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25 साल तक ब्रज-ब्राह्मण सियासत का केंद्र रहे रामवीर उपाध्याय, हाथरस से रह चुके हैं 5 बार विधायक

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Published : Sep 3, 2022, 11:55 AM IST

पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजेपी नेता रामवीर उपाध्याय का शुक्रवार देर रात आगरा में निधन हो गया. वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. 64 वर्षीय रामवीर उपाध्याय, मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और हाथरस से 5 बार विधायक रह चुके हैं. आइये जानते हैं रामवीर उपाध्याय के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलू.

रामवीर उपाध्याय.
रामवीर उपाध्याय.

आगरा: पूर्व ऊर्जा मंत्री और भाजपा नेता रामवीर उपाध्याय का शुक्रवार की देर रात आगरा में निधन हो गया. पूर्व मंत्री रामवीर पिछले 25 साल से लगातार ब्रज और ब्राह्मण राजनीति के केंद्र रहे. आगरा समेत आसपास के जिलों में ब्राह्मण समाज के साथ ही सर्वसमाज में उनकी गहरी पैठ थी. यही कारण था कि, 15 जनवरी 2022 को भाजपा ने उन्हें न केवल पार्टी में शामिल किया बल्कि, विधानसभा चुनाव में भी उतारा था. मगर, बसपा में उनकी अलग पहचान थी. वे बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे थे. बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनकी पत्नी जनता दरबार लगाते थे. उनके निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है.

साल 1993 में रामवीर उपाध्याय ने गाजियाबाद से वकालत छोड़कर हाथरस की राजनीति में आए. पहला चुनाव निर्दलीय लड़े और हार गए. लेकिन, उसके बाद साल 1996 में बसपा की टिकट से हाथरस विधानसभा से विधायक बने. जब पहली बार बसपा की सरकार बनी तो पहली बार में ही कैबिनेट मंत्री बने. 2002 में फिर से हाथरस विधानसभा से चुनाव लड़े और रालोद प्रत्याशी देवस्वरुप शर्मा को हरा दिया. फिर बसपा सरकार में परिवहन और ऊर्जा जैसे दो मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली. तीसरी बार रामवीर फिर बसपा से ही मैदान में उतरे और फिर रालोद प्रत्याशी देवेन्द्र अग्रवाल को हराकर विधानसभा पहुंचे. फिर तीसरी बार कैबिनेट मंत्री बने और ऊर्जा मंत्रालय मिला. 2012 में हाथरस विधानसभा सीट सुरक्षित होने के कारण वह सिकंदराराऊ विधानसभा पहुंच गए. यशपाल सिंह चौहान को करीब 1 हजार वोट से हराया. 5 साल तक विधायक रहने के बाद 2017 में वह फिर सादाबाद से बसपा के उम्मीदवार बने और सपा प्रत्याशी देवेन्द्र अग्रवाल को हराया.

अभिनेता राज बब्बर को हराकर पत्नी बनी थी सांसद
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने साल 2005 में अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को राजनीति में उतारा और सबसे पहले उन्हें हाथरस का जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती की नजदीकी से सीमा उपाध्याय को साल 2009 के लोकसभा चुनाव में आगरा की फतेहपुर सीकरी से चुनावी मैदान में उतारा. गौरतलब है कि सीमा उपाध्याय अभिनेता राजब्बर को हराकर सांसद बनीं.

जुलाई 2021 से बिगड़ी रामवीर की हालत
जुलाई 2021 में रामवीर उपाध्याय ने अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मैदान में उतारा. जिस दिन मतदान हो रहा था. उसी वक्त रामवीर की तबीयत बिगड़ी. इसके बाद से ही वे सक्रिय राजनीति से दूर होते चले गए. इसके बाद 15 जनवरी 2022 को पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया. स्वास्थ्य खबर होने की वजह से वे भाजपा कार्यालय नहीं गए. भाजपा ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने उन्हें शास्त्रीपुरम आवास पर भाजपा में शामिल कराया और सादाबाद विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा. जहां विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

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