आजमगढ़: जनपद के मॉडल रेलवे स्टेशन पर बने पार्क ने एक साल के अंदर ही अपना अस्तित्व खो दिया है. पार्क के निर्माण में कुल 45 लाख का खर्च दिखाया गया था, जबकि यहां सिर्फ दो झूले लगवाए गए हैं. यही नहीं पार्क में न तो एक पौधा बचा है और न ही गेट. वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे.
आदर्श रेलवे स्टेशन पर करीब 11 महीने पहले 45 लाख रुपये की लागत से एक पार्क बनवाया गया था. 9 फरवरी 2019 को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने पौधारोपण कर पार्क का उद्घाटन किया था. पार्क में दो झूले और एक रैप बनवाया गया था. इसके साथ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 2 दर्जन से अधिक पौधे भी लगाए गए थे.
अधिकारियों की उदासीनता के चलते पार्क का मुख्य गेट टूटकर कर गिर चुका है. यहां लगे झूले भी टूट चुके हैं. पार्क में बच्चों का खेलना तो दूर यहां कोई आना पसंद नहीं करता है. इस पार्क में एक भी पौधा नहीं है. यहां बैठने के लिए लगाई गई बेंच सड़ गई है. टूटे हुए झूलों का सामान भी गायब है. अधिकारी हैं कि पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं.
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पार्क जिस हालात में बना था, उसके पूरे निर्माण की लागत 15 लाख ही होना चाहिए थी, लेकिन पार्क को 45 लाख से बनवाया गया. इसमें अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से एक बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है और अधिकारियों की लापरवाही से ही पार्क बदहाल हुआ है.
-एस.के सत्येन, स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य