ETV Bharat / state

गजब हाल है...अस्पताल में डंडे और बिजली के बोर्ड के सहारे चढ़ रहा ग्लूकोज

author img

By

Published : Oct 23, 2021, 5:35 PM IST

कन्नौज में छिबरामऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है. यहां मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं. मरीजों को बेंच पर ही डंडे और बिजली के बोर्ड के सहारे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है.

छिबरामऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बड़े बेहाल.
छिबरामऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बड़े बेहाल.

कन्नौजः जिले में डेंगू का कहर अभी भी जारी है. 925 लोग अभी तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. दर्जनों लोगों की डेंगू और वायरल फीवर से मौत हो चुकी है. ऐसे में जिले के अस्पतालों की हालत और यहां दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को डरा रहीं हैं. यहां अस्पताल में मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं.

छिबरामऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बड़े बेहाल.

मजबूरी में उन्हें बेंच पर ही इलाज करवाना पड़ रहा है. ज्यादातर मरीजों को बेंच पर ही ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है. तीमारदारों का आरोप है कि जब इसका विरोध करते हैं तो उनके मरीज को कानपुर या फिर कहीं और रेफर कर दिया जाता है. मजबूरी में वह खुलकर बोल भी नहीं पाते.

छिबरामऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से लड़खड़ा चुकीं हैं. यहां आने वाले मरीजों को बेंच पर ही ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है. इसके लिए लकड़ी के डंडे और बिजली के बोर्ड आदि का सहारा लिया जा रहा है.

छिबरामऊ के अस्पताल में बेंच पर चढ़ाया जा रहा ग्लूकोज.
छिबरामऊ के अस्पताल में बेंच पर चढ़ाया जा रहा ग्लूकोज.

30 बेड वाले इस अस्पताल में ज्यादातर मरीज बुखार के हैं. तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल में बेड होने के बावजूद भी उन्हें मना कर दिया जा रहा है. ऐसी स्थिति में वे यहां इलाज करवाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि यहां मरीजों के लिए कोई सहूलियत नहीं है. तीमारदारों ने यह भी आरोप लगाया कि ज्यादातर दवाएं बाहर की लिखी जा रहीं हैं. वे दवाएं काफी महंगी हैं.

छिबरामऊ के अस्पताल में बेंच पर चढ़ाया जा रहा ग्लूकोज.
छिबरामऊ के अस्पताल में बेंच पर चढ़ाया जा रहा ग्लूकोज.

ये भी पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने प्रतिज्ञा रथ को दिखाई हरी झंडी, कहा - UP में कांग्रेस आई तो बिजली बिल हाफ-कर्ज होगा माफ

तीमारदारों का कहना है कि जब वह इसका विरोध करते हैं तो उनका मरीज कानपुर या कहीं और रेफर कर दिया जाता है. मजबूरी में वह ज्यादा कुछ नहीं कह पाते हैं. तीमारदारों का आरोप है कि यहां सुविधाओं का आरोप है. मरीजों का इलाज अपने रिस्क पर करा रहे हैं.

इस बारे में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ. राहुल मिश्र का कहना है कि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रहीं हैं. तीस बेड का अस्पताल है. ग्लूकोज चढ़ाने के लिए पर्याप्त हैंगर हैं. किसी भी मरीज को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.