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जरा याद करो कुर्बानी: गांधीजी के संग रहकर लड़ी आजादी की लड़ाई, अविवाहित रहकर दान कर दी जमा पूंजी

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Published : Aug 7, 2022, 6:55 PM IST

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हमीरपुर के स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र द्विवेदी की गाथा

हमीरपुर के किसान परिवार में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र द्विवेदी ने राष्ट्रसेवा में आजीवन अविवाहित रहते हुए अपनी सारी पेंशन और जमा पूंजी स्कूलों और आश्रम को दान कर दी थी. चलिए जानते हैं उनके बारे में.

हमीरपुरः बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले के वीर सेनानियों की गौरवगाथा ही अविस्मरणीय है. देश की आजादी की लड़ाई में शामिल सुमेरपुर थानां क्षेत्र के इंगोहठा के एक महानायक की गाथा को देश की आजादी के 75 साल पूरा होने पर लोग याद कर रहे हैं. उन्होंने आजादी के लिए अपना सर्वोच्च त्याग किया. उन्होंने देश में चल रहे अहिंसात्मक आंदोलनों में गांधी जी के साथ भाग लेकर अपना योगदान दिया था. इसके अलावा उन्होंन राष्ट्रसेवा में आजीवन अविवाहित रहते हुए अपनी सारी पेंशन और जमा पूंजी स्कूलों और आश्रम में दान कर दी थी.

बता दें कि बांदा जिले के गलौली गांव के एक साधारण किसान शिवानंद द्विवेदी के घर जन्मे रामचंद्र द्विवेदी ने देश की आजादी के संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह महात्मा गांधी से प्रेरित होकर 18 वर्ष की आयु में अंग्रेजों के खिलाफ जंग में कूदे थे. उन्होंने अंग्रेजों को इतना परेशान किया कि अंग्रेजी सेना को कदम पीछे खींचना मजबूरी बन गया. रामचंद्र द्विवेदी की शिक्षा कानपुर जिले में हुई थी. इस वजह से उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए कानपुर जनपद को ही चुना था. आजादी की लड़ाई के दौरान उन्हें दो बार अंग्रेजों ने जेल में भी बंद कर दिया था.

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15 अगस्त 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने ताम्रपत्र देकर उन्हें सम्मानित किया था. देशभक्ति के रंग में उन्होंने परिवार नहीं बसाया. उन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बिना आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. उन्होंने जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा मिलने वाली पेंशन, जमीन जायदाद से मोह न करते हुए उसे परोपकार की भावना से दान कर दिया था. उन्होंने आजादी के बाद हमीरपुर के इंगोहटा में रह कर देश भक्ति का पाठ पढ़ाते हुए समाज सेवा में लगे रहे. उन्होंने कारगिल युद्ध 1999 के दौरान शहीद हुए जवानों की मदद के लिए 50 हजार रुपए भी दान किए थे. देश समाज और धर्म संस्कृति के लिए उनका त्याग और समर्पण आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत बना हुआ है.

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