ETV Bharat / state

यूपी निकाय चुनाव में कम मतदान को लेकर बीजेपी सख्त, पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ प्रभारी तक रडार पर

author img

By

Published : May 9, 2023, 1:30 PM IST

नगर निकाय चुनाव परिणाम आने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ गई है. निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान को बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रही है. इसको लेकर पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारियों तक की समीक्षा हो सकती है.

नगर निकाय चुनाव
नगर निकाय चुनाव

गोरखपुरः नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में महापौर समेत पार्षद के चुनाव में हुए कम मतदान से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. मतदान प्रतिशत ने बीजेपी की तैयारियों पर भी सवाल खड़ा कर दिये हैं. ऐसे में जबकि पार्टी संगठन से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पूरा जोर लगाया. गोरखपुर में सभाओं और बैठकों के माध्यम से रणनीति बनाई गई. जनता से बड़े पैमाने पर वोट करने की अपील की गई. साथ ही कार्यकर्ताओं को एक-एक वोट को बूथ तक पहुंचाने को कहा गया था. लेकिन, मत प्रतिशत ने सभी अपील और तैयारियों की हवा निकाल कर रख दी है.

गौरतलब है कि बीजेपी चुनाव में सफलता का अपना सबसे बड़ा केंद्र पन्ना प्रमुखों की तैनाती को मानती रही है. इसके माध्यम से वह प्रत्येक बूथ से जुड़े हुए एक एक मतदाताओं तक पहुंच बनाने की बात करती रही है. इसमें अहम भूमिका पन्ना प्रमुख और बूथ प्रभारी निभाते हैं. लेकिन, कम मतदान ने इनकी भी भूमिका पर सवाल खड़ा किया है.

पन्ना प्रमुख का मतलब मतदाता सूची के वह पन्ने जिस पर मतदाताओं के नाम लिखे होते हैं और एक पन्ने पर अधिकतम 60 मतदाता का नाम अंकित होता है. ऐसे में बीजेपी ने एक बूथ पर अगर 800 मतदाता हैं, तो उसके हिसाब से करीब 14 से 15 पन्ना प्रमुख बनाकर उनको 60-60 मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी दे रखी थी. ताकि मतदान करने से कोई भी मतदाता न चूके और लोग भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करें. लेकिन गोरखपुर शहर में स्थानीय निकाय चुनाव में पार्षद से लेकर महापौर के लिए हुए मतदान में मात्र 34% ही मतदान हुआ. प्रमुख वार्ड में 16 से 22 प्रतिशत मतदान. इससे बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में भी मत प्रतिशत का अब संकट सताने लगा है. इसके लिए एक बार फिर वह अपने इन पन्ना प्रमुख और बूथ प्रभारियों की गहन समीक्षा करने जा रही है. साथ ही मतदान कम होने के पीछे संगठन को जो फीडबैक मिला है, उसके हिसाब से भी पदाधिकारियों पर गाज गिरने की बात सामने आ रही है.

निकाय चुनाव शहरी क्षेत्र होता है और माना जाता है कि बीजेपी इसमें सफलता ही नहीं बड़ा प्रदर्शन करेगी. लेकिन, इस बार जो मतदान हुआ है वह बेहद कम है. इसमें भले ही बीजेपी सफल हो जाए. लेकिन, मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ने पर सरकार की कार्यशैली और बीजेपी संगठन के कार्यकर्ताओं के परिश्रम पर सवाल खड़ा हो रहा है. माना जा रहा है कि मतदाता नाराज थे और वह वोट देने नहीं निकले. स्थानीय निकाय चुनाव का परिणाम आने के बाद बीजेपी अपने सबसे प्रमुख इकाई पन्ना प्रमुख और बूथ प्रमुख की समीक्षा करेगी, जो पार्टी के बड़े नेताओं की गले की फांस बन सकती है.

पार्टी के गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष सहजानंद राय कहते हैं कि निश्चित रूप से मतदान का कम होना चिंता का विषय है. घर-घर संपर्क, टोली संपर्क प्रमुख, सभाएं, मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में कामयाब नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से पन्ना प्रमुख पार्टी के जीत का बहुत बड़ा आधार माना जाता है. इसके प्रयास से मतदाता बूथ तक पहुंचते हैं. लेकिन, अगर मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचे हैं, तो इसकी समीक्षा पन्ना प्रमुखों के माध्यम से ही होगी. इसके आधार पर बीजेपी में कुछ सख्त फैसले भी हो सकते हैं. रणनीति में बदलाव करते हुए मतदान प्रतिशत को बढ़ाने का प्रयास भी होगा, जिससे वर्ष 2024 में बीजेपी की जीत बिना शंका और संघर्ष से प्राप्त हो सके.

ये भी पढ़ेंः बीएसपी सुप्रीमो की जनता से अपील, बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में करें मतदान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.