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15 से खुलेंगे दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार

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Published : Nov 9, 2021, 10:50 PM IST

इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से खोल दिया जायेगा. यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने दुधवा, पीलीभीत और कर्तनियाघाट समेत यूपी के सभी वन्यजीव विहारों को पर्यटकों के लिए खोलने की नई तारीख को हरी झंडी दे दी है.

टाइगर
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लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी- यूपी के दोनों टाइगर रिजर्व 15 नवंबर से सैलानियों के लिए खुल जाएंगे. दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सैलानी बाघों के दीदार कर सकेंगे. सैलानियों को वाइल्ड सफारी करने का मजा भी मिलेगा. यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने दुधवा, पीलीभीत और कर्तनियाघाट समेत यूपी के सभी वन्यजीव विहारों को पर्यटकों के लिए खोलने की नई तारीख को हरी झंडी दे दी है.

गौरतलब है कि पहले दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व को इको टूरिज्म बढ़ाने के उद्देश्य से एक नवम्बर से खोलने का आदेश हुआ था, पर तराई के जिलों और पहाड़ों से आई बाढ़ के पानी ने जंगल के रास्तों को खराब कर दिया था. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि हाई लेबल मीटिंग में विचार- विमर्श के बाद 15 नवम्बर से ओपनिंग की डेट को मंत्री ने अनुमति दी है.


दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व तराई के बाघों के लिए मशहूर है. हिमालय की तराई के जंगल जितने खूबसूरत हैं. उतने ही खूबसूरत तराई के टाइगर भी हैं. तराई के बाद अभी बिल्कुल नेचुरल हैं. बेसिक इंस्टिंक्ट इन बाघों में पूरी तरीके से नेचुरल है. तराई के बाद शर्मीले भी हैं जो इनके नेचुरल इंस्टिक्ट को दर्शाते हैं. तराई के जंगलों में पाए जाने वाले बाग बेहद खूबसूरत हैं. इन्हें देखने तभी दूर दूर से सैलानी खिंचे चले आते हैं.


दुधवा टाइगर रिजर्व में इस बार सैलानियों को जंगली हाथियों के कुनबे भी देखने को खूब मिलेंगे. दरअसल नेपाल से आने वाले माइग्रेटरी हाथी इस बार दुधवा में ही ठहरे हुए हैं. यह कभी पीलीभीत के जंगल में चले जाते हैं तो कभी दुधवा के जंगलों में घूमते चले आते हैं. हाथियों को खाने पीने के लिए जंगल और आस-पास खूब मिल रहा सो हाथी रुके हुए हैं. हाथियों के कुनबे में छोटे बच्चे भी हैं. इस बार बारिश के दिनों में भी हाथी खूब दिखाई पड़े हैं. सड़कों पर निकल कर आए. कई जगह तो खेतों में नुकसान भी किया पर जंगली हाथियों का कुनबा इस बार दुधवा टाइगर रिजर्व में रुका हुआ है. दुधवा टाइगर रिजर्व नेपाल के घुमंतू हाथियों को भा गया है. यहां की आबोहवा हाथियों को पसंद आ गई है.

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दुधवा टाइगर रिजर्व अपने आप में एक ऐसा टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क है, जिसमें जंगली हाथियों और बाघों के साथ एक सींग वाले गैंडे भी रहते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व में इस समय 42 गैंडों का परिवार फूल- फल रहा है. दो राइनों रिहैबिलिटेशन सेंटर दुधवा में चल रहे हैं. सलूकापुर और छंगानाला, जिनमें गैंडे प्रजनन भी कर रहे हैं और आराम से रह रहे हैं. इस बार सैलानियों को गैंडा प्रक्षेत्र में जाने की अनुमति भी मिली है, और हाथी पर सवारी करने की अनुमति भी पार्क प्रशासन ने दी है.

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प्रधान वन संरक्षक उत्तर प्रदेश, वन संरक्षक वन निगम, वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाइगर, वनरक्षक इको टूरिज्म और टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ तमाम बैठकों और ऑनलाइन डिस्कशन के बाद दुधवा, पीलीभीत कतर्नियाघाट और यूपी भर के सभी वन्य जीव विहार 15 नवंबर से खोलने का निर्णय किया गया है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि जिन सैलानियों ने एक नवंबर के पहले बुकिंग कराई थी. वह 15 नवंबर के बाद अपनी बुकिंग किसी भी दिन के लिए एक्सीटेंड कर अपना जमा डिपाजिट एडजस्ट करा सकते हैं.

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