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"प्रभावशाली को पकड़ने में पुलिस के पैर लड़खड़ा जाते" अमरमणि को नहीं पकड़ने पर कोर्ट ने लगाई फटकार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 2:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की पुलिस अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) को अपहरण के एक मामले में 20 साल से कोर्ट में पेश नहीं कर पा रही है. इस पर बस्ती एमपीएमएलए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है. आईए जानते हैं कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में क्या कहा.

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बस्ती: फरार घोषित हो चुके अमरमणि त्रिपाठी को बस्ती पुलिस एक बार फिर कोर्ट में हाजिर नहीं कर सकी. इस पर कोर्ट ने बस्ती के एसपी को जमकर फटकार लगाई है. इतना ही नहीं बस्ती के कोतवाल को मामले में भ्रम पैदा करने वाला बताया है. साथ ही कोर्ट ने कोतवाल के खिलाफ अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर नोटिस देकर कोर्ट में तलब किया है. अमरमणि त्रिपाठी 22 साल पहले बस्ती के व्यवसायी के बेटे के अपहरणकाण्ड के मुख्य आरोपी हैं. बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट में उन्हें पेश होना था.

22 साल पुराने अपहरण के मामले में मुख्य आरोपी हैं अमरमणि त्रिपाठीः 22 साल पहले बस्ती के एक व्यवसायी के पुत्र के अपहरण मामले में मुख्य आरोपी अमरमणि त्रिपाठी और बस्ती पुलिस के बीच आंख मिचौली का खेल जारी है. ये हाल तब है जब कोर्ट खुद हर तारीख पर बस्ती पुलिस को आदेश पर आदेश दे रही है कि अमरमणि त्रिपाठी को हर हाल में पेश करें. लेकिन, बस्ती पुलिस को अमरमणि त्रिपाठी खोजे नहीं मिल रहे हैं.

अमरमणि त्रिपाठी को पकड़ने के लिए बनीं तीन टीमेंः ऐसा नहीं है कि बस्ती पुलिस अमरमणि त्रिपाठी को पकड़ने के लिए पसीना नहीं बहा रही है. कोर्ट की फटकार के बाद आनन फानन में बस्ती के पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष टीम गठित करने के साथ-साथ एसओजी और सर्विलांस सहित तीन टीमों को अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए लगाया. लेकिन, बस्ती पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अमरमणि हैं कि मिलने का नाम नहीं ले रहा है.

कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेशः इस पर कोर्ट ने अमरमणि की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं. आदेश पर कार्रवाई करते हुए बस्ती पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के गोरखपुर के हुमायूंपुर मुहल्ले में स्थित मकान पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया था कि इसे देखकर ही अमरमणि त्रिपाठी बस्ती कोर्ट में पेश हो जाएं. लेकिन, अमरमणि तो अमरमणि ठहरे, वह कोर्ट में पेश नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने एक बार फिर बस्ती पुलिस को जमकर लताड़ा.

पिछली तारीख पर भी अमरमणि त्रिपाठी कोर्ट में नहीं हुए पेशः एक नवंबर की तारीख पर जब अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुए तो बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई थी. इसके बाद बस्ती पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. बस्ती पुलिस ने आनन फानन में अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तार करने के लिए तीन टीमों को लगाया. लेकिन, इतना कुछ करने के बाद भी बस्ती पुलिस के हाथ खाली ही निकले और वह आज भी अमरमणि को कोर्ट में हाजिर करने में असमर्थ रही.

कोर्ट ने बस्ती कोतवाल को किया तलबः इस पर कोर्ट ने बस्ती एसपी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए मामले में उन पर कोई भी प्रभावी कार्रवाई न करने का दोषी माना. बात यहीं नहीं रुकी. कोर्ट ने बस्ती के कोतवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मामले में कोतवाल अभियुक्त को भ्रमित कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें यह आदेश दिया गया था कि अमरमणि त्रिपाठी की फरारी की उद्घोषणा को समाचार पत्र में इश्तेहार के रूप में निकलवाएं. लेकिन, उन्होंने समाचार पत्र में जो इश्तेहार निकलवाया उसमें इस मामले को "न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट" में विचाराधीन होना दिखाया गया है जबकि यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इस पर कोर्ट ने बस्ती के कोतवाल को अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया.

अमरमणि त्रिपाठी के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पाः लगातार कोर्ट से गैर हाजिर होने के चलते अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ पहले ही नोटिस उनके गोरखपुर के मकान पर चस्पा कर दी गई है लेकिन अगर अमरमणि त्रिपाठी दो दिसंबर को यदि कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उन पर कोर्ट ने कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में कुछ सप्ताह पहले रिहा हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को एक नवम्बर को बस्ती जिले के एमपी एमएलए कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए अमरमणि के खिलाफ कुर्की आदेश जारी करते हुए उन्हें भगौड़ा तक घोषित कर दिया था.

बस्ती पुलिस अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में नहीं कर पा रही पेशः अमरमणि त्रिपाठी पर बस्ती कोतवाली में 22 साल पहले एक व्यवसायी के बेटे का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी करवाई बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट लगातार चल रही है. लेकिन, आरोपी अमरमणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश न होने के चलते इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. इस पर 16 अक्टूबर को एमपी एमएलए कोर्ट के जज ने कड़ा रुख अपनाते हुए बस्ती पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया कि वह हर हाल में अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश करें, लेकिन बस्ती पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करने में असफल साबित हुई.

कोर्ट ने पुलिस के लिए क्या की टिप्पणीः जिस पर कोर्ट के जज ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को फटकार लगाते हुए यह कहा कि पुलिस गरीब अपराधियों को पकड़ने में स्थानीय पुलिस पूरी तत्परता से लग जाता है, उनके खिलाफ पैरवी भी बड़ी ही तत्परता पूर्वक करता है लेकिन जैसे ही किसी प्रभावशाली दुर्दांत अपराधियों को पकड़ने की बात आती है तो पुलिस के कदम डगमगा जाते हैं. बस्ती पुलिस की इस पूरी कार्यप्रणाली पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बस्ती पुलिस के इस ढुलमुल रवैए से फरार अभियुक्त की पेशी न होने के चलते इस मामले में करवाई लगातार लंबित होती चली जा रही है.

अमरमणि त्रिपाठी ने दिया था तबीयत खराब होने का हवालाः पिछली तारीख यानी एक नवम्बर को अमरमणि त्रिपाठी के वकील ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए मेडिकल कोर्ट में प्रेषित किया और अदालत से यह मांग की कि कोर्ट पूरे केस को फिर से रिकॉल करें, जिस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी को रिजेक्ट करते हुए कहा कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि त्रिपाठी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती. उन्हें हर हाल में कोर्ट में हाजिर ही होना पड़ेगा.

किस केस में भगोड़ा घोषित हैं अमरमणि त्रिपाठीः जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. बाद में व्यापारी के बेटे को उस समय के विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे. इसके बाद लगातार बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चल रहा था, जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे.

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