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गोरखपुर: ईटीवी भारत की खबर और डॉक्टर शाही की पहल, पीड़िता को मिला मुफ्त इलाज

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Published : Feb 11, 2020, 11:37 AM IST

गोरखपुर में एक गरीब व्यक्ति पत्नी को इलाज कराने के लिए ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाई थी, जिसके बाद शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. शाही ने पीड़िता के ऑपरेशन का बीड़ा उठाया है.

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पीड़िता को मिला मुफ्त इलाज.

गोरखपुर: ईटीवी भारत के प्रयासों से गोरखपुर में गंभीर रोगों से जूझ रही एक महिला को इलाज मिलने जा रहा है. पीड़िता का इलाज सरकारी नहीं बल्कि एक निजी अस्पताल में होगा, जिसके संचालक डॉक्टर शिव शंकर शाही पीड़िता का मुफ्त इलाज कर रहे हैं. कैलाशी देवी नाम की इस पीड़िता का कूल्हा टूट चुका है.

पीड़िता को मिला मुफ्त इलाज.

पीड़िता का इलाज कराने के लिए उसके पति 66 वर्षीय रामकेवल ठेले पर लेकर करीब 8 किलोमीटर तक चलते रहे. इस पर ईटीवी भारत की नजर पड़ी और खबर प्रमुखता से चलाई गई. सरकारी अस्पताल ने एंबुलेंस उपलब्ध कराया, लेकिन इलाज महंगा होने से पीड़िता खर्च वहां नहीं उठा पाई. ऐसे में अब तक सैकड़ों मुफ्त इलाज कर चुके शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. शाही ने इसके ऑपरेशन का बीड़ा उठाया और ईटीवी भारत के प्रयासों की सराहना की.

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कैलाशी देवी गोरखपुर के पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव की रहने वाली हैं, जिनका गिरने की वजह से कूल्हा टूट चुका है. उसका अब प्रत्यारोपण डॉक्टर शाही के द्वारा किया जाएगा. हालांकि इसके साथ ही वह अन्य गंभीर बीमारियों से भी जूझ रही हैं, जिसको अस्पताल में नियंत्रित करने के बाद सफल ऑपरेशन किया जाएगा. कैलाशी को इलाज के लिए उनके पति ठेले पर लेकर निकले थे. ईटीवी भारत ने भी यह खबर 9 फरवरी को दिखाई, जिसके बाद बिना किसी जांच पड़ताल और प्रधानमंत्री जन आरोग्य जैसे कार्ड के बगैर भी डॉक्टर शाही ने मुफ्त में इलाज करना शुरू कर दिया.

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प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीबी से जूझ रहे लोगों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज उन प्राइवेट अस्पतालों में भी मिलता है, जो इस योजना के तहत इंपैनल्ड हैं, लेकिन कैलाशी देवी का आयुष्मान भारत कार्ड नहीं था और उसे भर्ती करने के दौरान डॉक्टर शाही को इसकी कोई जानकारी भी नहीं थी, लेकिन जब पता चला कि कैलाशी के प्रति रामकेवल का कार्ड बना है तो उन्होंने इसकी जांच कराई. कैलाशी का भी आवेदन हुआ पड़ा था, लेकिन कार्ड नहीं बना था. डॉ. शाही ने कार्ड भी बनवा दिया है, जिससे भविष्य में किसी भी परेशानी से निपटा जा सके.

Intro:गोरखपुर। ईटीवी भारत के प्रयासों से गोरखपुर में गंभीर रोगों से जूझ रही एक महिला को इलाज मिलने जा रहा है। पीड़िता का इलाज सरकारी नहीं बल्कि एक निजी अस्पताल में होगा जिसके संचालक डॉक्टर शिव शंकर शाही पीड़िता का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। कैलाशी देवी नाम की इस पीड़िता का कूल्हा टूट चुका है। और जब उसका इलाज कराने के लिए उसके पति 66 वर्षीय रामकेवल ठेले पर लेकर उसे निकले तो करीब 8 किलोमीटर तक ठेले पर ही चलते रहे। इस पर ईटीवी भारत की नजर पड़ी और खबर प्रमुखता से चली तो सरकारी अस्पताल ने एंबुलेंस उपलब्ध कराया लेकिन इलाज महंगा होने से इसका खर्च वहाँ नहीं हो सका। ऐसे में अबतक सैकड़ों मुफ्त इलाज कर चुके शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के संचालक डॉ शाही ने इसके ऑपरेशन का बीड़ा उठाया और ईटीवी भारत के प्रयासों की सराहना की।

नोट--रेडी टू फ्लैश पैकेज...impact of Etv Bharat...चली खबर की लिंक का स्क्रीन शॉट अटैच है।



Body:कैलाशी देवी गोरखपुर के पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव की रहने वाली हैं। जिनका गिरने की वजह से कूल्हा टूट चुका है। और उसका अब प्रत्यारोपण डॉक्टर शाही के द्वारा किया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही वह अन्य गंभीर बीमारियों से भी जूझ रही हैं जिसको अस्पताल में नियंत्रित करने के बाद सफल ऑपरेशन किया जाएगा। कैलाशी को इलाज के लिए उनके पति ठेले पर लेकर ही निकल गए थे। और यही बात चर्चा में आई। ईटीवी भारत ने भी यह खबर 9 फरवरी को दिखाई। जिसके बाद बिना किसी जांच पड़ताल और प्रधानमंत्री जन आरोग्य जैसे कार्ड के बगैर भी डॉक्टर शाही ने मुफ्त में इलाज करना शुरू कर दिया।

बाइट--डॉ शिव शंकर शाही, निदेशक, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल
बाइट--कैलाशी देवी, पीड़ित


Conclusion:प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीबी से जूझ रहे लोगों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज उन प्राइवेट अस्पतालों में भी मिलता है जो इस योजना के तहत इंपैनल्ड हैं।लेकिन कैलाशी देवी का आयुष्मान भारत कार्ड नहीं था और उसे भर्ती करने के दौरान डॉक्टर शाही को इसकी कोई जानकारी भी नहीं थी। लेकिन जब पता चला कि कैलाशी के प्रति रामकेवल का कार्ड बना है तो उन्होंने इसकी जांच कराई और कैलाशी का भी आवेदन हुआ पड़ा था लेकिन कार्ड नहीं बना था। डॉ शाही ने कार्ड भी बनवा दिया है जिससे भविष्य में किसी भी परेशानी से निपटा जा सके। इसके साथ ही एक बात और भी स्पष्ट हो गई कि अभी भी गोरखपुर के सरकारी अस्पताल ऐसे रोगों के निदान में सक्षम नहीं हैं।

बाइट--डॉ शिव शंकर शाही

क्लोजिंग पीटीसी....
मुकेश पाण्डेय
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