ETV Bharat / state

संघर्षों से निकल कर IPS बने चंद्र प्रकाश को स्वतंत्रता दिवस पर मिला मेरिटोरियर्स सर्विस मेडल

author img

By

Published : Aug 15, 2023, 11:59 AM IST

चंद्रप्रकाश का सर्विस कार्यकाल जितना उम्मदा रहा है, उनका बचपन उतने ही तंगी और संघर्षों के बीच बीता. लेकिन, गरीबी कभी चंद्र प्रकाश के हौसलों को कमजोर नहीं कर सकी. अपनी मेहनत और मित्रों के सहयोग से गांव की प्राइमरी पाठशाला से निकल कर चंद्रप्रकाश आज उस शहर में आईजी बन गए हैं जहां पर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की थी. आईए जानते हैं चंद्रप्रकाश के संघर्ष की कहानी.

Etv Bharat
Etv Bharat

अम्बेडकरनगर: एक छोटे से गांव के मजदूर परिवार में जन्मे चंद्र प्रकाश की शोहरत इस समय बुलन्दियों पर है. आईपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश इस समय प्रयागराज आईजी रेंज के पद पर तैनात हैं. भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन्हें मेरिटोरियर्स सर्विस मेडल से सम्मानित किया है. चंद्रप्रकाश को यह पुरस्कार उनके उम्मदा कार्यों के लिए दिया गया है.

आईपीएस चंद्र प्रकाश के गांव का क्या नामः आईपीएस चंद्र प्रकाश उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के तेंदुआ गांव के रहने हैं. इनके पिता का नाम बरखू राम है. इनकी माता का देहांत बचपन में ही हो गया था. चंद्र प्रकाश के गांव के लोग बताते हैं कि चंद्र प्रकाश बचपन से ही काफी मेहनती रहे हैं. परिवार के पास खेती बाड़ी थी नहीं, इसलिए मजदूरी ही जीवन का सहारा था. चंद्र प्रकाश का परिवार काफी बड़ा था और कमाने वाले केवल पिता थे. आर्थिक तंगी की वजह से घर में दोनों वक्त भोजन बनना भी दूभर था.

Chandra Prakash
अपने ऑफिस में आईपीएस चंद्र प्रकाश

आईपीएस चंद्र प्रकाश ने कहां से की पढ़ाईः आर्थिक तंगी होने की वजह से चंद्र प्रकाश की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई. पढ़ाई के प्रति चंद्र प्रकाश के रुझानों को देख इनके पिता ने इन्दईपुर इंटर कॉलेज में दाखिला करा दिया. चंद्र प्रकाश ने कठिन हालातों में इंटर पास किया तो गांव के एक दो मित्र आगे आए और चंद्र प्रकाश ने तत्कालीन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया.

Chandra Prakash
किसी भी घटना पर खुद मुआयना करने पहुंचते हैं आईपीएस चंद्र प्रकाश

किस सन में आईपीएस बने चंद्र प्रकाशः बताते हैं कि चंद्र प्रकाश ने अपने हालात से समझौता नहीं किया और अपनी मेहनत से पहली ही बार मे 2004 में आईपीएस बन गए. हालात कितने भी असहाय क्यों न रहे हों लेकिन चन्द्र प्रकाश ने कभी खुद को असहाय नहीं होने दिया. चंद्र प्रकाश दो भाइयों और चार बहनों में सबसे बड़ें हैं. यही नहीं, अपने गांव में सरकारी नौकरी पाने वाले ये पहले व्यक्ति हैं. चंद्रप्रकाश की चारों बहने छोटी हैं. चंद्र प्रकाश के पत्नी की मौत 2020 में हो गयी थी. कहा जाता है कि नाते रिश्तेदारों ने दूसरी शादी के लिए दबाव डाला लेकिन उन्होंने नहीं की. चंद्र प्रकाश के एक बेटा और दो बेटियां हैं.

ये भी पढ़ेंः स्वतंत्रता दिवस पर यूपी में तीन IAS और दो PCS अधिकारियों का ट्रांसफर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.