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1971 की जीत देश की सबसे बड़ी कामयाबी: ब्रिगेडियर इंद्र मोहन परमार

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Published : Feb 20, 2021, 8:29 PM IST

स्वर्णिम विजय वर्ष
स्वर्णिम विजय वर्ष

पाकिस्तान पर शानदार विजय के 50 वर्ष पूरे होने पर फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल ने भारतीय सैनिकों की 1971 की शौर्य गाथा की याद दिला दी. स्वर्णिम विजय मशाल को देखकर मोर्चे पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले वीर सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों के सिर गर्व से ऊंचे हो गए.

फर्रुखाबाद : वर्ष 1971 युद्ध के भारत का पाक पर विजय के पचास वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में साल 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया जा रहा है. इसी को लेकर फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ स्वर्णिम विजय मशाल पहुंची. स्वर्णिम विजय मशाल को देखकर मोर्चे पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले वीर सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए परिजनों के सिर गर्व से ऊंचे हो गए. सभी ने गर्मजोशी से ऐतिहासिक स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया. इसके साथ ही वीर सैनिकों की शान में आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों ने चार चांद लगा दिए.

ऐतिहासिक स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया
ऐतिहासिक स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया
1971 के युद्ध का नाटक के माध्यम से हुआ मंचन

स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान में फतेहगढ़ के करियप्पा मैदान में सेना के भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजपूत रेजिमेंट के कमान्डेंट ब्रिगेडियर इंद्र मोहन परमार पंहुचे. ब्रिगेडियर ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाया. इसके बाद मैदान में पूरे आन-बान और शान के साथ स्वर्णिम विजय मशाल का आगमन हुआ, जिसे सभी ने सलामी दी. इसके बाद उसे मैदान में ही स्थापित किया गया. एनसीसी कैडेट्स ने 1971 के युद्ध का नाटक के माध्यम से मंचन किया.

कार्यक्रम में वीर सैनिकों की शान में चार चांद लगा दिए
वीर सैनिकों की शान में भव्य कार्यक्रम
प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

कार्यक्रम में छात्रों ने युद्ध से सम्बंधित पेंटिग बनाकर उनकी प्रदर्शनी लगाई. जिसमें छावनी परिषद कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फतेहगढ़, केन्द्रीय विद्यालय, आर्मी पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने हिस्सा लिया. सिखलाइट रेजिमेंट के ब्रास बैंड और फतेहगढ़ राजपूत रेजीमेंट सेंटर के पाइप बैंड ने देश भक्ति के तरानों पर वीर जवानों को सलामी दी. पेंटिंग प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को ब्रिगेडियर, डीएम मानवेंद्र सिंह और एसपी अशोक कुमार मीणा द्वारा पुरस्कृत किया गया.

सेना के भव्य कार्यक्रम का आयोजन
सेना के भव्य कार्यक्रम का आयोजन
1971 की जीत इतिहास के पन्नों में है दर्ज

ब्रिगेडियर इंद्र मोहन परमार ने बताया कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के आगे पाक के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. यह जीत इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है, जिसे हमेशा याद किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों से आज के सैनिक सीख ले रहें हैं. 1971 के युद्ध की जीत अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है. इस दौरान कर्नल संदीप, सीओ ट्रेनिंग कर्नल अमित कुमार सिंह, सेंटर एसएम अरिमर्दन सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल मुनेद्र सिंह, सर्वेश यादव, हबलदार सहीराम गुर्जर, एसडीएम सदर अनिल कुमार, सीओ सिटी राजवीर सिंह आदि मौजूद रहे.

स्वर्णिम विजय वर्ष
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