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औरैया: आवारा पशुओं को ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में किया बंद

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Published : Aug 23, 2019, 10:08 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

आवारा पशुओं को ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में किया बंद

यूपी के औरैया में आवारा जानवरों से परेशान किसानों ने गोवंशों को स्कूल परिसर में बंद कर दिया. किसानों का कहना है कि सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी अधिकारी अभी तक गोवंशों को गो आश्रय पहुंचाने में सफल नहीं हो पाए हैं.

औरैया: यूपी सरकार भले ही आवारा गोवंशों के लिए लाख दावे कर रही हो और योजनाओं के माध्यम से आवारा गोवंशों के लिए समुचित व्यवस्था के लिए प्रयासरत हो, लेकिन हाइवे की सड़कों से लेकर गांव के गलियारों तक, खेतों से लेकर बस्तियों तक आवारा गोवंशों का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा. जिसके चलते आवारा गोवंश किसान की फसलों को चौपट कर देते हैं.

आवारा पशुओं को ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में किया बंद

इसी के चलते तुर्किपुर के ग्रामीणों ने सभी आवारा गोवंशों को एकत्र कर विद्यालय परिसर में बंद कर दिया. मौके पर पहुंते लेखपाल ने आवारा गोवंशों को गो आश्रय पहुंचाने की बात कही है, लेकिन जब उनसे इस संबंध में और सवाल किये गए, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

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सवाल उठता है कि जहां एक ओर सरकार आवारा गोवंशों पर योजनाओं को संचालित कर लाखों रुपये लगा रही है तो दूसरी ओर अधिकारी इतने बेपरवाह कैसे हो सकते हैं. जिले भर में अलग-अलग क्षेत्रों में गो आश्रय बने हुए हैं, बावजूद इसके आवारा गोवंश चारों तरफ घूमते मिल जाएंगे, जो किसानों के लिए समस्या बने हुए हैं.

Intro:एंकर--यूपी सरकार भले ही आवारा गौ वंशों के लिए लाख दावे कर रही हो और भले ही योजनाओं के माध्यम से आवारा गौवंशों के लिए समुचित व्यवस्था के लिए प्रयास रत हो किन्तु औरैया जनपद में हाइवे की सड़कों से लेकर गांव के गलियारों तक खेतो से लेकर बस्तियों तक आवारा गौवंशों का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा।जिसके चलते मेहनत कश किसानों के लिए बेहद दुखद साबित हो रहा है मेहनत कर फसलों को आगे बढ़ाने वाले किसान तब लाचार हो जाते हैं जब उनकी मेहनत पर आवारा गौवंश पानी फेर देते हैं।Body:इसी के चलते जिले के तुर्किपुर ग्राम निवासियों ने सभी आवारा गौ वंशों को एकत्र कर विद्यालय परिसर में बंद कर दिया।हालाकिं की संबंधित मामले में लेखपाल भी आ पहुंचे और उन्होंने जानवरों को गौ आश्रय पहुंचाने का वादा किया ।Conclusion:अब सवाल ये उठता है कि जहाँ एक ओर सरकार आवारा गौवंशों पर योजनाओं को संचालित कर लाखों रुपए लगा रही है तो दूसरी ओर अधिकारी इतने बेपरवाह कैसे हो सकते हैं।जिले भर में अलग अलग क्षेत्रों में गौ आश्रय बने हुए हैं किंतु फिर भी आवारा गौ वंश हर ओर तहलते मिल रहे हैं।

बाइट--लेखपाल

बाइट--ग्रामीण किसान
Last Updated :Sep 10, 2020, 12:17 PM IST
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