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आगरा: फतेहपुर सीकरी की शाही जामा मस्जिद में अदा की गई ईद-उल-अजहा की नमाज

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Published : Aug 12, 2019, 11:33 PM IST

नमाज अदा करते अकीदतमंद

यूपी के फतेहपुर सीकरी की शाही जामा मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई. लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर मुबारकबार दी और इस मौके पर देश में अमन चैन की दुआ मांगी.

आगरा : जनपद के फतेहपुर सीकरी शाही जामा मस्जिद में अकीदतमंदों ने ईद की नमाज अदा कर देश के लिए अमन-चैन की दुआ मांगी. इस दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. जहां मस्जिदों और ईदगाहों पर व्यापक पुलिस बल तैनात किया गया था.

जामा मस्जिद में अदा की गई ईद उल जुहा की नमाज.

मांगी देश में अमन चैन की दुआ -

  • फतेहपुर सीकरी शाही जामा मस्जिद में अकीदतमंदों ने ईद की नमाज अदा की.
  • इस मौके पर देश में अमन चैन की दुआ मांगी गई.
  • बकरीद के त्यौहार को सकुशल संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन सतर्क था.
  • जगह-जगह शांति समितियों की बैठक कर आम जनमानस को हिदायतें दी गई थीं.

इस लिए देते हैं कुर्बानी -
बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है. अल्लाह ने जब हजरत इब्राहिम से अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी की मांग की तो उन्होंने कुर्बानी में अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देनी चाही क्योंकि हजरत इब्राहिम सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करते थे.

जब हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं. इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्‍दा खड़ा हुआ देखा. बेदी पर कटा हुआ दुम्बा (सउदी में पाया जाने वाला भेंड़ जैसा जानवर) पड़ा हुआ था, तभी से इस मौके पर कुर्बानी देने की प्रथा है.

इसे भी पढ़ें: बाराबंकीः ईद-उल-अजहा की नमाज पर अकीदतमंदों ने मांगी मुल्क की तरक्की

आज ईद के खास मौके पर एसडीएम किरावली ज्योति राव, सीओ अछनेरा नम्रता श्रीवास्तव, कोतवाल फतेहपुर सीकरी भूपेंद्र बालियान व कस्बा इंचार्ज अमित कुमार, एसआईएस कमांडर चंद्रवीर सिंह आदि लोग लोगों की सुरक्षा के लिए मौजूद रहे.

Intro:फतेहपुर सीकरी।
फतेहपुर सीकरी शाही जमा मस्जिद में बड़े ही ख़ुलूस के साथ नमाज़ ईद उल जुहा अदा की गई।
बकरा ईद जिस को ईद उल जुहा भी कहा जाता है
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बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है.  इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं. इन तीनों हिस्सों में से एक हिस्सा खुद के लिए और शेष दो हिस्से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दिए जाते हैं. ऐसा करके मुस्लिम इस बात का पैगाम देते हैं कि अपने दिल की करीबी चीज़ भी हम दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं.
अल्लाह ने जब हज़रत इब्राहीम से अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी की कुर्बानी मांगी तो हजरत इब्राहिम अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने चले। चुकी हजरत इब्राहिम सबसे ज्यादा प्यार अपने बेटे से करते थे । जब हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्‍दा खड़ा हुआ देखा. बेदी पर कटा हुआ दुम्बा (सउदी में पाया जाने वाला भेंड़ जैसा जानवर) पड़ा हुआ था, तभी से इस मौके पर कुर्बानी देने की प्रथा है.
आज ईद के खास मौके पर एसडीएम किरावली ज्योति राव, सीओ अछनेरा नम्रता श्रीवास्तव, कोतवाल फतेहपुर सीकरी भूपेंद्र बालियान,व कस्बा इंचार्ज अमित कुमार,एसआईएस कमांडर चंद्रवीर सिंह आदि लोग मौजूद रहेConclusion:1.बाईट: सज्जादा नशीन सैफ मियां चिश्ती दरगाह हजरत शेख सलीम चिश्ती फतेहपुर सीकरी।
2. विजुअल।
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