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Lal Bahadur Shastri Jayanti: कायस्थ महासभा के सचिव ने पीएम मोदी से की मांग, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के मौत की हो जांच

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 1:52 PM IST

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अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (All India Kayastha Mahasabha) के प्रदेश सचिव डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) पर उन्हें नमन किया. उन्होंने विदेश में रहस्यमयी तरीके से उनकी मौत की जांच की मांग की. साथ ही कहा कि देश में कायस्थ आयोग की स्थापना की जाए.

डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव ने बताया.

बस्तीः देश भर में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri Jayanti) धूम-धाम से मनाई जा रही है. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की विदेश में मौत का रहस्य आज तक सामने नहीं आ सका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अब एक बार फिर से स्वर्गीय शास्त्री की मौत के रहस्य को लेकर जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश सचिव डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव ने ऐलान कर दिया है कि जो भी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को सजा दिलाएगी. वह उसके साथ खड़े रहेंगे. प्रदेश सचिव ने कायस्थ आयोग और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत का रहस्य सामने लाने की मांग करते हुए पीएम मोदी को पत्र भी भेजा है.

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अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश सचिव डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव.

कायस्थ आयोग के गठन की मांग
गौरतलब है कि देश भर में करीब 22 करोड़ कायस्थ समाज के लोग हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोग जिस भी दल के साथ खड़े होते हैं, तो वह खुद सत्ता में आ जाता है. ऐसे में पीएम मोदी से उम्मीदों के साथ कायस्थ महासभा द्वारा की गई मांग की चर्चा शुरू हो गई है. डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हे प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी गई है और इस नाते उनका अपने समाज और संगठन के उत्थान के लिए बेहतर कार्य करना प्राथमिकता है. जिसे लेकर वह चहात हैं कि सबसे पहले कायस्थ आयोग का गठन हो और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के कारणों का जांच किया जाए.

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की हुई थी रहस्यमय मौत
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का 11 जनवरी 1966 निधन हुआ था. ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले शास्त्री की पुण्य तिथि तो सालो से मनाई जा रही है. लेकिन आज भी उनकी मौत का रहस्य बरकरार है. प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने 9 जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था. लाल बहादुर शास्त्री की मौत भारत से दूर ताशकंद में 11 जनवरी 1966 को हुई थी. उनकी मौत के रहस्य को आज भी पूरी तरह से सुलझाया नहीं जा सका है. अपनी साफ सुथरी छवि और सादगी के लिए प्रसिद्ध लाल बहादुर शास्त्री करीब डेढ साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. उनके नेतृत्व में भारत ने साल 1965 की लड़ाई में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई थी.


राजनारायण जांच समिति नतीजे पर नहीं पहुंची
लाल बहादुर शास्त्री की मौत के रहस्य को आज भी पूरी तरह से सुलझाया नहीं जा सका है. सभी के मन में उनकी मौत को लेकर कुछ रहस्यमय सवाल बने हुए हैं. सभी यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार शास्त्री की मौत कैसे हुई ? शास्त्री ताशकंद में पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद की हालात पर समझौता करने के लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान से शांति समझौते के लिए गए हुए थे. इस समझौते के लिए हुई मुलाकात के बाद कुछ ही घंटों के अंदर उनकी अचानक मौत हो गई. सबसे खास भारत सरकार ने इसके बारे में कभी कुछ जानने की कोशिश नहीं की. लाल बहादुर शास्त्री की मौत को लेकर कहा गया कि हृदयाघात के कारण उनका निधन हुआ था. लेकिन इससे पहले उनकी सेहत में किसी तरह की कोई खराबी नहीं थी. जब उनका पार्थिव शरीर भारत लाया गया तो कई प्रत्यक्षदर्शियों ने उनके चेहरे और शरीर पर अप्राकृतिक नीले और सफेद धब्बे नजर आए. इतना ही नहीं उनके पेट और गर्दन के पीछे कटने के निशान भी देखे गए थे. राजनारायण जांच समिति किसी तरह के वैध नतीजे पर नहीं पहुंची और उसकी विस्तृत रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हो सकी. संसदीय लाइब्रेरी में भी उनकी मृत्यु या उसकी जांच समित के बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है.

22 करोड़ हैं कायस्थ समाज के लोग
57 सालों बाद एक बार फिर से कायस्थ संगठन ने पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री शास्त्री के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की है. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अल्टीमेटम दिया है कि शास्त्री के मौत का कारण देश के समाने लाया जाए. समिति ने जांच करके इस मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक करे. इसके अलावा कायस्थ समाज को लेकर आज तक किसी भी राजनैतिक पार्टी ने कोई कार्य नहीं किया है. ऐसे में देश के 22 करोड़ कायस्थ समाज के उत्थान के लिए कायस्थ आयोग का गठन किया जाए. अगर बीजेपी सरकार ऐसा नहीं करती है तो इस बार देश के कायस्थ उनके साथ नहीं खड़े होंगे और वे उसी दल का साथ देंगे जो उनकी मांग पर विचार करते हुए कार्रवाई करेगा.

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