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मिशन 2022: विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटीं बसपा सुप्रीमो, पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल

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Published : Jul 7, 2020, 7:36 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव के लिए प्रमुख राजनीतिक दल पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं. सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अम्बेडकरनगर के चार बड़े नेताओं को अलग-अलग मंडलों का प्रभारी बनाया है.

मायावती.
मायावती.

अम्बेडकरनगर: लंबे दौर से चल रहे राजनीतिक वनवास को तोड़ने के लिए आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटी बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. 2022 की जंग फतह करने के लिए बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के सबसे पुराने और अपने अतिविश्वस्त नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए बसपा सुप्रीमो ने अम्बेडकरनगर के चार नेताओं को अलग-अलग मंडलों का प्रभारी बनाया है. पार्टी संगठन में जिले के नेताओं का दबदबा साफ तौर पर दिख रहा है.

2012 विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार गंवाने के बाद बसपा न तो प्रदेश और न ही केंद्र की राजनीति में वापसी कर सकी है. ऐसा नहीं है कि पार्टी चुनवों के प्रति गंभीर नहीं थी. पार्टी ने हर वो जतन किया जो उसे सही लगा. युवाओं को भी पार्टी में अहम जिम्मेदारी मिली थी. वहीं दलित मुस्लिम गठजोड़ बनाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन प्रयोग सफल नहीं हो सका.

पुराने और विश्वस्त को दी गई जिम्मेदारी
2017 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ, लेकिन इसमें भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी और पार्टी लंबे समय से सत्ता से दूर हो गई. अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी रणनीति को बदल 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना राजनीतिक वनवास खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल करते हुए अपने पुराने और विश्वस्त सिपहसलारों को जिम्मेदारी दी है.

इन नेताओं को मिली है जिम्मेदारी
बसपा सुप्रीमो ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के लिए अम्बेडकरनगर के चार नेताओं को अलग-अलग मंडलों का प्रभारी बनाया है. उन्होंने अपने अति विश्वासपात्र बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा को लखनऊ मंडल का प्रभारी बनाया है. जब 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत सरकार बनी थी, उस समय लालजी वर्मा बसपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को इलाहाबाद मंडल का प्रभारी बनाया है.

त्रिभुवन दत्त को भी मिली है बड़ी जिम्मेदारी
वहीं पूर्व राज्यसभा सदस्य घनश्याम चन्द्र खरवार को फैजाबाद, बस्ती और गोरखपुर मंडल का प्रभारी बनाया गया है. खरवार मायावती के करीबियों में शुमार हैं. इसके अलावा देवीपाटन मंडल की जिम्मेदारी पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त को दी गयी है. त्रिभुवन दत्त बसपा सुप्रीमो के विश्वास पात्र टीम का हिस्सा हैं और मायावती ने इस्तीफा देने के बाद अपनी सीट से इन्हें चुनाव लड़ाया था. पार्टी प्रमुख ने जिन चार नेताओं के कंधे पर भार डाला है, वे सभी पार्टी के सबसे पुराने नेताओं में शामिल हैं, लेकिन ये तो वक्त ही बताएगा कि बसपा सुप्रीमो का यह दांव कितना सफल होता है.

बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के बड़े पदों पर बदलाव के साथ अम्बेडकरनगर के संगठन में भी बदलाव किया है. इसके तहत राम अचल गौतम, दयाराम राजभर और सुनील सावंत को सेक्टर प्रभारी बनाया गया है. बसपा जिलाध्यक्ष अरविंद गौतम ने उक्त बदलाव की पुष्टि करते की है. उन्होंने नव नियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए पार्टी मुखिया को धन्यवाद दिया है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि इन नेताओं के मार्गदर्शन में पार्टी नई ऊंचाइयों को छुएगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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