अलीगढ़ : अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. ऐसे में कई ऐसे लोगों की कहानी सामने आ रही है, जिन्होंने किसी न किसी रूप में राम मंदिर के लिए कोई ना कोई प्रण किया. ऐसी ही एक कहानी अलीगढ़ में एक वृद्धा आश्रम चलाने वाले सत्यदेव शर्मा की है, जिन्होंने करीब 37 साल पहले अपना गांव छोड़ दिया था. सत्यदेव शर्मा ने 21 साल पहले सपने में भगवान शंकर के कहने पर एक प्रण लिया था कि जब तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वह अन्न नहीं ग्रहण करेंगे. अब जबकि 22 तारीख को अयोध्या में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है तो सत्यदेव शर्मा खुश हैं और उनका कहना है कि निर्विध्न यह प्रोग्राम संपन्न हुआ तो उसके बाद ही वह अन्न ग्रहण करेंगे. वह भगवान श्रीराम के दर्शन करने 20 तारीख को अयोध्या भी जा रहे हैं. सत्यदेव शर्मा के परिवार में तीन बेटे, पत्नी, बहु, नाती, पोते सभी हैं, लेकिन वह इन सबसे दूर वृद्धाआश्रम में वृद्धों की सेवा करने में लगे हैं.
![अलीगढ़ में वृद्धाआश्रम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-01-2024/up-ali-01-satydev-sharma-vis-byte-10052_15012024190729_1501f_1705325849_954.jpg)
'सपने में आए थे भगवान शंकर' : सत्यदेव शर्मा ने बताया कि वह अतरौली तहसील के गांव चकाथल का रहने वाले हैं. मौजूदा समय में 37 साल से जवाहर नगर में वृद्धा आश्रम चलाते हैं. वह बताते है कि उन्होंने 21 साल से अन्न नहीं खाया. वजह यह थी कि वह भगवान शंकर की पूजा करते हैं. काफी समय पहले एक दिन सपने में मुझे 21 साल पहले भगवान शंकर ने कहा कि 'मैं भगवान राम का भक्त हूं, मेरे इष्ट हैं. मुझसे सपने में यह कहा कि भगवान राम का अयोध्या में मंदिर नहीं बन पा रहा है तो मैंने कहा कि मैं बनवा नहीं सकता हूं, लेकिन कोई प्रण ले सकता हूं कि मैं जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा, तब तक अन्न नहीं खाऊंगा. तब से मैंने अन्न छोड़ दिया. जब तक मंदिर नहीं बनेगा तब तक मैं यह ग्रहण नहीं करूंगा. अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयास से मंदिर बना है. उम्मीद है कि 22 तारीख को मंदिर में रामलला स्थापित होंगे. अगर वह बिना किसी परेशानी के होते हैं तो उसके बाद मैं अन्न ग्रहण करूंगा. उन्होंने कहा कि मैने पांच साल कच्ची लौकी खाई. उसके बाद नींबू की शिकंजी बनाकर डेढ़ लीटर पानी छह चम्मच चीनी और नमक डालकर एक बार मैं पीता था. छह नींबू रोज लेता था. इसी तरह से मूंगफली खाता था. पीएम नरेंद्र मोदी की मेहरबानी है कि हमारे प्रण को पूरा कर रहे हैं. मैं बिल्कुल दर्शन करने के लिए जाऊंगा और यहां से 20 तारीख को हम निकलेंगे.
'हम खुश हैं कि दर्शन करने के लिए जाएंगे' : आश्रम में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला मिथलेश देवी शर्मा ने बताया कि हम चार साल से रह रहे हैं. सत्यदेव शर्मा को जब से जानते हैं जब से आए हैं, यहां पर वह अन्न नहीं खाते हैं. राम मंदिर बन जाएगा तब खाएंगे, इन्होंने ऐसा कहा है. इनको हमने कभी भोजन ग्रहण करते हुए नहीं देखा. जब इनका प्रण पूरा हो जाएगा तभी अन्न खाना शुरू कर देंगे. हम खुश हैं कि दर्शन करने के लिए जाएंगे.