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जेल में बंद माफिया खान मुबारक की बहन और भांजी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : May 19, 2022, 10:34 PM IST

अंबेडकरनगर जिले की टांडा कोतवाली पुलिस ने जेल में बंद माफिया खान मुबारक के बहन और भांजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों माफिया के आर्थिक साम्राज्य को संभालती थीं.

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माफिया खान मुबारक की बहन और भांजी

अंबेडकरनगरः जेल में बंद प्रदेश के टॉप टेन सूची में शामिल माफिया खान मुबारक के बहन और भांजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. खान मुबारक के जेल जाने के बाद ये दोनों माफिया के आर्थिक साम्राज्य को संभालती थीं और डिजिटल पेमेंट के माध्यम से खान मुबारक के गुर्गों की मदद करती थीं. टांडा कोतवाली पुलिस ने इन दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. लेकिन उनकी पहचान को छिपा लिया है.

माफिया खान मुबारक का सिक्का सिर्फ अंबेडकरनगर में ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में चलता है. जिले में घटने वाली रंगदारी की वसूली, लूट और मर्डर जैसी वारदातों में खान मुबारक और उसके गुर्गे का नाम अक्सर सामने आ जाता है. पुलिस ने खान मुबारक को जेल में होने के बावजूद इसके गुर्गे जिले में आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

पढ़ेंः तीन साल पहले हुई दो हत्याओं का खुलासा, साथियों ने ही दिया था वारदात को अंजाम

खान मुबारक जेल में ही बैठ कर अपना कारोबार चला रहा है. उसके गुर्गे आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन अपना साम्राज्य बनाए रखने के लिए उसे आर्थिक साम्राज्य संभालने वाला कोई भरोसेमंद चाहिए था और उसके इस काम को बखूबी अंजाम दे रही थी उसकी बहन और भांजी. पुलिस के मुताबिक खान मुबारक की बहन आपराधिक वारदातों से एकत्रित हुए रुपयों को संभालती थी. इस रुपये को उसके गुर्गों तक पहुंचाती थी.

जेल में बंद खान मुबारक के गुर्गों को पैसा भेजने के लिए डिजिटल पेमेंट के माध्यम का प्रयोग करती थी. टांडा कोतवाल विजेंद्र शर्मा के मुताबिक खान मुबारक की बहन और भांजी पेटियम , गूगल पे और ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से खान मुबारक के गुर्गे को मदद पहुंचा रही थी और ट्रांजेक्शन करने वालों को नगद दे देती थी. इन दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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अंबेडकरनगरः जेल में बंद प्रदेश के टॉप टेन सूची में शामिल माफिया खान मुबारक के बहन और भांजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. खान मुबारक के जेल जाने के बाद ये दोनों माफिया के आर्थिक साम्राज्य को संभालती थीं और डिजिटल पेमेंट के माध्यम से खान मुबारक के गुर्गों की मदद करती थीं. टांडा कोतवाली पुलिस ने इन दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. लेकिन उनकी पहचान को छिपा लिया है.

माफिया खान मुबारक का सिक्का सिर्फ अंबेडकरनगर में ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में चलता है. जिले में घटने वाली रंगदारी की वसूली, लूट और मर्डर जैसी वारदातों में खान मुबारक और उसके गुर्गे का नाम अक्सर सामने आ जाता है. पुलिस ने खान मुबारक को जेल में होने के बावजूद इसके गुर्गे जिले में आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

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खान मुबारक जेल में ही बैठ कर अपना कारोबार चला रहा है. उसके गुर्गे आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन अपना साम्राज्य बनाए रखने के लिए उसे आर्थिक साम्राज्य संभालने वाला कोई भरोसेमंद चाहिए था और उसके इस काम को बखूबी अंजाम दे रही थी उसकी बहन और भांजी. पुलिस के मुताबिक खान मुबारक की बहन आपराधिक वारदातों से एकत्रित हुए रुपयों को संभालती थी. इस रुपये को उसके गुर्गों तक पहुंचाती थी.

जेल में बंद खान मुबारक के गुर्गों को पैसा भेजने के लिए डिजिटल पेमेंट के माध्यम का प्रयोग करती थी. टांडा कोतवाल विजेंद्र शर्मा के मुताबिक खान मुबारक की बहन और भांजी पेटियम , गूगल पे और ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से खान मुबारक के गुर्गे को मदद पहुंचा रही थी और ट्रांजेक्शन करने वालों को नगद दे देती थी. इन दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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