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राहत की सांस! दो मासूमों की जान लेने वाली मादा तेंदुआ पिंजड़े में कैद

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Published : Aug 3, 2021, 1:57 PM IST

मादा तेंदुआ पिंजड़े में कैद
मादा तेंदुआ पिंजड़े में कैद

बहराइच (Bahraich) जिले के बिछिया कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज (Motipur Range of Katarniaghat Wildlife Division) में जंगल से सटे गांव चंदनपुर में पिछले दिनों एक मादा तेंदुए (Female Leopard) ने दो बच्चों को अपना शिकार बनाया था. जिसके बाद वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तेंदुए को पकड़ने का प्रयास शुरू किया और बीती रात रात मादा तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया (leopard trapped in cage).

बहराइच: पिछले दिनों दो बच्चों को अपना शिकार बनाने वाली मादा तेंदुआ (Female Leopard) अब पिंजरे में कैद हो चुकी है. वन विभाग की कड़ी मशक्कत के बाद बीती रात करीब 3 बजे मादा तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया (leopard trapped in cage) गया. इससे आस पास के इलाकों के ग्रामीणों सहित दो वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है. पशु चिकित्सक वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि पकड़ी गई मादा तेंदुए की उम्र ढाई साल के आसपास है.

बता दें बिछिया कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज में जंगल से सटा गांव चंदनपुर और आसपास के गांवों के ग्रामीण बहुत सहमे हुए थे. तेंदुआ के खौफ के चलते रात रात सोते नहीं थे. जिनके घर मे छोटे बच्चे हैं वो बड़ी हिफाजत से और बच्चों को छुपाकर सोते थे, लेकिन बीते दिनों दो मासूमों की जान लेने के बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने का प्रयास शुरू किया. बीती रात 3 बजे करीब वन विभाग टीम ने मादा तेंदुए पिंजड़े में कैद कर लिया (leopard trapped in cage).

मादा तेंदुआ पिंजड़े में कैद
मामला मोतीपुर रेंज के बनभुसरी बीट अंतर्गत ग्राम चंदनपुर के मजरा कलन्दरपुर का है. जहां बीते रविवार की रात तेंदुए ने आबादी में घुसकर गांव निवासी देवतादीन की 6 वर्षीय पुत्री अंशिका को अपना निवाला बनाया था. दूसरा मामला भी इसी गांव का है जहां शुक्रवार 30 जुलाई की रात तेंदुए ने चंदनपुर गांव के ही एक 5 वर्षीय बालक अभिनन्दन को भी अपना शिकार बनाया था. लगातार दो घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत का माहौल था. ग्रामीणों ने प्रभागीय वनाधिकारी से इसकी शिकायत भी की थी. साथ ही विभाग के लापरवाह रवैये को लेकर आक्रोश भी जताया था.इसे भी पढ़ें-6 साल की बच्ची को घर से उठा ले गया तेंदुआ


लगातार हुई दो घटनाओं के बाद वन विभाग ने भी इसको गंभीरता से लिया. प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पशु चिकित्सक वीरेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में घटनास्थल के पास गन्ने के खेत में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगवाया. रेंजर महेंद्र मौर्या के नेतृत्व में कई अलग अलग टीमें रात को गश्त करती रहीं इस बीच रात 3 बजे के करीब बकरी की लालच में आई मादा तेंदुआ पिंजड़े में कैद हो गई. तेंदुए के पिंजड़े में कैद होने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली वहीं वन विभाग ने तेंदुए को कब्जे में ले लिया. पशु चिकित्सक वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि पकड़ी गई मादा तेंदुए की उम्र ढाई साल के आसपास है.

वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र मौर्या ने बताया कि वन विभाग व एसटीपीएफ के जवानों की कड़ी मेहनत से मादा तेंदुए को पिंजड़े में कैद कर लिया गया है. तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कर उच्चाधिकारियों के दिशानिर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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