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कानपुर हैलेट अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने से मरीज की हालत गंभीर

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 11:07 AM IST

कानपुर हैलेट अस्पताल (Kanpur Hallet Hospital) में चिकित्सकों की लापरवाही सामने आई है. यहां ऑपरेशन के बाद मरीज को दोबारा अल्ट्रासाउंड कराने के दौरान खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया गया.

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बिना ऑक्सीजन के मरीज को लगाया खाली सिलेंडर.

कानपुर: उत्तर प्रदेश में एक तरफ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कर रहें हैं. इसके बावजूद भी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की लापरवाही का मामला सामने आ रहा है. ताजा मामला कानपुर से सामने आया है. यहां कानपुर हैलेट अस्पताल में सोमवार को चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही सामने आई है. यहां चिकित्सकों ने लीवर की समस्या से पीड़ित एक मरीज को बिना ऑक्सीजन वाला खाली सिलेंडर लगाकर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया. जहां मरीज की हालत गंभीर होने पर परिजन उसे इमरेजेंसी लेकर भागे. जहां खुलासा होने पर चिकित्सकों में हड़कंप मच गया.

मरीज को लगाया खाली सिलेंडर
कानपुर शहर के दादानगर निवासी विशाल ने मीडिया से बताया कि उसके पिता हरेंद्र शर्मा राजमिस्त्री हैं. वह अपने पिता को 5 दिन पूर्व लीवर की समस्या को लेकर कानपुर हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां अस्पताल में डॉक्टर एके चौधरी की देख-रेख में उनका इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने जांच पड़ताल के बाद बताया कि लीवर में इंफेक्शन हो गया है और उसमें पस पड़ चुका है. चिकित्सकों ने शनिवार को ऑपरेशन कर पस निकाल दिया. ऑपरेशन के बाद उसके पिता को दोबारा ऑक्सीजन का सपोर्ट चाहिए था. सोमवार को दोबारा अल्ट्रासाउंड होना था. यहां वार्ड में तैनात चिकित्सकों ने बिना जांच किए उन्हें खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया. इसके बाद उन्हें अल्ट्रासउंड कराने के लिए भेज दिया.

इमरजेंसी में लगा ऑक्सीजन सिलेंडर
विशाल ने बताया कि जैसे ही वह अपने दोस्त आकाश के साथ पिता को लेकर अल्ट्रासाउंड पहुंचे. इसी दौरान उनके पिता की सांस फूलने लगी. विशाल ने बताया कि पिता की हालत बिगड़ती देख वहां से स्ट्रेचर खींचकर पिता को इमरजेंसी लेकर भागे. इमरजेंसी पहुंचने पर वहां भी ऑक्सीजन लगाने में देर हुई. वहां सिलेंडर तो लग गया, लेकिन उसकी चाबी ना मिलने के कारण कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद चिकित्सकों ने उनके पिता का उपचार शुरू किया.

ईएमओ कर रहे जांच
इमरजेंसी में मौजूद ईएमओ डॉ. सुबोध कटियार ने बताया कि उन्हें जानकारी होने पर वह कर्मचारियों को फटकार लगाई है. इसके साथ ही मरीज को तत्काल सिलेंडर उपलब्ध कराने के साथ ही इलाज शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- ब्रजेश पाठक ने कहा-घबराएं नहीं, डेंगू से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं

यह भी पढ़ें- कानपुर में पुलिसकर्मी पर जानलेवा हमला, मुठभेड़ के बाद दोनों आरोपी गिरफ्तार

बिना ऑक्सीजन के मरीज को लगाया खाली सिलेंडर.

कानपुर: उत्तर प्रदेश में एक तरफ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कर रहें हैं. इसके बावजूद भी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की लापरवाही का मामला सामने आ रहा है. ताजा मामला कानपुर से सामने आया है. यहां कानपुर हैलेट अस्पताल में सोमवार को चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही सामने आई है. यहां चिकित्सकों ने लीवर की समस्या से पीड़ित एक मरीज को बिना ऑक्सीजन वाला खाली सिलेंडर लगाकर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया. जहां मरीज की हालत गंभीर होने पर परिजन उसे इमरेजेंसी लेकर भागे. जहां खुलासा होने पर चिकित्सकों में हड़कंप मच गया.

मरीज को लगाया खाली सिलेंडर
कानपुर शहर के दादानगर निवासी विशाल ने मीडिया से बताया कि उसके पिता हरेंद्र शर्मा राजमिस्त्री हैं. वह अपने पिता को 5 दिन पूर्व लीवर की समस्या को लेकर कानपुर हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां अस्पताल में डॉक्टर एके चौधरी की देख-रेख में उनका इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने जांच पड़ताल के बाद बताया कि लीवर में इंफेक्शन हो गया है और उसमें पस पड़ चुका है. चिकित्सकों ने शनिवार को ऑपरेशन कर पस निकाल दिया. ऑपरेशन के बाद उसके पिता को दोबारा ऑक्सीजन का सपोर्ट चाहिए था. सोमवार को दोबारा अल्ट्रासाउंड होना था. यहां वार्ड में तैनात चिकित्सकों ने बिना जांच किए उन्हें खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया. इसके बाद उन्हें अल्ट्रासउंड कराने के लिए भेज दिया.

इमरजेंसी में लगा ऑक्सीजन सिलेंडर
विशाल ने बताया कि जैसे ही वह अपने दोस्त आकाश के साथ पिता को लेकर अल्ट्रासाउंड पहुंचे. इसी दौरान उनके पिता की सांस फूलने लगी. विशाल ने बताया कि पिता की हालत बिगड़ती देख वहां से स्ट्रेचर खींचकर पिता को इमरजेंसी लेकर भागे. इमरजेंसी पहुंचने पर वहां भी ऑक्सीजन लगाने में देर हुई. वहां सिलेंडर तो लग गया, लेकिन उसकी चाबी ना मिलने के कारण कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद चिकित्सकों ने उनके पिता का उपचार शुरू किया.

ईएमओ कर रहे जांच
इमरजेंसी में मौजूद ईएमओ डॉ. सुबोध कटियार ने बताया कि उन्हें जानकारी होने पर वह कर्मचारियों को फटकार लगाई है. इसके साथ ही मरीज को तत्काल सिलेंडर उपलब्ध कराने के साथ ही इलाज शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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