ETV Bharat / state

यहां दशहरा नहीं बल्कि शरद पूर्णिमा के दिन होता है रावण दहन

author img

By

Published : Oct 20, 2021, 10:52 PM IST

कन्नौज में रावण का पुतला दहन
कन्नौज में रावण का पुतला दहन

यूपी के कन्नौज में शरद पूर्णिमा के दिन रावण दहन किया गया. पुतले में आग लगते ही मैदान जय श्रीराम जयकारों से गूंज उठा. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई.

कन्नौज: इत्रनगरी में वर्षों से चली आ रही अनूठी परंपरा के तहत शरद पूर्णिमा के दिन रावण दहन किया गया. शहर के ग्वाल मैदान और एसबीएस इंटर कॉलेज मैदान में बुराई के प्रतीक रावण का पुतला दहन किया गया. दशानन के पुतला दहन से पहले रामलीला के मंच पर राम-रावण के युद्ध का मंचन किया गया. पुतले में आग लगते ही मैदान जय श्रीराम जयकारों से गूंज उठा. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई. बता दे कि जहां देशभर में दशहरा पर रावण दहन किया जाता है तो वहीं कन्नौज में शरद पूर्णिमा के दिन रावण दहन होता है.

इत्रनगरी में शरण पूर्णिमा के दिन वर्षों से चली आ रही रावण दहन की अनूठी परपंरा के तहत इस बार भी बुधवार की देर रात रावण दहन किया गया. पुतला दहन से पहले रामलीला के मंच पर राम-रावण के बीच युद्ध का मंचन किया गया. मंचन के दौरान राम-रावण की सेना में खूब युद्ध हुआ. जैसे ही भगवान राम का बाण रावण की नाभी में लगा वैसे ही वह धराशाई हो गया. रावण के धराशाई होते ही मैदान में खड़े रावण के प्रतीक के रूप में पुतले में आग लगा दी गई. इस दौरान लोगों ने जमकर जयश्री राम के नारे लगाए. रावण दहन के दौरान लोगों ने आतिशबाजी का जमकर आनंद उठाया. ग्वाल मैदान में रावण दहन के बाद एसबीएस इंटर कॉलेज मैदान में भी रावण दहन किया गया. रावण वध के दौरान दर्शकों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क रहा. अराजकतत्वों पर निगरानी रखने के लिए सादी वर्दी में भी पुलिस के जवान तैनात रहे.

रामलीला में रावण हुआ धराशाई.
रामलीला में रावण हुआ धराशाई.

यह है मान्यता

बता दें कि देशभर में दशहरा के दिन रावण के पुतला का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाते हैं. इत्रनगरी में दशहरा के दिन के बजाए शरद पूर्णिमा को रावण दहन किया जाता है. मान्यता है कि राम-रावण का युद्ध अश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को शुरू हुआ था. कन्नौज में मान्यता है कि करीब 8 दिन चले युद्ध के बाद राम ने रावण को दशहरा यानी दशमी को धराशाई किया था लेकिन रावण ने शरद पूर्णिमा वाले दिन प्राण त्यागे थे. प्राण त्यागने से पहले रावण ने लक्ष्मण को ज्ञान दिया था. यहीं कारण है कि इत्रनगरी में सालों से चली आ रही परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.