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बहराइच: बैराज में फंसी फिशिंग कैट, लोगों ने कहा- तेंदुआ आ गया है

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Published : Oct 19, 2019, 9:49 AM IST

बैराज में फंसी फिशिंग कैट.

यूपी के बहराइच में संरक्षित वन्यजीव प्रभाग क्षेत्र में तेंदुआ फंसे होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बैराज से तेंदुआ नहीं, बल्कि एक फिशिंग कैट निकली, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए.

बहराइच: जिले के कतर्नियाघाट संरक्षित वन्यजीव प्रभाग क्षेत्र में स्थित चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट संख्या 18 में तेंदुआ फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. करीब आधे से एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बैराज से तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट निकली, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए. वन विभाग की टीम ने बैराज से सुरक्षित निकालकर फिशिंग कैट को महादेव ताल के पास बैराज पर छोड़ दिया है.

बैराज में फंसी फिशिंग कैट.
खोदा पहाड़, निकली चुहिया
  • चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट नंबर 18 में तेंदुए के फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया.
  • सूचना पर वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
  • फिशिंग कैट देखने में तेंदुए से कई गुना छोटी होती है.
  • फिशिंग कैट मछली का शिकार करती है. बैराज का गेट बंद होने से वह उसमें फंस गई थी.
  • वन विभाग की टीम ने फिशिंग कैट को सुरक्षित निकालकर महादेव ताल के पास छोड़ दिया.
  • फिशिंग कैट, बिल्ली की प्रजाति का दुर्लभ जीव है.

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सूचना मिली थी कि तेंदुए का बच्चा गिरजापुरी बैराज में फंसा है. वन विभाग की टीम तत्काल उसे बैराज से बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंची. रेस्क्यू ऑपरेशन काफी खतरनाक था. आधे घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बैराज में फंसे वन्यजीव को सुरक्षित निकाला गया, जिसके बाद उसे महादेव ताल के पास छोड़ दिया गया.
-पीयूष मोहन श्रीवास्तव, वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट रेंज

Intro:एंकर- बहराइच के कतरनिया घाट संरक्षित वन्यजीव प्रभाग क्षेत्र में स्थित चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट संख्या 18 में तेंदुआ फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया। बैराज के गेट में तेंदुआ फंसा होने की सूचना पर वन विभाग के हाथ-पैर फूल गए। वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब एक घंटे की जद्दोजहद के बाद बैराज से तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट निकली। जिसे देख कर लोग हैरान रह गए। लोग इसे देखकर बरबस के उठे खोदा पहाड़ निकली चुहिया। वन विभाग की टीम ने बैराज से सुरक्षित निकालकर फिशिंग कैट को महादेव ताल के पास बैराज पर छोड़ दिया है। यह दुर्लभ प्रजाति की विलुप्त प्राय कैट प्रजाति का दुर्लभ वन्य जीव है।Body:वीओ- 1- बहराइच के कतरनिया घाट संरक्षित वन जीव प्रभाग के गिरजा पुरी स्थित चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट नंबर 18 में तेंदुए के फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया सूचना पर वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जाल डालकर बहराइच में फंसे वन्य जीव को बाहर निकाला लेकिन वो तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट निकली जो देखने में लगभग तेरे जैसी होती है लेकिन वह तेंदुए से कई गुना छोटी होती है फिशिंग कैट मछली का शिकार करती है शिकार के चलते बैराज का गेट बंद होने के चलते उसमें फंस गई वन विभाग की टीम ने फिशिंग कैट को सुरक्षित निकालकर उसके प्राकृतिक वास महादेव ताल के पास छोड़ दिया गया।फिशिंग कैट, कैट प्रजाति का दुर्लभ जीव है। यह सामान बिल्ली से दोगुना बड़ी होती है। यह मछली का शिकार करती है। इसलिए इसे फिशिंग कैट कहते हैं। फिशिंग कैट तेंदुए जैसी दिखती है। लेकिन आकार में तेंदुए से छोटी होती है। वन विभाग की टीम ने बैराज से निकालकर फिशिंग कार्ड को बैराज के निकट महादेव तालाब के पास छोड़ दिया है।
वन क्षेत्राधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि तेंदुए का बच्चा गिरजापुरी बैराज में फंसा है। वन विभाग की टीम तत्काल उसे बैराज से बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंच गई। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन काफी खतरनाक था। क्योंकि उससे बैराज में फंसे वन्यजीव और उसे रेस्क्यू करने वाले कर्मियों को भी खतरा था। आधे घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बैराज में फंसे वन्य जीव को सुरक्षित निकाल लिया गया। उसके बाद उसे महादेव ताल के पास छोड़ दिया गया।
बाइट- 1-पीयूष मोहन श्रीवास्तव (वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट रेंज)Conclusion: सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
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