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Noida ESI अग्निकांड: अस्पताल प्रशासन की बड़ी नाकामी, फायर सिस्टम पर उठे सवाल!

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Published : Jan 9, 2020, 11:50 PM IST

नोएडा के सेक्टर-24 स्थित ईएसआई हॉस्पिटल में लगी आग ने अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. साल 2009 में 700 करोड़ रुपये की लागत से हॉस्पिटल तैयार किया गया था.

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मीडिया से बातचीत करते डीजीएम

नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-24 के ईएसआई हॉस्पिटल में लगी आग ने अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल में रैंप की व्यवस्था नहीं है. फायर फायटिंग सिस्टम काम नहीं करते हैं. साथ ही हॉस्पिटल के पास एनओसी भी नहीं है. साल 2009 में 700 करोड़ रुपये की लागत से हॉस्पिटल तैयार किया गया था.

मीडिया से बातचीत करते डीजीएम.

250 लोग निकाले गए सुरक्षित
ईएसआई हॉस्पितल के डीजीएम बलराज ने बताया कि हॉस्पिटल से तकरीबन 250 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. बेसमेंट में रखी बैटरियों में आग लगी है. ऐसे में धुएं से मरीजों को घुटन होने लगी, मरीजों को जल्द रेस्क्यू किया गया और दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है.

फायर विभाग को देर से मिली सूचना
ईएसआई अधिकारी ने फायर सिस्टम नहीं काम करने के सवाल पर कहा कि शायद टाइम से अलार्म नहीं बजा. सवाल ये भी खड़ा होता है कि आखिर क्यूं फायर विभाग को डेढ़ घंटे बाद जानकारी दी गई. बता दें सुबह 8 बजे आग लगी थी, लेकिन फायर विभाग को 09:40pm पर सूचना दी गई.

Intro:नोएडा सेक्टर 24 ई॰एस॰आई॰ में आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हॉस्पितल में नहीं है रैंप की व्यवस्था, फ़ायर फायटिंग सिस्टम नहीं करते हैं काम, हॉस्पितल के पास नहीं है एन॰ओ॰सी॰? साल 2009 में 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हॉस्पितल में मरीज़ों की जान की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। रोज़ाना हज़ारों की संख्या में लोग पहुँचते हैं। Body:“फ़ायर सिस्टम नहीं करता काम”
ई॰एस॰आई॰ हॉस्पितल के डी॰जी॰एम॰ बलराज ने बताया कि हॉस्पितल से तक़रीबन 250 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि बेसमेंट में रखी बैटरियों में आग लगी है। ऐसे में धुएँ से घुटन होने लगी, मरीज़ों को जल्द रेस्क्यू किया गया और दूसरे अस्पतालों में शिफ़्ट किया गया है।

“फ़ायर विभाग को डेर से दी सूचना”
ईएसआई अधिकारी ने फ़ायर सिस्टम नहीं काम करने के सवाल पर कहा कि शायद टाइम नहीं इसलिए अलार्म नहीं बजा। सवाल ये भी खड़ा होता है कि अख़िर क्यूँ फ़ायर विभाग को डेढ़ घंटे बाद जानकारी दी गई। बता दें सुबह 8 बजे आग लगी लेकिन फ़ायर विभाग को 09:40 पर सूचना दी गई। क्या अपनी नाकामियों को छुपने के लिए जानकारी नहीं दी गई, आग बड़ी होने पर दी गई सूचना?Conclusion:ग़नीमत रही कि किसी की हादसे में जान नहीं गई, मरीज़ों को दिल्ली और नोएडा शिफ़्ट कर दिया गया है।
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