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हिस्ट्रीशीटर को पुलिस से छुड़ाने के मामले में भाजपा मंत्री समेत तीनों की जमानत अर्जी खारिज

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Published : Jun 7, 2021, 10:55 PM IST

जिला एवं सत्र न्यायालय कानपुर
जिला एवं सत्र न्यायालय कानपुर

जिला एवं सत्र न्यायालय कानपुर ने हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने वाले पूर्व भाजपा मंत्री नारायण भदौरिया और उनके साथियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. नौबस्ता पुलिस ने नारायण सिंह समेत 9 नामजद और 8-10 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी.

कानपुर: महानगर में हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने वाले पूर्व भाजपा मंत्री नारायण भदौरिया और उनके साथियों की जमानत अर्जी कानपुर कोर्ट में खारिज हो गई है. बता दें कि अधिवक्ता का मामला होने के चलते सोमवार को कचहरी परिसर में भारी मात्रा में फोर्स तैनात की गई थी. नारायण भदौरिया के अधिवक्ता गोपाल चौहान भी आरोपी बनाए गए हैं. गोपाल चौहान कानपुर के लॉयर्स एसोसिएशन के महामंत्री का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसकी वजह से अधिवक्ता आज उनकी जमानत को लेकर एकजुट हुए. लेकिन, अभी लोअर अदालत से जमानत खारिज हो गई है. अब सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

जानें पूरा मामला
बता दें कि अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने सीएमएम कोर्ट में तीनों की जमानत अर्जी पर पक्ष रखा लेकिन, आपराधिक इतिहास और अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने नारायण भदौरिया, गोपाल शरण और रॉकी यादव तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी. गौरतलब है कि नौबस्ता स्थित आकर्षण गेस्ट हाउस में 2 जून की दोपहर भाजपा के पूर्व दक्षिण जिला मंत्री नारायण सिंह भदौरिया का जन्मदिन समारोह मनाया जा रहा था. इसमें पार्टी नेताओं के साथ कई अधिवक्ता मौजूद थे. पार्टी में बर्रा थाने का हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह भी पहुंचा था, जिसकी खबर पुलिस को लग गई. नौबस्ता पुलिस ने दबिश देकर मनोज को गिरफ्तार कर लिया और जीप में बैठाकर थाने ले जाने लगी. इसी बीच कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की और मारपीट कर मनोज को वहां से भगा दिया था. नौबस्ता पुलिस ने नारायण सिंह समेत 9 नामजद और 8-10 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी.

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