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नौकरी देने के नाम पर लोगों के साथ 35 लाख का फर्जीवाड़ा, दो आरोपी गिरफ्तार

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Published : May 8, 2022, 6:28 PM IST

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कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे

कासगंज में नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. ये लोग अब तक सैकड़ों लोगों के साथ 35 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं.

कासगंज : जिले में नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने उस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. ये लोग अब तक सैकड़ों लोगों के साथ 35 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं.

बताया जाता है कि कासगंज के ग्राम कलानी थाना सिढ़पुरा निवासी जितेंद्र सोलंकी पुत्र रणवीर सोलंकी ने पुलिस में शिकायत की कि लगभग एक वर्ष पूर्व थाना गंजडुंडवारा के ग्राम सिकहरा निवासी कुलदीप शर्मा पुत्र श्याम प्रकाश शर्मा ने उसकी पुत्री महक सोलंकी के नाम से गुलनाज प्रशिक्षण केंद्र खुलवाने के लिए 3500 रुपये सिक्योरिटी लिया था.

कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे

बाद में लड़की महक को प्रत्येक माह 3500 रुपये वेतन के रूप में देने की बात कही थी. इसके बाद कुलदीप शर्मा ने एक फर्जी नियुक्ति पत्र, आईकार्ड, तीन कुर्सी मेज दिया और बाकी सामान बाद में देने को कहा. महक का वेतन 3500 अगले माह से शुरू करने का आश्वासन दिया. जब कई माह तक वेतन नहीं मिला, तब उसने जानकारी की तो पता चला कि गुलनाज प्रशिक्षण संस्थान के संचालक सलमान सिद्दीकी, नितीश भारद्वाज, प्रशांत उपाध्याय, रवि कुमार सहित 50 व्यक्तियों का एक गिरोह है जो जनपद कासगंज और कासगंज के बाहर करीब सैकड़ों महिलाओं से रुपये लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड देकर ठगी कर रहा है.

शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. कासगंज एसपी ने जांच के लिए एक टीम गठित की. रविवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सबूतों के आधार पर दो जालसाजों सलमान सिद्दीकी और नितेश भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया. कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने इसकी जानकारी दी. पूछताछ में सलमान सिद्दीकी ने बताया कि उसने और उसके भाई ने एक कंपनी गुलनाज प्रशिक्षण केंद्र के नाम से वर्ष 2017 में रजिस्टर्ड कराई थी. इसमें उसके द्वारा दो जिला प्रभारी, 45 सुपरवाइजर और ग्राम सभा स्तर पर 450 सेंटर बनाए गए थे.

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जिला प्रभारियों से 50-50 हजार रुपये, सुपरवाइजरों से 40-40 हजार तथा सेंटर पर नियुक्त टीचरों से 3500 रुपये एडवांस के तौर पर सिक्योरिटी के रुप में कह कर लिए गए थे. इसके लिए जिला प्रभारी को प्रतिमाह 20 हजार रुपये, सुपरवाइजर को 15 हजार और सेंटर पर टीचर्स को 3,500 प्रति माह वेतन के रुप में दी जाने का वायदा किया गया था.

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मगर किसी को कोई भी वेतन नहीं दिया गया. यह सब रुपये उनके भाई अकरम और साथियों ने आपस में बैठकर खर्च कर दिया. इस धोखाधड़ी के संबंध में एक और मामला थाना सहावर पर अभियुक्त रितेश भारद्वाज के विरुद्ध दिनांक 7 मई 2022 को शिकायतकर्ता चमन राजपूत पुत्र शंकरलाल ने दर्ज कराया था.

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