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ऐतिहासिक देवा मेले में कई नामचीन कलाकार बिखेरेंगे जलवा, पूरी दुनिया में मशहूर है यह मेला

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 8:49 PM IST

बाराबंकी में देवा मेले (Barabanki Deva Fair) की शुरुआत हो चुकी है. देश-दुनिया से लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं. मेले में रोजाना कोई न कोई कार्यक्रम हो रहा है. लोगों की काफी भीड़ जुट रही है.

Barabanki Deva Fair
Barabanki Deva Fair
बाराबंकी में देवा मेले की शुरुआत हो चुकी है.

बाराबंकी : ऐतिहासिक देवा मेला और प्रदर्शनी की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है. हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर इस मेले में रोजाना नए-नए आयोजन हो रहे हैं. कई नामचीन कलाकार भी इसमें जलवा बिखेरेंगे. मेले में पशुओं का बाजार भी लगता है, लंपी वायरस के कारण इस बार गाय और भैंस का बाजार नहीं लगा है. हालांकि घोड़ा और खच्चर का बाजार गुलजार है. आठ नवंबर को समाप्त होने वाले इस मेले में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है.

10 दिन तक चलेगा मेला : सोमवार से इस 10 दिवसीय मेले के शुरुआत हुई. शुभारंभ जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की पत्नी डॉ. सुप्रिया कुमारी ने फीत काटकर किया था. मौके पर शांति के प्रतीक कबूतर भी उड़ाए गए थे. जो रब है वहीं राम हैं, का संदेश देने वाले मशहूर सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता कुर्बान अली शाह की याद में ये मेला लगता है. मेले की खास पहचान यहां का पशु मेला भी है. इस बार केवल घोड़ा और खच्चर का बाजार लगा है.

ये बढ़ाएंगे मेले का आकर्षण : खास आकर्षण मशहूर बॉलीवुड सिंगर जावेद अली, अमन तिर्खा होंगे. सुप्रसिद्ध अवधी गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम है. बॉलीवुड के प्रसिद्ध भजन गायक रविन्द्र जैन के परम शिष्य पं. प्रेम प्रकाश दुबे मानस कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. युवाओं की रुचि को देखते हुए वाइस ऑफ इंडिया किड विनर राजस्थानी जस्सू खान का भी कार्यक्रम है. इन कार्यक्रमों के अलावा नामी गिरामी कव्वालों द्वारा कव्वाली भी प्रस्तुत की जाएगी. मेले का समापन आठ नवंबर को शानदार आतिशबाजी के साथ होगा.

वर्षों से कायम है परंपरा : कौमी एकता के प्रतीक देवा मेले की शुरुआत साल 1925 में हुई थी. मेले की एक खास परम्परा है कि इसका उद्घाटन हमेशा जिलाधिकारी की पत्नी द्वारा ही किया जाता है, जबकि समापन पुलिस अधीक्षक की पत्नी द्वारा किया जाता है. हर साल उर्स यानी सूफी संत की पुण्यतिथि पर उत्सव मनाए जाने की परंपरा रही है. करवा चौथ के ठीक दो दिन पहले इस मेले का उद्घाटन होता है.

जायकेदार हलवा पराठा बनते देख आपके मुंह में आएगा पानी

देवा मेले का ऐतिहासिक घोड़ा बाजार, खरीद सकते हैं 50 लाख तक के घोड़े

बाराबंकी में देवा मेले की शुरुआत हो चुकी है.

बाराबंकी : ऐतिहासिक देवा मेला और प्रदर्शनी की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है. हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर इस मेले में रोजाना नए-नए आयोजन हो रहे हैं. कई नामचीन कलाकार भी इसमें जलवा बिखेरेंगे. मेले में पशुओं का बाजार भी लगता है, लंपी वायरस के कारण इस बार गाय और भैंस का बाजार नहीं लगा है. हालांकि घोड़ा और खच्चर का बाजार गुलजार है. आठ नवंबर को समाप्त होने वाले इस मेले में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है.

10 दिन तक चलेगा मेला : सोमवार से इस 10 दिवसीय मेले के शुरुआत हुई. शुभारंभ जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की पत्नी डॉ. सुप्रिया कुमारी ने फीत काटकर किया था. मौके पर शांति के प्रतीक कबूतर भी उड़ाए गए थे. जो रब है वहीं राम हैं, का संदेश देने वाले मशहूर सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता कुर्बान अली शाह की याद में ये मेला लगता है. मेले की खास पहचान यहां का पशु मेला भी है. इस बार केवल घोड़ा और खच्चर का बाजार लगा है.

ये बढ़ाएंगे मेले का आकर्षण : खास आकर्षण मशहूर बॉलीवुड सिंगर जावेद अली, अमन तिर्खा होंगे. सुप्रसिद्ध अवधी गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम है. बॉलीवुड के प्रसिद्ध भजन गायक रविन्द्र जैन के परम शिष्य पं. प्रेम प्रकाश दुबे मानस कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. युवाओं की रुचि को देखते हुए वाइस ऑफ इंडिया किड विनर राजस्थानी जस्सू खान का भी कार्यक्रम है. इन कार्यक्रमों के अलावा नामी गिरामी कव्वालों द्वारा कव्वाली भी प्रस्तुत की जाएगी. मेले का समापन आठ नवंबर को शानदार आतिशबाजी के साथ होगा.

वर्षों से कायम है परंपरा : कौमी एकता के प्रतीक देवा मेले की शुरुआत साल 1925 में हुई थी. मेले की एक खास परम्परा है कि इसका उद्घाटन हमेशा जिलाधिकारी की पत्नी द्वारा ही किया जाता है, जबकि समापन पुलिस अधीक्षक की पत्नी द्वारा किया जाता है. हर साल उर्स यानी सूफी संत की पुण्यतिथि पर उत्सव मनाए जाने की परंपरा रही है. करवा चौथ के ठीक दो दिन पहले इस मेले का उद्घाटन होता है.

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