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'फिरोजाबाद ग्लास इंडस्ट्रीज' को अब लगेंगे पंख, वजह जान हो जाएंगे गदगद...

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Published : Dec 17, 2021, 12:33 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 1:29 PM IST

फिरोजाबाद के ग्लास इंडस्ट्रीज (Firozabad glass Industry) के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड अथॉरिटी को ये अधिकार दिया है कि अब वे इन इकाइयों के बारे में निर्णय ले सकती है. दरअसल, कोयले से संचालित होने वाली कई फैक्ट्रियों को पॉल्यूशन स्केल पर बंद करवाया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले से 20 से कम पॉल्यूशन स्केल वाली इंड्रस्टी को फायदा मिलेगा.

फिरोजाबाद ग्लास इंडस्ट्रीज
फिरोजाबाद ग्लास इंडस्ट्रीज

फिरोजाबाद: लंबे समय से शिफ्टिंग और क्षमता विस्तार की राह देख रही फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्रीज (Firozabad glass Industry) के लिए राहत भरी खबर आई है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड अथॉरिटी को अब ये अधिकार दे दिया है कि वह इन इकाइयों के बारे में निर्णय ले सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले का फायदा पॉल्यूशन स्केल के आधार पर बंद पड़ी कई फैक्ट्रियों को मिलेगा.

सरकार ने भी चूड़ियों के कारोबार को ओडीओपी यानी कि 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (One District One Product) स्कीम के तहत रखा है. जहां कई लाख मजदूरों की जीविका भी इसी कारोबार से चल रही है. घरों पर चूड़ियों के डेकोरेशन का काम होता है जिसे महिलाओं द्वारा भी किया जाता है. इन सभी के बावजूद फिरोजाबाद में न तो कोई नई इंडस्ट्रीज स्थापित ही हो सकती है और न ही किसी फैक्ट्री में क्षमता विस्तार, शिफ्टिंग का काम हो सकता है. दरअसल, इसकी मुख्य वजह फिरोजाबाद शहर का ताज संरक्षित इलाके में आना है. यहां के कारखानों का प्रदूषण ताज महल के लिए खतरा बना रहता है.

जानकारी देते अमरेश कुमार पांडेय.

यूपी का फिरोजाबाद जनपद सुहाग नगरी और कांच की नगरी के नाम से जाना जाता है. सुहाग की प्रतीक यहां की चूड़ियों की खनक तो पूरे देश में सुनाई पड़ती है. यहां के अन्य कांच के आइटम तो विदेशों में भी फिरोजाबाद की पहचान बनाते है. यहां से करीब 25 हजार करोड़ का टर्न ओवर है.

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीटीजेड अथॉरिटी को इन इकाइयों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है. हालांकि इकाइयों को यह अनुमति नागपुर की संस्था नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी कि 'नीरी' की गाइडलाइंस के आधार पर ही मिलेगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस इलाके में कोयले से संचालित होने वाली फैक्ट्रियों को बंद कराया गया था. जिसके बाद जो फैक्ट्रियां संचालित हुई. उन्हें गेल इंडिया द्वारा गैस मुहैया कराई गई. साथ ही नई इकाई की स्थापना, शिफ्टिंग और क्षमता विस्तार पर भी रोक लगाई गई. तभी से यह रोक जारी थी.

उपायुक्त इंडस्ट्री अमरेश पांडेय ने बताया कि 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर टीटीजेड अथॉरिटी को यह अधिकार दे दिया है कि वह शिफ्टिंग और क्षमता विस्तार पर निर्णय ले सकती है, लेकिन उन्हें नीरी की गाइडलाइंस का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद में 80 इंडस्ट्री के प्रार्थनापत्र लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने पॉल्युशन का जो मानक तय किया है. यहां की इंडस्ट्री उससे कम स्तर पर ही है.

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Last Updated :Dec 17, 2021, 1:29 PM IST
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