ETV Bharat / state

गोरखपुर में जातीय समीकरण के सहारे महापौर का चुनाव जीतने में जुटे सभी दल, प्रचार में झोंकी ताकत

author img

By

Published : Apr 26, 2023, 4:26 PM IST

गोरखपुर में स्थानीय निकाय के चुनाव में महापौर की सीट पर जीत हासिल करने के लिए सभी दल पूरी ताकत के साथ प्रचार में लगे हुए हैं. इसके साथ ही वह जातीय समीकरण को भी ठीक करने में जुटे हुए हैं.

महापौर का चुनाव जीतने में जुटे सभी दल
महापौर का चुनाव जीतने में जुटे सभी दल

महापौर का चुनाव जीतने में जुटे सभी दल, प्रचार में झोंकी ताकत

गोरखपुर: स्थानीय निकाय के चुनाव में प्रतिष्ठा की सीट बनी महापौर को जीतने के लिए सभी राजनीतिक दल हर हथकंडे अपना रहे हैं. एक तरफ जहां वह चुनाव प्रचार में ताकत झोंके हुए हैं, तो वहीं पर जातीय समीकरणों को भी अपने हिसाब से ठीक कर जीत की राह आसान बनाने में जुटे हुए हैं. यहां चुनाव तो सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशी लड़ रहे हैं. लेकिन, देखा जाए तो सपा और भाजपा ने ही प्रचार अभियान में ज्यादा ताकत लगाई है. इसके साथ ही वह जातीय समीकरण को भी ठीक करने में जुटे हुए हैं.

सपा की प्रत्याशी काजल निषाद
सपा की प्रत्याशी काजल निषाद

सपा की प्रत्याशी काजल निषाद सभी वर्गों और महिलाओं के वोट के साथ निषाद बिरादरी के वोटों पर अपना पूरा फोकस किए हुए हैं. तो भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि उसके प्रत्याशी को हर वर्ग का समर्थन मिलेगा. भाजपा हर वर्ग के लोगों के बीच काम करती है, कोई भेदभाव नहीं करती है. महापौर सीट पर जहां 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं कुल वोटर की संख्या 10 लाख 48 हजार 462 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 575826 महिलाओं की 472636 है.

भाजपा ने इस चुनाव में कायस्थ समाज के डॉ. मंगले श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस जाति से दशकों से बीजेपी में प्रत्याशी बनाए जाने की मांग चल रही थी और इसका बड़ा वोट बैंक भी स्थानीय निकाय क्षेत्र के अलावा विधानसभा क्षेत्र में भी है, तो इसके साथ वैश्य और ब्राह्मण मतदाताओं को भी साधने में पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इसके लिए अलग-अलग टोलियां और नेताओं को जिम्मेदारी बांटी गई है.

गोरखपुर में मेयर पद के लिए प्रचार करते कांग्रेस प्रत्याशी
गोरखपुर में मेयर पद के लिए प्रचार करते कांग्रेस प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी अपने नाराज कार्यकर्ताओं को बनाकर इस सीट पर जीत का स्वाद चखना चाहती है. जिसके लिए कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को साधने के लिए पूर्व 9 जिला अध्यक्ष को पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है, जो हर वर्ग से आते हैं भाजपा हो या सपा. अनुसूचित जाति वर्ग में अपने वरिष्ठ नेताओं को पार्षद प्रत्याशियों के साथ प्रचार में लगाया है.

भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता कहते हैं कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसमें सभी जाति वर्ग के लोगों के लिए काम किया है. इसलिए वोट की कोई चिंता नहीं है सभी वर्कआउट बीजेपी को मिलेगा. बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव में अपनी बड़ी ताकत नहीं दिखा पा रहे हैं. लेकिन, जीत का दावा भी कर रहे हैं उनका कहना है कि वो जनता के बीच में बरसों से काम करते रहे है और इस चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है.

प्रचार में जुटे सभी दल
प्रचार में जुटे सभी दल

जातीय आंकड़ों की बात करें तो गोरखपुर महानगर में मतदाताओं की संख्या कुछ इस प्रकार आंकी गई है. जिसमें मतदाताओं की संख्या वैश्य बिरादरी की 20-22 फीसदी, कायस्थ 18 से 20 फीसदी, अल्पसंख्यक 25 से 27 फीसदी, ब्राह्मण 10 से 14 फीसदी, निषाद 10 -14 फीसदी, अनुसूचित जाति 5 से 7 फीसदी, यादव 5 से 7 फीसदी, पासवान 5 -7 फीसदी, क्षत्रिय : 5 -7 फीसदी है. ये आंकड़ें राजनीतिक दलों के हैं. जिस आधार पर वह वोट बैंक को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं. देखा जाए तो गोरखपुर की जनता बहुत जागरूक है और इसका मिजाज भी दूसरे जगहों से अलग है. ऐसे में राजनीतिक दल जातिगत आधार पर मजबूत प्रत्याशी उतारने के साथ ही अन्य जातियों में अपने परंपरागत वोटों को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने की मेयर प्रत्याशी के लिए सभा, बीजेपी पर जमकर बरसे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.