ETV Bharat / state

160 साल पहले आगरा किला से चलती थी शहर की सरकार, जानें आगरा म्यूनिसिपलिटी का इतिहास

author img

By

Published : Apr 19, 2023, 2:05 PM IST

Updated : Apr 19, 2023, 5:19 PM IST

आगरा नगर निगम सन 1863 में ब्रिटिश हुकूमत में बनाया गया था. तब जनता की डिमांड के हिसाब से नगर निगम लोगों के लिए व्यवस्था करती थी. उस समय आगरा नगर को 212 गली-मोहल्लों को 17 क्षेत्र में विभाजित किया गया था.

आगरा म्यूनिसिपलिटी
आगरा म्यूनिसिपलिटी

आगरा म्यूनिसिपलिटी के इतिहास की जानकारी देते इतिहासकार राजकिशोर 'राजे'

आगराः निकाय चुनाव के पहले चारण में आगरा मतदान होना है. लेकिन, क्या आप जानते है आगरा नगर निगम का इतिहास 160 साल पुराना है. ब्रिटिश हुकूमत की नार्थ वेस्ट प्रोविंस की राजधानी आगरा में अंग्रेजों ने सन् 1863 में आगरा म्युनिसिपलिटी की स्थापना की थी. तब शहर की पहली सरकार यानी आगरा म्युनिसिपलिटी का कार्यालय आगरा किले में बनाया गया था. आज 160 साल बाद आगरा नगर निगम का स्वरूप कितना बदला, चलिए आपको बताते हैं.

अंग्रेजी हूकुमत ने शहर के बेहतर विकास और जनता की सुविधाओं को लेकर आगरा में म्यूनिसिपलिटी बनाई. वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि, नगरपालिका एक्ट 25 (सन 1850) के मुताबिक, अंग्रेजी हुकूमत ने सन 1863 में आगरा म्यूनिसिपलिटी की स्थापना की गई थी. इसका कार्यालय आगरा किले में बनाया गया था. इससे पहले आगरा में टाउन चौकीदार एक्ट लागू था. इससे आगरा म्यूनिसिपलिटी को 21 हजार रुपए की आय होती थी. वहीं, चौकीदार नगर की सुरक्षा करता था. आगरा म्यूनिसिपलिटी का कार्यालय आगरा किला से सन 1890 में सैमसनगंज यानी आज के मोतीगंज स्थित दारा शिकोह की लाइब्रेरी में शिफ्ट किया गया. इसके बाद सन 1960 के दशक में नगर पालिका का कार्यालय एमजी रोड पर शिफ्ट किया गया.

ब्रिटिश राज में यह था बोर्डः बता दें कि, ब्रिटिश राज में सन 1863 में पहला आगरा म्यूनिसिपलिटी के बोर्ड का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष मजिस्ट्रेट को बनाया गया था. शुरुआत में बोर्ड के सभी सदस्य सरकारी अधिकारी हुआ करते थे. मगर, बाद में इसमें बदलाव किया गया और आगरा म्यूनिसिपलिटी में 21 सदस्यों का बोर्ड बनाया गया. इसमें 5 सरकारी और 16 गैर सरकारी सदस्य चुने गए. आगरा में नगर निकायों पर शोध कर चुके तरुण शर्मा बताते हैं कि, ब्रिटिश राज में आगरा म्यूनिसिपलिटी की स्थापना की गई थी. उस समय म्यूनिसिपलिटी में चेयरमैन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सिविल सर्जन के साथ सरकार की ओर से नामित दो अधिकारी होते थे. जबकि, 16 वार्डों से जनता के लोग नामित किए जाते थे. उस समय जनता जैसे डिमांड करती थी. उसी के आधार पर व्यवस्था की जाती थी.

सन 1894 में आय थी पांच लाख रुपयेः अंग्रेजी सरकार ने प्रशासन की सुविधा के हिसाब से आगरा नगर को 212 गली-मोहल्लों को 17 क्षेत्र में विभाजित किया था. सन 1881 की जनगणना के मुताबिक, तब आगरा नगर की आबादी 2,91,044 थी. इसमें 21409 साक्षर व्यक्ति थे. वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि सन 1881-82 में आगरा म्युनिसिपलिटी के 981 मकानों में से सिर्फ 162 मकानों से हाउस टैक्स लिया जाता था. सन 1882 में आगरा म्युनिसिपलिटी की एक कमेटी बनी. इसमें 25 सदस्य चुने जाने लगे. सन 1894 में आगरा म्युनिसिपलिटी की आय पांच लाख रुपए हो गई.

1893 में लगा था वाहन और जानवरों पर टैक्सः मुगल काल और ब्रिटिश काल में यमुना नदी, उसके पुल से आवागमन और नाव चलती थी. उस समय नाव टैक्स वसूलने के साथ आयात पर टैक्स आगरा म्यूनिसिपलिटी वसूलती थी. सन 1893 में पहली बार आगरा म्युनिसिपलिटी ने वाहनों और जानवरों पर टैक्स लगाया था.


1902 में बिछाई गई सीवर लाइनः सन 1900 में शहर को गंदगी से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका एक्ट पारित किया गया. इसके बाद साल 1902 में आगरा शहर में 80 हजार रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाई गई. यह सीवर लाइन हाथीघाट से आगरा किला के पास जाकर यमुना में मिलती थी. जो साल 1904 में बिछकर तैयार हुई थी. जिस समय अंग्रेजों ने आगरा म्युनिसिपलिटी का गठन किया था. उस समय आगरा शहर की आबादी 1.49 लाख थी. इसके बाद सन 1881 में आगरा शहर की आबादी बढ़कर 1.6 लाख हो गई थी. ब्रिटिश काल में आगरा जिला 1850 वर्ग मील में फैला था. इसमें 1201 गांव आते थे, जिनमें 1.65 लाख घर थे. तब हर एक मील में 89 घरों का औसत था.

ये भी पढ़ेंः अंग्रेजी हुकूमत में DSP की नौकरी छोड़ 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन से जुड़े थे शंभूनाथ चतुर्वेदी, बने थे नगर प्रमुख

Last Updated :Apr 19, 2023, 5:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.