने डीजीपी को किया तलब

लखीमपुर खीरी में बवाल के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का कार्यक्रम रद्द कर लखनऊ पहुंचे. उन्होंने डीजीपी मुकुल गोयल को अपने आवास पर तलब किया है. यहां वह आलाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसके साथ ही लखीमपुर खीरी जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा
बीच सड़क जमकर हुआ बवाल

शासन ने लगाई निषेधाज्ञा

लखीमपुर खीरी दौरे से पहले हुई हिंसा के मद्देनजर राज्य प्रशासन ने वहां निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है. लखनऊ, पुलिस आयुक्तालय में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया के हस्ताक्षर से रविवार देर रात जारी आदेश में कहा गया कि आज लखीमपुर खीरी जिले में हुई घटना के मद्देनजर वहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू कर दी गई है.मोर्डिया ने अपने आदेश में कहा है कि उक्त घटना को लेकर जनपद में राजनीतिक दलों/संगठनों के एकत्र होने से कानून व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती है. इसलिए जनपद खीरी में स्थिति सामान्य होने तक जनपद की सीमा में किसी भी राजनीतिक दल अथवा संगठन के नेताओं/कार्यकर्ताओं के एकत्र होने अथवा प्रदर्शन करने पर रोक लगायी जाती है.

जिले में सुरक्षा बल तैनात

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में हुए विवाद के बाद जिले में पुलिस और प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही लखीमपुर के बार्डर पर पुलिस बल को लगाकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. एडीजी एलओ की ओर से लखीमपुर के आस-पास के संबंधित थानों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं पुलिस अधिकारियों को किसान नेताओं पर भी नजर रखने की हिदायत दी गई है.

राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को घेरा

चुनाव वाले प्रदेश में इस तरह से बवाल और उसपर राजनीति न हो ये तो भारतीय राजनीति में संभव कहां है, लिहाजा मामले पर राजनीति शुरू हुई तो इसने घटना को और हवा दी. कांग्रेस महासचिव को सोमवार दोपहर लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन वो रविवार रात 10 बजे ही लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंड कर गईं. यहां से वो सीधे लखीमपुर खीरी के लिए निकली और पांच घंटे की आंख मिचौली के बाद आखिरकार प्रशासन तड़के उन्हें हिरासत में ले लिया.

इसके पहले घटना के साथ ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने घटना पर ट्वीट कर सूबे की योगी सरकार को निशाने पर लिया. अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने के लिए लखनऊ में अखिलेश यादव के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है.

वहीं बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा को भी लखनऊ में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया. मिश्रा भी लखीमपुर खीरी जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया. इस पर बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हम वहां जाना चाहते हैं. क्या वे काले कानून का विरोध करने पर किसानों को कारों से कुचल देंगे? हमें वहां कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी का हवाला देते हुए आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है. अगर वे हमें नजरबंद करना चाहते हैं तो हम (लिखित) आदेश की मांग करते हैं.

किसान संगठनों ने देश भर में किया प्रदर्शन का एलान

किसान नेता राकेश टिकैत अपने दल-बल के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रात में ही रवाना हो गए. राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी में हुए बवाल पर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि ये चाइना नहीं कि आप बुलडोजर और ट्रक चलवाओगे. सरकारी गुंडागर्दी देखना है तो यूपी में आकर देखें. राकेश टिकैत ने कहा कि सीएम योगी और गृह राज्यमंत्री इस्तीफा दें. जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा हम लखीमपुर खीरी में डटे रहेंगे.

लखीमपुर खीरी हिंसा
घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शन कारी

उधर लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना के बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने तत्काल एक पंचायत बुलाई और सोमवार को देश भर के हर जिले में विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है. बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने फोन पर बताया कि यह फैसला बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अध्यक्षता में सिसौली गांव में हुई पंचायत में लिया गया.

मलिक ने आरोप लगाया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन किसी तरह वे अपनी यात्रा जारी रखने में सफल रहे. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर सड़कों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं और पुलिस अधिकारियों ने वाहनों की जांच शुरू कर दी है. हम 200 से 300 लोग हैं और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं और भी लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं.

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