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सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को बिजली विभाग का झटका, ये है वजह

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Published : Sep 9, 2022, 4:53 PM IST

गोरखपुर
गोरखपुर

गोरखपुर में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए उपकेंद्र निर्माण के लिए बजट मिलने के बाद भी विभाग को उपकेंद्र बनाने के लिए जमीन नहीं मिल रही है.

गोरखपुर: बिजली की समस्या झेल रहे गोरखपुर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति(uninterruptible power supply) देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार संकल्पित है. उपकेंद्र निर्माण के लिए बजट तक आवंटित कर दिया गया है लेकिन, बिजली विभाग है कि वह इन उपकेंद्रों के निर्माण के लिए जमीन की तलाश नहीं कर पा रहा है.

यह मामला किसी और जिले का नहीं बल्कि खुद सीएम सिटी गोरखपुर(CM City Gorakhpur) का है. जहां के बिछिया और दिव्य नगर क्षेत्र में बसे हुए करीब पंद्रह हजार उपभोक्ताओं को बिजली की बेहतरीन सुविधा देने के लिए दो साल पहले उपकेंद्र बनाने के लिए सरकार ने बजट भी जारी किया और जमीन तलाश करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था लेकिन विभाग आज तक जमीन नहीं तलाश पाया. हड़बड़ी में बिना जमीन के ही उपकेंद्र निर्माण का टेंडर(substation construction tender) तक निकाल दिया गया.

महानगर के खोराबार और मोहद्दीपुर उपकेंद्र का लोड कम करने के लिए इन दोनों उपकेंद्रों के निर्माण को हरी झंडी मिली थी. इनके निर्माण पर करीब 4 करोड़ रुपए खर्च होना हैं. विभाग ने आनन-फानन में जो जमीन तलाशी वह विवादित निकल गई. इसके बाद नई जमीन की तलाश विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. वहीं, इसी विवादित जमीन को लेकर विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिया. जिससे मुख्यमंत्री को निर्माण के लिए आश्वस्त किया जा सके. टेंडर भी इंडिया सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ शुक्ला इंटरप्राइजेज को मिल गया. बिछिया उपकेंद्र का निर्माण(Construction of Beechia Substation) दो करोड़ 24 लाख रुपए से इंडिया सप्लाई कॉरपोरेशन करने वाला है. तो दिव्या नगर उपकेंद्र जो एक करोड़ 58 लाख में बनेगा. उसे शुक्ला इंटरप्राइजेज बनाएगा लेकिन विभाग के पास भूमि ही नहीं है जहां उप केंद्र बन सके.

इस संबंध में अधीक्षण अभियंता नगरीय विद्युत वितरण मंडल, इंजीनियर यूसी वर्मा का कहना है कि मुफ्त की भूमि मिल नहीं रही और जिला प्रशासन भी भूमि मुहैया करा नहीं पा रहा जबकि इसके लिए दो साल में दर्जनों पत्र लिखे गए हैं. विभाग के प्रयास में कोई कमी नहीं है. माध्यमिक कार्य खंड जिसकी देखरेख में इन बिजली घरों का निर्माण होना है. उसका कहना है कि बिजली घरों के निर्माण के लिए भूमि वितरण मंडल और उपखंड को ही करनी होती है. जब तक भूमि चयनित होकर नहीं मिल जाएगी, निर्माण की प्रक्रिया शुरू कैसे हो सकती है.

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टेंडर मार्च 2021 में ही निकाल कर फाइनल किया जा चुका है और फर्म इसके निर्माण को लेकर तैयार बैठी हैं. रोजाना लो वोल्टेज फाल्ट की समस्या झेलने वाली बिछिया और दिव्यनगर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इसके बन जाने से बेहद राहत मिलेगी. दिव्य नगर क्षेत्र के पार्षद प्रतिनिधि हीरालाल यादव कहते हैं कि बिजली की कटौती और लो वोल्टेज से नागरिक परेशान हैं. उपकेंद्र के निर्माण के लिए जमीन न तलाश पाना बड़ी लापरवाही है जबकि मुख्यमंत्री की यह प्राथमिकता वाला कार्य है. वहीं, बिजली के बार-बार ट्रिप होने से घरों में इलेक्ट्रिक उपकरण खराब हो रहे हैं, लोग परेशान हैं.

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