ताजमहल पर बंदरों के आतंक से दहशत में पर्यटक, पर्यटन कारोबार बेहाल

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Published : Sep 22, 2022, 9:08 PM IST

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आगरा में ताजमहल पर बंदरों का आतंक(Monkeys terrorize Taj Mahal) लगातार जारी है. ऐसे में पर्यटक सुखद अनुभव की बजाय बुरा अनुभव लेकर लौट रहे हैं और यह आगरा के पर्यटन कारोबार के लिए अच्छी बात नहीं हैं.

आगराः मोहब्बत की निशानी ताजमहल पर बंदरों का आतंक(Monkeys terrorize Taj Mahal) और उत्पात थम नहीं रहा है. ताजमहल परिसर में एंट्री करते ही देशी-विदेशी मेहमान दहशत में आ जाते हैं, क्योंकि, उत्पाती बंदर आए दिन ताजमहल परिसर या ताजमहल के आसपास घूमने वाले पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं. गौरतलब है कि बीते 16 दिन में 8 ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिसमें बदंरों ने देशी-विदेशी पर्यटकों को काट लिया. उत्पाती बंदरों की वजह से पर्यटक सुखद अनुभव की बजाय बुरा अनुभव लेकर लौट रहे हैं. यह आगरा के पर्यटन कारोबार के लिए अच्छी बात नहीं हैं.

दरअसल, ताजमहल पर उत्पाती बंदर सुबह और शाम पर्यटकों पर हमला करके घायल कर रहे हैं. वहीं, इसके पीछे एएसआई की अलग थ्योरी है. एएसआई अधिकारियों का मानना है कि, बंदरों का रात में डेरा ताजगंज श्मशान घाट और दशहरा घाट पर रहता है. बंदरों के झुंड सुबह भोजन की तलाश में ताज नेचर पार्क और उसके आसपास के क्षेत्र में निकलते हैं, तो बसई घाट से ताजमहल पसिर में प्रवेश करते हैं. इसलिए सुबह-सुबह ताजमहल में बंदरों के निशाने पर पर्यटक आते हैं.

ताजमहल में बंदरों का आतंक

एएसआई अधिकारियों का मानना है कि जब शाम को बंदरों के झुंड ताजगंज श्मशान घाट या आसपास वापस लौटते हैं, तो दशहरा घाट या पूर्वी गेट के पास स्थित हाथी घाट की दीवारों से ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं. इस दौरान भी बंदर लगातार पर्यटकों पर हमला बोल रहे हैं. स्थानीय लोगों भी उत्पाती बंदरों से परेशान हैं. ताजमहल के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने बताया कि, ताजमहल परिसर में डंडे से बंदरों को भगाने और डराने के लिए चार कर्मचारियों की डयूटी ताजमहल पर लगाई है.

पढ़ेंः आगरा में बंदरों का आतंक, समाधान के लिए हाईकोर्ट पहुंचे ताजवासी

डीएफओ आदर्श कुमार( DFO Adarsh ​​Kumar) का कहना है कि कमिश्नर आगरा की बैठक में ताजमहल के बंदरों की समस्या को लेकर मंथन किया गया है. कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. एएसआई की ओर से किस तरह से ताजमहल में बंदरों के प्रवेश को रोका जाए. इस पर काम किया जा रहा है. वहीं, बंदरों को पकड़ने को लेकर अधिकारियों से लगातार चर्चा की जा रही है.

खाने की तलाश में हमलावर बंदर
खाने की तलाश में बंदर ताजमहल परिसर में पर्यटकों पर हमला या छीना झपटी करते हैं. कई बार पर्यटकों के हाथ से कीमती सामान जैसे मोबाइल, पर्स, खाने-पीने की चीजें छीनकर बंदर भाग जाते हैं. बंदरों को लगता है कि यह खाने की चीज है.

नगर निगम और वन विभाग नाकाम
ताजमहल पर उत्पाती बंदरों को लेकर एएसआई लगातार जिम्मेदार नगर निगम व वन विभाग के अधिकारियों को पत्राचार कर रहा है. उत्पाती बंदर पर्यटकों को घायल कर रहे हैं और ताजमहल परिसर में फव्वारा और स्मारक परिसर में तोड़फोड़ करके नुकसान पहुंचा रहे हैं. इतना ही नहीं, सीआईएसएफ के जवानों को भी डयूटी करने में बंदरों की वजह से परेशानी होती है. एएसआई की शिकायत पर नगर निगम और वन विभाग अभी तक ताजमहल पर बंदरों की समस्या के समाधान पर कोई इंतजाम नहीं कर सका है, जिससे आगरा की छवि विदेशों में खराब हो रही है.

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पर्यटन सीजन से पहले बदनामी का सता रहा डर
बता दें कि, आगरा का पर्यटन सीजन अगले माह अक्टूबर से शुरू होगा, जो मार्च 2023 तक रहेगा. ऐसे में लगातार उत्पाती बंदर ताजमहल या आसपास के क्षेत्र में पर्यटकों पर हमला या झपट्टा मारकर जख्मी कर रहे हैं. इससे आगरा की छवि विदेशों भी खराब हो रही है, जिससे पर्यटन कारोबारियों को डर सता रहा है. कहीं , विदेशी पर्यटक आगरा आने से परहेज करने लगे तो पहले ही कोरोना से आगरा का पर्यटन कारोबार बेपटरी है. उसे पटरी पर आने में अभी और वक्त लगेगा. सपा मुखिया अखिलेश यादव भी आगरा शहर और ताजमहल पर बंदरों की समस्या को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे हैं.

हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने बंदरों के आतंक को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसमें राज्य सरकार, नगर निगम समेत नौ विभाग को विपक्षी बनाए गए हैं. अधिवक्ता केसी जैन ने इस मामले पर अब सुनवाई अक्टूबर माह में है.

बंदरों की समस्या के निदान की मांग
वरिष्ठ टूरिस्ट गाइड शमसुद्दीन का कहना है कि एक साल से लगातार बंदर पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं. एएसआई, वन विभाग और नगर निगम ने अभी कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है. इससे आगरा की छवि विदेशों में खराब हो रही है. टूरिस्ट गाइड मोनिका शर्मा का कहना है कि ताजमहल में पर्यटकों की बंदरों से सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम होने चाहिए.

मुंबई के पर्यटक सुरेश राम ने बताया कि बंदरों की फैमिली प्लानिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. पर्यटकों को बंदरों के पास जाकर फोटोज नहीं खींचना चाहिए. कनेडियन पर्यटक कैरम ने बताया कि, मंकी रेस्क्यू की व्यवस्था की जाए. टूरिस्ट की सिक्योरिटी की सही व्यवस्था करनी चाहिए.

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हाल की घटनाएं

10 सितंबर-2022: ताजमहल परिसर में बंदरों ने झपट्टा मारकर तमिलनाडु के नीलगिरी निवासी शाहीन रशीद को घायल किया था.
11 सितंबर-2022: स्वीडन की पर्यटक व्योनक ड्रेसलर पर ताजमहल के मेहमानखाने के पास बंदरों ने हमला करके घायल किया.
14 सितंबर-2022: ताजमहल परिसर में चमेली फर्श पर घूम रही दो विदेशी युवतियों पर बंदरों ने हमला किया था.
19 सितंबर-2022: स्पेनिश पर्यटक सांड्रा को मेहमानखाना के पास बंदरों के झुंड ने घेरकर हमला किया, जिसमें सांड्रा जख्मी हो गईं थी. उन्हें फोटोग्राफर योगेश पारस ने फर्स्ट एड दी थी.
19 सितंबर-2022: ताजमहल में वीडियाे प्लेटफार्म पर आठ वर्षीय बच्चा शाेएब की पीठ पर बंदर ने काट लिया था.
21 सितंबर-2022: स्पेनिश पर्यटक क्रिस्टीना ताजमहल के पूर्वी गेट की टिकट विंडो पर खड़ी थी, तभी बंदर ने क्रिस्टीना के पैर पर काट लिया.
22 सितंबर-2022: पश्चिमी बंगाल के पर्यटक सलाम को बंदरों के झुंड ने ताजमहल परिसर में चमेली फर्श पर घेर लिया. बंदर ने हमला करके जख्मी कर दिया.

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