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UP Election 2022: जानिए कौन-सी सीटों पर लगी है आगरा के भाजपा प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर

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Published : Feb 8, 2022, 1:42 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 4:07 PM IST

10 फरवरी को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के प्रथम चरण (UP Election 2022 1st Charan) का मतदान होगा. इस चरण में आगरा के तीन वीवीआईपी विधानसभा सीट आगरा छावनी (agra chhavni), आगरा ग्रामीण (agra gramin vidhan sabha) और बाह सीट (Bah Vidhan Sabha) पर सबकी नजर टिकी रहेगी.

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भाजपा प्रत्याशी

आगरा: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के प्रथम चरण (UP Election 2022 1st Charan) का मतदान 10 फरवरी होगा. मंगलवार की शाम प्रथम चरण के मतदान वाले आगरा, मथुरा समेत 11 जिलों में चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. आगरा की तीन वीवीआईपी विधानसभा सीट हैं. जहां 'माननीय' की प्रतिष्ठा दांव पर है. इमनें आगरा छावनी (agra chhavni) से राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश (Dr. GS Dharmesh), आगरा ग्रामीण (agra gramin vidhan sabha) से उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य (baby rani maurya) और बाह विधानसभा (Bah Vidhan Sabha) से भदावर राजघराने की रानी पक्षालिका सिंह (Rani Pakshalika Singh) चुनाव मैदान में हैं. एक तरफ जहां डॉ. जीएस धर्मेश करोड़पति हैं तो बाह विधायक रानी पक्षालिका सिंह यूपी की सबसे अमीर महिला विधायक हैं.

तीनों ही 'माननीय' की किस्मत 10 फरवरी को ईवीएम में बंद हो जाएगी. फिर दस मार्च को उनकी हार-जीत का पता चलेगा. लेकिन इससे पहले ईटीवी भारत के इस स्पेशल रिपोर्ट में जानें कि कैसी है 'वीवीआईपी' सीट का जातिगत 'गणित' और 'माननीय' की स्थिति?

आगरा छावनी विधानसभा में डॉ. जीएस धर्मेश की प्रतिष्ठा दांव पर

सन् 1967 के विधानसभा चुनाव में आगरा छावनी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. फिर सन् 1985 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. सन् 1989 से 1996 तक इस सीट पर भाजपा को जीत मिली. सन् 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में यहां बसपा को जीत मिली. इसके बाद 2017 के चुनाव में भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश जीते और योगी सरकार में राज्य मंत्री भी बने. इस सीट पर अभी तक सपा का खाता नहीं खुला है. 2017 के बाद भाजपा ने एक बार फिर राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश पर अपना दांव लगाया है.

वाल्मीकि, मुस्लिम और राठौर वोटर की भूमिका अहम

आगरा छावनी के चुनाव मैदान में भाजपा प्रत्याशी डॉ. जीएस धर्मेश के सामने सभी नौसिखिया प्रत्याशी हैं. सपा के कुंवरचंद वकील आगरा से लोकसभा चुनाव लड़े हैं. मगर अनुभव और लोकप्रियता में भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश से पीछे हैं. यहां भाजपा का पलड़ा भारी है.

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भाजपा के अलावा बसपा के भारतेंदु अरुण की जाटव वोटर्स पर पकड़ है. भारतेंदु अरुण की कोशिश मुस्लिम वोटर को नीले खेमा में लाने की है. ऐसे ही कांग्रेस प्रत्याशी युवा सिकंदर वाल्मीकि की समाज में अच्छी पैंठ है. वहीं भाजपा प्रत्याशी डॉ. जीएस धर्मेश बड़ा दलित चेहरा हैं. उनका भाजपा के साथ ही अपना खुद का वोट बैंक हैं, जिससे उनकी जीत भी दिख रही है. जातीय समीकरण से छावनी में भाजपा, सपा और बसपा के प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हैं.

आगरा छावनी विधानसभा के प्रमुख प्रत्याशी

  • भाजपा से डॉ. जीएस धर्मेश।कांग्रेस से सिकंदर वाल्मीकि।
  • बसपा से भारतेंदु अरुण।
  • सपा से कुंवरचंद वकील।
  • आप से प्रेम सिंह ।

आगरा छावनी विधानसभा में जातिगत वोटर

  • कुल मतदाता- 462281
  • महिला मतदाता- 210099
  • पुरुष मतदाता- 252162
जाति का नामवोटर
जाटव85000
वाल्मीकि45000
मुस्लिम42000
वैश्य42000
राठौर40000
ब्राह्मण35000
सिंधी व पंजाबी27000
जाट21000
यादव19000

(जातिगत मतदाताओं के आंकड़े लगभग में हैं)।

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1. भाजपा प्रत्याशी राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश करोड़पति
उम्र : 68 साल।
शैक्षणिक योग्यता : एमबीबीएस ।
आय का स्रोत : चिकित्सा एवं पेट्रोल पंप।
स्वयं पर नकदी : एक लाख रुपए।
पत्नी पर नकदी : 40 हजार रुपए।
स्वयं ने भरा इनकम टैक्स : 817146 रुपए।
पत्नी ने भरा इनकम टैक्स : 392500 रुपए।
स्वयं की चल संपत्ति : 858778 रुपए।
पत्नी की चल संपत्ति : 1040000 रुपए।
स्वयं की अचल संपत्ति: 1.90 करोड़ रुपए।
पत्नी की अचल संपत्ति : 1.50 करोड़ रुपए।
पत्नी पर आभूषण : 266 ग्राम सोना। (कीमत 10 लाख रुपए)।

2. बाह छावनी विधानसभा में रानी पक्षालिका सिंह मैदान में

आजादी के बाद यूपी में 17 बार विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें से बाह विधानसभा में अब तक 11 चुनाव में भदावर राजघराने के सदस्य विधायक बने. सन् 1962 में पहली बार भदावर राजघराने के राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते.
फिर यहां से राजघराने के सदस्य ही विधायक बने. सन् 2007 में बसपा के मधुसूदन शर्मा ने राजघराने के राजा अरिदमन सिंह को हराकर उलटफेर किया था. लेकिन पांच साल बाद चुनाव में राजा अरिदमन सिंह ने सपा के टिकट पर मधुसूदन शर्मा को हराया और कैबिनेट मंत्री बने. सन् 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से रानी पक्षालिका सिंह विधायक बनीं. भाजपा ने रानी पक्षालिका सिंह को बाह से प्रत्याशी बनाया है.

बाह में यूं बन रहे जातीय समीकरण

बाह विधानसभा में 80000 ठाकुर, 80000 ब्राह्मण, 40000 निषाद और 40000 जाटव मतदाता हैं. यहां पर वैश्य, गुर्जर, मुस्लिम सहित अन्य तमाम जाति के मतदाताओं की संख्या भी हजारों में हैं. यहां पर जातिगत समीकरण ब्राह्मण वोट बैंक में बसपा छोड़कर आए सपा प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा और कांग्रेस की मनोज दीक्षित सेंध लगा रही हैं. बसपा ने निषाद वोट बैंक को देखकर नितिन वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. मगर, यहां सीधी टक्कर भाजपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक रानी पक्षालिका सिंह और सपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक मधुसूदन शर्मा के बीच है. क्योंकि, हाल में ही टिकट कटने पर फतेहाबाद से भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा ने अब सपा जिलाध्यक्ष हैं. पूर्व विधायक जितेंद्र वर्मा की निषाद समाज में अच्छी पकड़ है. इसलिए सपा की झोली में ब्राह्मण, वैश्य और निषाद वोटर्स आ रहे हैं.

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बाह विधानसभा का जातिगत समीकरण

कुल मतदाता- 332703
महिला मतदाता- 150 837
पुरुष मतदाता- 181576

जाति का नामवोटर
ठाकुर80000
ब्राह्मण80000
निषाद 40000
जाटव40000
गुर्जर12000
वैश्य10000

(जातिगत मतदाताओं के आंकड़े लगभग में हैं)।

इस चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख प्रत्याशी

पार्टी का नामप्रत्याशी का नाम
भाजपारानी पक्षालिका सिंह
कांग्रेसमनोज दीक्षित
बसपानितिन वर्मा
सपामधुसूदन शर्मा
आपनीरज करोरिया

भाजपा प्रत्याशी रानी पक्षालिका सिंह

उम्र : 61 साल।
शैक्षणिक योग्यता : स्नातक ।
आय का स्रोत : उद्यम एवं कृषि।
स्वयं पर नकदी : 25 हजार रुपए।
पति पर नकदी : 25 हजार रुपए।
स्वयं ने भरा इनकमटैक्स : 471190 रुपए।
पति ने भरा इनकमटैक्स : 2630510 रुपए।
स्वयं की चल संपत्ति : 22356843 रुपए।
पति की चल संपत्ति : 13069503 रुपए।
स्वयं की अचल संपत्ति: 5 करोड़ रुपए।
पति की अचल संपत्ति : 31 करोड़ रुपए।
स्वयं पर आभूषण: 42.38 लाख रुपए के।
पति पर आभूषण : 24.22 लाख रुपए।

3. आगरा ग्रामीण विधानसभा में पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य पर दांव

आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट सन् 2012 में अस्तित्व में आई थी. सन 2017 में भाजपा की हेमलता दिवाकर विधायक बनी. लेकिन भाजपा ने जनता की नाराजगी के चलते हेमलता दिवाकर का टिकट काटकर उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य पर दांव लगाया है. वह दलितों का एक बड़ा चेहरा है. उनके सामने रालोद से महेश जाटव, बसपा की किरन प्रभा केसरी, कांग्रेस से उपेंद्र सिंह और आम आदमी पार्टी से अरुणकांत कठेरिया मैदान में हैं.

बेबीरानी मौर्य का महेश और किरन प्रभा से मुकाबला

भाजपा प्रत्याशी पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य दलितों का बड़ा चेहरा है. लेकिन उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा जनता का आक्रोश है, जो मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर का जनता कर रही थी. इस सीट के सवा लाख दलित मतदाता भाजपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद में भी बंट रहे हैं. यहां एक लाख से ज्यादा मुस्लिम, यादव, कुशवाहा मतदाता हैं. इसमें भी रालोद प्रत्याशी महेश जाटव, बसपा प्रत्याशी किरन प्रभा केसरी और अरुण कांत कठेरिया भी सेंध लगा रहे हैं. भाजपा के पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया के बेटे अरुण कांत कठेरिया हैं, जो 2 साल से क्षेत्र में तैयारी कर रहे थे. लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इस पर अरुण कांत आप प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं और भाजपा प्रत्याशी के लिए मुसीबत बने हुए हैं.

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बाह विधानसभा का जातिगत समीकरण

कुल मतदाता- 423456

महिला मतदाता- 193255

पुरुष मतदाता- 230201

जाति का नामवोटर
दलित125000
मुस्लिम40000
यादव40000
जाट 35000
क्षत्रिय व ब्राह्मण30000

(जातिगत मतदाताओं के आंकड़े लगभग में हैं)।

इस चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख प्रत्याशी

पार्टी का नामप्रत्याशी का नाम
भाजपाबेबी रानी मौर्य
कांग्रेस उपेंद्र सिंह
बसपा किरन प्रभा केसरी
रालोद महेश जाटव
आप अरुण कांत कठेरिया

भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य

उम्र : 65 साल।
शैक्षणिक योग्यता : एमए बीएड।
आय का स्रोत : कृषि।
स्वयं पर नकदी : 50 हजार रुपए।
पति पर नकदी : 50 हजार रुपए।
स्वयं ने भरा इनकमटैक्स : 2622800 रुपए।
पति ने भरा इनकमटैक्स : 448060 रुपए।
स्वयं की चल संपत्ति : 8950000 रुपए।
पति की चल संपत्ति : 7500000 रुपए।
स्वयं की अचल संपत्ति: 10572774 रुपए।
पति की अचल संपत्ति : 1650000 रुपए।
स्वयं पर आभूषण: 15 लाख रुपए के।
पति पर आभूषण : 10 लाख रुपए के।

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Last Updated :Feb 8, 2022, 4:07 PM IST
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