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बाराबंकी का देवां मेला बना आकर्षण का केंद्र, मारवाड़ी घोड़े को देखकर लोग हुए हैरान

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 1:50 PM IST

Updated : Nov 3, 2023, 1:57 PM IST

बाराबंकी के देवां मेला (Devan Fair of Barabanki) में 20 लाख रुपये तक के घोड़े लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. मेले में कीमती और सस्ते घोड़ों के खरीदारों की लाइन लगी है. यहां दूसरे राज्यों के पशु व्यापारियों की आमद शुरू हो गई है.

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घोड़ों के व्यापारियों ने बताया.

बाराबंकी: उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में लगने वाला ऐतिहासिक देवां मेला की पहचान देश ही नहीं विदेशों तक है. 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में यूपी ही नहीं दूसरे प्रदेशों के खानपान की चीजों समेत एक से एक नायाब वस्तुओं की दुकानें लगती हैं. यहां के खेल मैदान में तमाम खेल तो ऑडिटोरियम में हर रोज कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. लेकिन इस मेले सबसे खास आकर्षण यहां लगने वाला घोड़ा बाजार है.

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देवां मेले का घोड़ा बाजार.

20 लाख रुपये तक के घोड़े
अगर आप घोड़े पालने के शौकीन हैं, तो आपको देवां मेले में हर ब्रीड के घोड़े मिल जाएंगे. बिहार के सोनपुर और राजस्थान के पुष्कर मेले के बाद देवां मेले में लगने वाला घोड़ा बाजार की अपनी एक अलग ही पहचान है. यहां मेले में 20 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक के घोड़े आपको आसानी से मिल जाएंगे.

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घोड़े की कद काठी बना आकर्षण का केंद्र.

हर ब्रीड के घोड़े मिलेंगे
यूं तो देवां मेले में सैकड़ों दुकानें और प्रदर्शनियां लगती हैं. लेकिन देवां मेले का खास आकर्षण यहां लगने वाला घोड़ा बाजार है. सूबे ही नहीं गैर प्रदेशों के घोड़ा पालने के शौकीन लोग यहां अपना घोड़ा लाकर उसकी प्रदर्शन करते हैं. यहां घोड़े की सही कीमत मिलने पर उनको बेचते हैं. देवां मेले में हर ब्रीड के घोड़े आपको मिल जाएंगे. यहां घोड़े की कद काठी और घोड़े की चाल के हिसाब से उसकी कीमत तय होती है.

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मारवाड़ी घोड़े भी हैं मौजूद.

घोड़े का तीसरा सबसे बड़ा मेला
घोड़े पालने के शौकीन बताते हैं कि बिहार के सोनपुर और राजस्थान के पुष्कर के बाद यूपी का यह सबसे बड़ा घोड़ा मेला है. यहां से लोग कम उम्र के घोड़े खरीदकर ले जाते हैं , उनको तैयार करते हैं. इसके बाद उन तैयार घोड़ों को लाकर यहां ही बेचते हैं. जानकारी के अनुसार यहां मुंबई से आकर व्यापारी अच्छे घोड़ों को खरीदकर ले जाते हैं. देवां मेले व्यापारी पिछले 25 वर्षों से घोड़ा खरीदने आते हैं.

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मेले में हर ब्रीड के घोड़े मौजूद.

चालबाज घोड़े भी हैं मौजूद
घोड़ा व्यापारी अनवर अली ने बताया कि वह इस बार 7 घोड़े लाएं है. उनके एक घोड़े की कीमत साढ़े 14 लाख रुपये लग चुकी है. लेकिन उन्होंने उसे बेचने से मना कर दिया है. अनवर अली ने बताया कि यहां तमाम लोग हैं. जो मेले में सिर्फ अपने घोड़ों को प्रदर्शन के लिए ही लाते हैं. ऐसे कुछ शौकीन लोग चालबाज घोड़ों को लेकर आए हैं. वह उनको बेचते नहीं हैं. क्योंकि उनका मानना है कि चालबाज घोड़े आसानी से मिलते नहीं हैं.

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दूसरे प्रदेश से आए व्यापारियों के घोड़े.

देवां मेले में आर्थिक मंदी का असर
दूर दराज से अपने घोड़े लेकर आये व्यापारियों ने बताया कि एक घोड़े को तैयार करने में काफी वक्त देना पड़ता है. इनकी खुराक के साथ-साथ रोजाना इनकी मालिश और दौड़ का रियाज कराना जरूरी होता है. इनके खान-पान का खास ध्यान रखा जाता है. घास और चना तो इनका खान-पान है. इसके साथ ही यहां तमाम लोग तो अपने घोड़े को दूध और घी खिलाते और पिलाते हैं. व्यापारियों के अनुसार मेले के उद्घाटन से एक सप्ताह पहले ही यहां का घोड़ा बाजार सज जाता है .घोड़ा पालने के शौकीन व्यापारियों का कहना है कि इस बार मेले में 15 से 20 लाख रुपये तक के घोड़े आए हैं. लेकिन बाजार में आर्थिक मंदी का असर और मेले में सुविधाओं की कमी है. इसकी कमी देवां मेले के घोड़ा बाजार में दिखाई दे रही है.

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बाराबंकी का देवां मेले में घोड़े.

घोड़े की बेहतरीन नस्ल
राजस्थान के मारवाड़ इलाके में पाए जाने वाले मारवाड़ी घोड़ो की नस्ल अव्वल मानी जाती है. इनकी ऊंचाई 152 से 160 सेमी और लंबाई 130 से 140 सेमी होती है. इनका फेस औसतन 22 सेमी चौड़ा होता है. उसके बाद काठियावाड़ी नस्ल के घोड़े बेहतरीन माने जाते हैं. ये घोड़े गुजरात के राजकोट और जूनागढ़ जिलों में पाए जाते हैं. इसकी ऊंचाई औसतन 147 सेमी होती है. मणिपुरी नस्ल के घोड़े भी बेहतरीन माने जाते हैं. कई रंगों में पाया जाने वाला मणिपुरी घोड़ा खेल और युद्ध में इस्तेमाल किया जाता है. ये घोड़े काफी ताकतवर और फुर्तीले होते हैं. इस मेले में पंजाब से आए व्यापारी अनवर अली, लखनऊ से आए व्यापारी शकील अहमद और बाराबंकी के व्यापारी दाऊद ने देवां मेले में आए घोड़ों के बारे में जानकारी दी.

यह भी पढ़ें- यूपी के देवां मेले में सजा अनोखा घोड़ा बाजार, जहां लगती है एक करोड़ तक की बोली

यह भी पढ़ें- कोरोना के बाद युवाओं में बढ़ रही है कूल्हे की बीमारी, जानें वजह

घोड़ों के व्यापारियों ने बताया.

बाराबंकी: उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में लगने वाला ऐतिहासिक देवां मेला की पहचान देश ही नहीं विदेशों तक है. 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में यूपी ही नहीं दूसरे प्रदेशों के खानपान की चीजों समेत एक से एक नायाब वस्तुओं की दुकानें लगती हैं. यहां के खेल मैदान में तमाम खेल तो ऑडिटोरियम में हर रोज कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. लेकिन इस मेले सबसे खास आकर्षण यहां लगने वाला घोड़ा बाजार है.

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देवां मेले का घोड़ा बाजार.

20 लाख रुपये तक के घोड़े
अगर आप घोड़े पालने के शौकीन हैं, तो आपको देवां मेले में हर ब्रीड के घोड़े मिल जाएंगे. बिहार के सोनपुर और राजस्थान के पुष्कर मेले के बाद देवां मेले में लगने वाला घोड़ा बाजार की अपनी एक अलग ही पहचान है. यहां मेले में 20 हजार रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक के घोड़े आपको आसानी से मिल जाएंगे.

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घोड़े की कद काठी बना आकर्षण का केंद्र.

हर ब्रीड के घोड़े मिलेंगे
यूं तो देवां मेले में सैकड़ों दुकानें और प्रदर्शनियां लगती हैं. लेकिन देवां मेले का खास आकर्षण यहां लगने वाला घोड़ा बाजार है. सूबे ही नहीं गैर प्रदेशों के घोड़ा पालने के शौकीन लोग यहां अपना घोड़ा लाकर उसकी प्रदर्शन करते हैं. यहां घोड़े की सही कीमत मिलने पर उनको बेचते हैं. देवां मेले में हर ब्रीड के घोड़े आपको मिल जाएंगे. यहां घोड़े की कद काठी और घोड़े की चाल के हिसाब से उसकी कीमत तय होती है.

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मारवाड़ी घोड़े भी हैं मौजूद.

घोड़े का तीसरा सबसे बड़ा मेला
घोड़े पालने के शौकीन बताते हैं कि बिहार के सोनपुर और राजस्थान के पुष्कर के बाद यूपी का यह सबसे बड़ा घोड़ा मेला है. यहां से लोग कम उम्र के घोड़े खरीदकर ले जाते हैं , उनको तैयार करते हैं. इसके बाद उन तैयार घोड़ों को लाकर यहां ही बेचते हैं. जानकारी के अनुसार यहां मुंबई से आकर व्यापारी अच्छे घोड़ों को खरीदकर ले जाते हैं. देवां मेले व्यापारी पिछले 25 वर्षों से घोड़ा खरीदने आते हैं.

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मेले में हर ब्रीड के घोड़े मौजूद.

चालबाज घोड़े भी हैं मौजूद
घोड़ा व्यापारी अनवर अली ने बताया कि वह इस बार 7 घोड़े लाएं है. उनके एक घोड़े की कीमत साढ़े 14 लाख रुपये लग चुकी है. लेकिन उन्होंने उसे बेचने से मना कर दिया है. अनवर अली ने बताया कि यहां तमाम लोग हैं. जो मेले में सिर्फ अपने घोड़ों को प्रदर्शन के लिए ही लाते हैं. ऐसे कुछ शौकीन लोग चालबाज घोड़ों को लेकर आए हैं. वह उनको बेचते नहीं हैं. क्योंकि उनका मानना है कि चालबाज घोड़े आसानी से मिलते नहीं हैं.

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दूसरे प्रदेश से आए व्यापारियों के घोड़े.

देवां मेले में आर्थिक मंदी का असर
दूर दराज से अपने घोड़े लेकर आये व्यापारियों ने बताया कि एक घोड़े को तैयार करने में काफी वक्त देना पड़ता है. इनकी खुराक के साथ-साथ रोजाना इनकी मालिश और दौड़ का रियाज कराना जरूरी होता है. इनके खान-पान का खास ध्यान रखा जाता है. घास और चना तो इनका खान-पान है. इसके साथ ही यहां तमाम लोग तो अपने घोड़े को दूध और घी खिलाते और पिलाते हैं. व्यापारियों के अनुसार मेले के उद्घाटन से एक सप्ताह पहले ही यहां का घोड़ा बाजार सज जाता है .घोड़ा पालने के शौकीन व्यापारियों का कहना है कि इस बार मेले में 15 से 20 लाख रुपये तक के घोड़े आए हैं. लेकिन बाजार में आर्थिक मंदी का असर और मेले में सुविधाओं की कमी है. इसकी कमी देवां मेले के घोड़ा बाजार में दिखाई दे रही है.

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बाराबंकी का देवां मेले में घोड़े.

घोड़े की बेहतरीन नस्ल
राजस्थान के मारवाड़ इलाके में पाए जाने वाले मारवाड़ी घोड़ो की नस्ल अव्वल मानी जाती है. इनकी ऊंचाई 152 से 160 सेमी और लंबाई 130 से 140 सेमी होती है. इनका फेस औसतन 22 सेमी चौड़ा होता है. उसके बाद काठियावाड़ी नस्ल के घोड़े बेहतरीन माने जाते हैं. ये घोड़े गुजरात के राजकोट और जूनागढ़ जिलों में पाए जाते हैं. इसकी ऊंचाई औसतन 147 सेमी होती है. मणिपुरी नस्ल के घोड़े भी बेहतरीन माने जाते हैं. कई रंगों में पाया जाने वाला मणिपुरी घोड़ा खेल और युद्ध में इस्तेमाल किया जाता है. ये घोड़े काफी ताकतवर और फुर्तीले होते हैं. इस मेले में पंजाब से आए व्यापारी अनवर अली, लखनऊ से आए व्यापारी शकील अहमद और बाराबंकी के व्यापारी दाऊद ने देवां मेले में आए घोड़ों के बारे में जानकारी दी.

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Last Updated : Nov 3, 2023, 1:57 PM IST
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