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22 साल से कोर्ट में हाजिर नहीं हुए पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, कोर्ट ने दिया ये आदेश

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 2, 2023, 10:35 AM IST

Updated : Nov 2, 2023, 1:19 PM IST

बस्ती में 22 साल पहले एक व्यापारी के बेटे के अपहरण के मामले में पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी (Former MLA Amarmani Tripathi) बुधवार को बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट (Basti MP MLA Court) में नहीं पेश हुए. कोर्ट ने एसपी को आदेश देकर पेश करने का निर्देश दिया था.

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वकील राकेस मिश्रा ने बताया.

बस्तीः जनपद में 22 साल पहले एक व्यवसायी के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. इस मामले में पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी को आरोपी बनाया गया था. बुधवार को बस्ती न्यायालय में एक बार फिर वह पेश नहीं हुए. इस अपहरण कांड की चार्जशीट में एक नया मामला सामने आया है. पूर्व विधायक के वकील राकेश मिश्रा ने कहा कि कोर्ट के लिपिकीय त्रुटि की वजह से जिन धाराओं में अमरमणि को वारंट कोर्ट के द्वारा भेजा गया है. वह आरोप पत्र ही कोर्ट में दाखिल नहीं है. इसलिए जो वारंट कोर्ट ने जारी किया है, वह गैर कानूनी है.

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में हुए हैं रिहा
बता दें कि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में कुछ सप्ताह पहले ही पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को रिहा किया गया था. बुधवार को बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट में पूर्व विधायक को पेश होना था. यहां बस्ती कोतवाली में उनके खिलाफ 22 साल पहले जनपद के एक व्यवसायी के बेटे के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसकी करवाई बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है.

कोर्ट ने दिया एसपी को आदेश
अपहरण के आरोपी अमरमणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे. इस वजह से कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर पा रही थी. 16 अक्टूबर को एमपी एमएलए कोर्ट के जज ने कड़ा रुख अपनाते हुए बस्ती पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि हर हाल में अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश करें. इस वजह से बुधवार को अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन तबियत खराब होने का हवाला देते हुए एकबार फिर वह कोर्ट में पेश नहीं हुए.

कोर्ट से वारंट हुआ जारी
पूर्व विधायक के वकील ने कोर्ट में एक हफनामा लगाते हुए कहा कि अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ न्यायालय ने जो वारंट जारी किया है. वह गैरकानूनी है. क्योंकि जिन धाराओं में अमरमणि को वारंट कोर्ट के द्वारा भेजा गया है. उसमें आरोप पत्र ही न्यायालय में दाखिल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि जो आदेश न्यायालय ने पारित किया है. उसमें कुछ कानूनी कमियां हैं. जिसे न्यायालय द्वारा फिर से देखना चाहिए और यह कहीं ना कहीं लिपिकीय त्रुटि है. जिसकी वजह से अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ यह वारंट जारी किया गया है.

व्यापारी के बेटे का हुआ था अपहरण
बता दें कि पूर्व विधायक अमरमणि के खिलाफ 2001 के केस में एक वारंट जारी हुआ है. उस समय बस्ती कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले एक व्यापारी धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. पुलिस ने व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे. इसके बाद लगातार बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट में मामले का ट्रायल चल रहा था. जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे. जिस पर कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर एक नवंबर को कोर्ट में पेश करें. लेकिन तबीयत होने और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से वह न्यायालय में पेश नहीं हुए. लेकिन अब उनके वकील ने इस मामले में नया पेंच कोर्ट में दाखिल कर दिया है. जिसके बाद अब इस अपहरण कांड में एक नया मोड़ आ सकता है.

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Last Updated : Nov 2, 2023, 1:19 PM IST
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